ज़िंदगी के तजुर्बे पर शायरी हर किसी के जीवन के अनुभवों पर आधारित रहती है।अच्छे या बुरे तजुर्बे ही हमें समय-समय पर सबक़ भी देते है और कभी हमारी पीठ भी थपथापते है।अच्छी घटनाएँ जहाँ दिल को ख़ुशी देती हैं तो खराब हालात जीवन की सीख दे जातें हैं|

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|जिन्दगी में आगे बढ़ने के लिए अनुभव भरी शायरी|

 जिन्दगी के तजुर्बे पर शायरी

 

ज़िंदगी के तजुर्बे पर शायरी यानी मन को खट्टे-मीठे अनुभव कराए बारी-बारी

55 Precious तजुर्बा शायरी|

1)मन को जिसने जाना

जीवन को भी पहचाना।

 

2)ईश्वर कड़े इम्तिहान लेते गए

तजुर्बे भी अपनेआप होते  गए।

 

3)बिन प्रयास होते हैं,जब सारे काज

आशीर्वाद वाला हाथ ही,तो था साथ।

 

4)उम्र तो कभी आड़े,नहीं है आती

जीवन के तजुर्बे की,जब बात आती।

 

5)जब-जब ज़िंदगी में,कठिन दौर आया

न जाने किस की दुआ का,असर पाया।

 

6)आवश्कताओं की सूची,जितनी कम

ज़िंदगी में रहते,उतने ही कम फिर ग़म।

 

7)शांत समुद्र की सतह सा,ठहराव चाहिए

मन की चंचल लहरों पर,लगाम चाहिए।

 

8)अपने ग़मों को जज्ब करना,जैसे ही अपनाया

समझदार व्यक्ति का ख़िताब,झोली में पाया।

 

9)दौरे-ख़िज़ाँ में धैर्य ही,साथ देता है

बसंत भी फिर पीछे से आ,खिलता है।

 

10)अज्मते-गोयाई में बहुत बड़ी,ताक़त होती है

दुख के वक्त में सबको,साथ लिए होती है।

(अज्मते-गोयाई=वाक् शक्ति की महानता)

 

11)जन्म से तय होता है,मौत का दिन भी मुर्करर

ज़िंदादिली से जीयो न,मान ख़ुद को सिकंदर।

 

12)आँखें दिल के राज़ को,छिपा ही नहीं है पाती

ख़ुशी के या ग़म के है आंसू,बयाँ कर है जाती।

 

13)अजा-ए-शक्ति बन,हर पल लगता ख़ुशनुमा

दुखों को साथी बना,विचार बना मेरा रहनुमा।

 

14)सताईश या हो तनकीद ,फर्क नहीं पड़ना चाहिए

गीता के सार को जितना हो सके,अपनाना चाहिए।

(सताईश=तारीफ़।तनकीद=आलोचना)

 

15)तय है कुछ आपके,कदमों को रोकेंगे

पर कुछ उनमें से,अपना सहयोग देंगे।

 

Best तजुर्बे पर status 

 

16)चाशनी में घुली,वो ज़ुबा की मिठास

कड़वाहट बाद में करती,मन में खटास।

 

17)घर में यूँ तो सबसे छोटा था,उम्र में

वजनी बात थी उस की ही,घर भर में।

 

18)सीधी सरल सी ही तो,चाही थी ज़िंदगी

शातिर जमाने की चाल,न समझ सकें कभी।

 

19)छोटी सी बात चुभ जाती है,कई बार अक्सर

बड़ी-बड़ी परेशानियाँ,झेल जाते है पर हंसकर।

 

20)ख़्वाबों ने माना नींदे बहुत हैं,हमारी उड़ाई

उन्हें ही पाने की ख़्वाहिश,मगर काम आई।

 

21)मन के भाव जब स्वयं,व्यक्त नहीं कर पाते हैं

आँखों से नीर नदियाँ से,अविरल बह जाते हैं।

 

22)दुख विपत्ति ने पीछे खींचना,जब-जब चाहा

हिम्मत ने आगे बढ़,रास्ता बना लिया अपना।

 

23)खूबसूरत काया पर,न इतना इतराना

एक दिन तो है इसे,हर हाल ढल जाना।

 

24)नन्हें से दिल की उमंग को,ताउम्र ज़िंदा रखिए

माँ-बाप साथ नहीं होंगे जब,ऐसे याद रखिए।

 

25)च सुनने का जिगर,सबके पास नहीं है होता

मीठे अन्दाज़ में बता कर ही,तब कहा है जाता।

 

26)भीड़ का तो अपना,हिसाब किताब होता है

पुराना बदला निकालने का भी,जवाब होता है।

 

27)सीधे सपाट रास्ते में,अचानक से मोड़ आ जाते हैं

संभलने से पहले ही,दूसरी चोट भी खा जाते हैं।

 

28)उम्र की लकीरें तजुर्बे,ब्यां कर गई सारी दास्ताँ

सोच समझ के निर्णयों से,बनती ज़िंदगी ख़ुशनुमा।

 

29)ज़िंदगी तो खूबसूरत रंगों के,तालमेल से बनती हैं

थोड़े सा प्यार दिल में रखें,तो सबसे खूब जमती हैं।

 

30)चाहने से इज्जत और शोहरत,नहीं मिला करती

दिल से सही करने से,अडिग हो दिलों में है रहती।

 

जिन्दगी के तजुर्बे पर बेहतरीन रचनाएँ

 

31)जीवन भर जिसने क़ायदे के पाठ,औरों को पढ़ाए

हालतों  के आगे स्वयं भी,बेबस से ही नज़र आए।

 

32)उदासी देख दूजे की जो लोग,आत्म संतोष पाते हैं

न जाने क्यूँ वो भी,उसकी गिरफ़्त में आ ही जाते हैं।

 

33)दिल की व्यथा जब दिल को,बहुत ज़्यादा तड़पाए

चलो कुछ अच्छा सा कार्य,निस्वार्थ हो किया जाए।

 

34)जीवन की सारी जटिलताओं को,

समेटना ज़रूरी है

ग़मों को छुपा दिल में,

अधरों पर मुस्कान ज़रूरी है।

 

35)ग़मे-तन्हा हो ज़िंदगी में,

तो आंसू पी लें चुपचाप

दिखावे की सहानुभूति तो,

मुफ़्त में मिलती है अपनेआप।

 

36)किनारे बैठ कर नहीं जानी जाती,

समुद्र की गहराई

सच्चे मोती तो ढूँढने होंगे स्वयं,

यही है जीवन कि सच्चाई।

 

37)जीवन सागर में चंचल लहरें,

मचल-मचल जाती हैं

संकल्प रखे ग़र मज़बूत,

असर नहीं फिर करती हैं।

 

38)रिश्तें निभाने में ना-नुकुर करना,

अच्छी बात नहीं लगती है

ज़िंदगी बिन रिश्तें,

हसीं क्या कभी लगा करती है!

 

39)थोड़ा सा ज़िद्दी,

थोड़े बचपने का होना भी ज़रूरी है

आख़िर वक्त अपने लिये,

निकालना भी ज़रूरी है।

 

40)बहुत समझाते है बेकल दिल को,

किया कर ज़रा इत्मीनान

चार की ज़िंदगी में ग़म पर दिखते,

टूटा हो जैसे आसमान।

 

41)दर्दे-दिल की दवा,

ढूँढते रह गए सारे के सारे जमाने में

अपने अंतर्मन को टटोला जब,

मिली वही के तहख़ाने में।

 

42)बेबाक़ सही निर्णयों से,

बुरा तो ज़रूर लग सकता है

शांत मन एकांत में,

ग़लत साबित भी तो नहीं कर सकता है।

 

43)अकेलापन एक ऐसा ज़हर,

बचना जरा है मुश्किल

मिलते जुलते रहिए अपनों से,

ख़ुशियाँ करेंगे हासिल।

44)कोमल हृदय स्त्री,

जटिल परिस्थितियों को झेल जाती है

बस हृदय के कोमल उद्द्गार को ही नहीं,

कभी कह पाती है।

 

 

45)तजुर्बों के नाम पर,

मुखिया बनने का ढोंग काम नहीं आया

नौनिहालों ने उन्हीं की रस्मों को,

तोड़ कर जब दिखाया।

 

जीवन के अनुभवों पर सुविचार 

 

46)निराशा भी कई बार तो,

कुछ ऐसा सबक़ दे जाती है

हारने के ख़ौफ़ से,

निडर बना बेख़ौफ़ भी कर जाती है।

 

47)इतिहास के पन्नों में,

जीवन जीने की कला नज़र आती है

अफ़सोस पढ़ते है वही सब,

दिल को जो सुकून पहुँचाती है।

 

48)हर ज्ञान-ध्यान की बात ज़ोर शोर से,

सबको बताई है जाती

स्वयं पर लागू करना होता,

तो किताबों से निकल ही नहीं पाती।

 

49)क्या कहिए तजुर्बों के नाम पर,

सांस लेने की पाबंदी जो लगाते हैं

खुले आम उन्हीं के चर्चे-आम हों,

तो तमतमा भी बहुत जाते हैं।

 

50)गिले-शिकवे ज़िंदगी से होते है न,

कितने ज़्यादा सबको अक्सर

गिरफ़्ते-बेबसी को छोड़,

उम्मीद का दामन थामे रखें बढ़ कर।

 

51)मन की अभिव्यक्ति कह हृदय,

हल्का महसूस करता है

पर कितनी मुश्किल से यह सब,

छोटा सा दिल कर पाता है।

 

52)घर-घर में शतरंज की बिसात बिछाना,

फ़ितरत किसी-किसी की होती है

शह -मात के खेल को सीखने के अन्दाज़ आने भी,

ज़रूरी बात हो जाती हैं।

 

54)शतरंज की शह-मात,जिसे आती है

ज़िंदगी उसकी करामात सी,लगती है।

जीवन का हर पल हर क्षण,है परिवर्तनशील

स्वयं पर कर भरोसा,बन हसीं मह-ए-कामिल।

 

55)आत्म-सम्मान या कुबेर का ख़ज़ाना

क्या प्राथमिकता है,ये आपको सोचना चाहिए

पैसे की अहमियत है,इसमें संदेह तो नहीं है

पर आत्म-सम्मान को रौंद कर मिले,तो पीछे हट जाइए।

ज़िंदगी के तजुर्बे पर शायरी सारे जीवन को चलचित्र की भाँति दिखा गई और अच्छे बुरे अनुभवों की कविताएँ दे गई।पढ़िए और COMMENT BOX में कौन सी रचना अच्छी लगी,बताइए ज़रूर।