पत्नी की याद में शायरी हर उस खुशमिजाज पति के जज्बात है जो अक्सर वो कह नहीं पाते हैं| एक अजनबी लड़की को पत्नी बना घर की स्वामिनी कहते कभी तो कभी दिलरुबा तो कभी कहते तुझ सा ना कोई दूजा|

आइये देखते हैं पति जी के दिल की बातें,आखिर अपनी प्रिया के लिए क्या है कहते|🥰

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|खूबसूरत हसीं गुड मार्निंग शायरी for wife|

 

पत्नी की याद में शायरी

पत्नी की याद में शायरी,लिखे सारे जज्बात दिल के रचनाओं द्वारा बारी-बारी 

Best हिन्दी याद शायरी for wife.101 श्रेष्ठ खूबसूरत रचनाएँ

1)उफ़्फ़ तौबा!तेरी वो हसीन अदाएं

यादों में आ-आ कर,हैं मुझे सताएँ।

 

2)दिल की रानी हो,तुम तो हमारी

जान भी हाज़िर, कहो तो एक बारी|

❤️

 

3)मृदुल मंद-मंद,स्मित हास्य तुम्हारा

यादों में भी धड़कनें,बढ़ा देता हमारा।

 

4)राधा संग कान्हा या सीता संग राम

यादों में भी सजनी,आता तेरा ही नाम|

💕

 

5)पत्नी जी तुम से तो,रिश्ता है ख़ास

यादों में भी हो,तुम ही ख़ासमख़ास।

 

6)यादों में आकर,यूँ न सताया करो

अरे! हम पे कुछ तरस,तो खाया करो।

 

7)तुम संग गुजरता,हर पल है अनमोल

दूर हो कर और भी,याद आए हर पल।

 

8)घर का माहौल रखती हो आनंदित

यादों में भी महक से,मन हो सुरभित।

 

9)नादाँ हूँ थोडा सा मैं,प्यार जताने में

दिल में हो तुम,अनाड़ी हूँ मनाने में|

 

10)मेरे प्यार की हद तुम नहीं हो जानती

यादों में करता कितना मिस,नहीं जानती|

 

11)दूरी का मिला है,इतनी जल्दी ही ईनाम

प्रमोशन हुआ साथ थी तुम्हारी,मुस्कान।

 

12)तेरे अहसास में भी,एक बात ख़ास है

यादों में भी दिखता,तेरा ही बस साथ है।

 

13)यादों में है बसी,तुम्हारी प्रफुल्लिता

खुश रहने की लबों पर,वो प्रसन्नता।

 

14)प्रिया तुम हो,बांसुरी की मीठी तान

यादों में मान राधा,करें गूंजित गान।

 

15)सारे जहां में तुम से,प्यार नहीं मिला

डाँट के साथ साथ,अनुराग नहीं मिला।

 

16)यूँ अदा से नज़रंदाज़ करके,तेरा जाना

याद है आता, फिर प्यार से मुझे मनाना|

 

17)तुम बिन घर में है, ख़ामोशी हर ओर

याद कर रहे मुझ संग,पक्षी भी सब ओर|

💕

 

18)यूँ तो हो बहुत ही,तुम आईना-मिज़ाज

यादें रह-रह आती,सोच हो ख़ुशमिज़ाज।

 

19)पत्नी बन ज़िंदगी में,लाई हो बहार

यादों में भी देती हो,अपना प्यार-दुलार।

 

20)सुनो!हो तुम ही तुम बस,हमारी प्रिया

यादें तड़पाती और जलाती हैं जिया।

 

 

पत्नी के लिये रोमांटिक शायरी

 

21)मेरी साँसों में बसी ख़ुशबू,है पूछती

यादों में क्यों,सामने तुम  नहीं दिखती।

 

22)तुम बिन रहती है यहाँ,वीरानी एकदम

यादों में ही हल्ला मचा दो,मेरी जानम।

 

23)जिन्दगी का सफ़र तो बस यूँही चलेगा

संग साथ तुम होंगी तो सुहाना लगेगा|

 

24)सुनो बहुत ही गर्व भाव से,आज कहता हूँ

यादों में भी पत्नी जी,बस तुम्हें देखता हूँ।

 

25)जीवन में तुम्हारा हमारा,है रिश्ता न्यारा

यादों में तुम हो आती,लिए प्यारा नज़राना।

 

26)काश! बन जाता कोई,एक ऐसा पैमाना

दिखाता यादों में भी हूँ,मैं तेरा ही दीवाना।

 

27)मृगनयनी सी नयनों की,काजल की धार

यादों में लगे जैसे सहरा में,बहे आबशार।

💕

 

28)एक मीठा अहसास,एक सुंदर सा ख़्वाब

दूर होकर भी सजनी,आती तुम्हारी याद।

 

29)इस दिल को तो,सिर्फ़ तुम्हारी हसरत है

नफ़स दर नफ़स,यादों में तुम्हारी चाहत है।

 

30)साथ तुम्हारे लगती ज़िंदगी,कितनी आसान

यादों में भी अकेलापन,करता मुझे परेशान।

 

31)वादा रहा अपना नहीं करेंगे कोई तकरार

यादों में भी जानम,करते है तुम्हीं से प्यार।

 

32)तारों भरा है आसमाँ,में ढूँढे अपना चाँद

याद सताती है देखते जब,ऊपर वाला चाँद।

33)होती हो संग जब,लगती ज़न्नत ज़मी पर

यादों में भी ख़्वाब दिखते,हमें ऐसे यहीं पर।

 

34)तुम संग हर हाल,निभाने का किया है वादा

यादों में भी बुनता हूँ,दुख कर पाऊँ तेरा आधा।

 

35)एक दिल की बात तुम्हें हूँ,चाहता बताना

यादों में आकर क्या ज़रूरी है,मुझे तड़पाना।

 

36)मेरे सपनों में भी है आता,तुम्हारा ही नाम

दिल किया तेरे हवाले,याद करना है काम।

 

37)मेरे समग्र जीवन का हो,तुम सुंदर आधार

यादों में भी है झलकता,स्नेहिल मृदुल प्यार।

 

38)सुनो!मायके से वापस,कब तुम आओगी

याद करता हूँ बहुत,कितना ओर सताओगी।

 

39)ज़ुल्फ़ों-रुख़्सार पर,वो सुर्ख़ गुलाबी रंगत

यादों में भी दिल चाहे,सिर्फ़ तुम्हारी संगत|

💕

 

40)मीठी बोली तुम्हारी,ज्यूँ बजे कहीं शहनाई

यादों मे लगे सजनी,तुम पायल बजाती आई।

बीवी के लिए इज्जत शायरी

 

41)अकेले में सुनती तुम्हारी,कोयल की कूक

यादों में हो विचलित,मिलने की उठती हूक।

 

42)तुम्हारे प्यार ने बनाया,मुझे भी एक शायर अभी

यादों में भी रचता रहता हूँ,शायरी कभी-कभी।

 

43)ज़िंदगी का सफ़र बनता,पत्नी तुम संग सुहाना

यादों में भी बना हूँ रहता तेरा पगला-दीवाना।

 

44)तुम्हारे लिए प्रिया,ख़ुदा से करते सदा दुआएँ

यादों में भी माँगते  हैं,सुंदर सी शुभकामनाएँ।

 

45)दूर जाकर ही ख़्याल है आता,मुझे यही अक्सर

एक आवारा से इंसान को,बनाया कितना बेहतर।

 

46)तुम्हारे आत्म विश्वास का,नहीं कोई भी जवाब

यादों में भी नज़र आता,तुम्हारा बिंदास अंदाज़।

 

47)दरीचे से आती हवा का,ठंडा झोंका गया ठहर

घर की रौनक को याद, वो भी करता हर प्रहर|

(दरीचे =खिड़की)

 

48)हृदय के सिंहासन पर है, राज सिर्फ तुम्हारा

याद में वीरान सा दिखता,हर ओर का नज़ारा|

 

49)अपने प्यार के पागलपन को,कैसे तुम्हें दिखाऊँ

यादें करती हैं विचलित,प्रिया कैसे तुम्हें रिझाऊं|

 

50)तुम्हारी बेपरवाही और खनकती हंसी का अंदाज़

यादों में भी आ जाता है एक बिंदास चेहरा ख़ास|

 

51)ये मेरा मन मुरझाया सा,करता तुम्हारा इंतजार

उधार में ले आओ न,संग फिर से वहीँ सपनें हज़ार|

 

52)मेरे सब्र का यूँ इस तरह से, न लो इम्तिहान

पलकें बिछाये हूँ बैठा,कब होंगे पूरे मेरे अरमान|

 

53)मोहब्बत के सही मायने, तुम ने ही तो सिखाए

अब दूर हो इतनी भला,कैसे हम प्यार दिखाए|

 

54)यूँ तो दिखती हो,हमेशा एक शांत समुंद्र सी नार

दूर होने पर सोचूँ,ग़ुस्सा क्यूँ करती हो इतना यार।

 

55)पत्नी को मान पराया,लोग करते है अक्सर ग़लती

जब पास न हो तो,पता है चलती बात ये जल्दी।

 

56)जीवन में और क्या चाहिए,एक घर हो न्यारा

पास रहें या दूर हो,बना रहे आपसी रिश्ता प्यारा।

 

57)हो मेरी तुम्हीं पसंदीदा हीरोइन और मधुशाला

यादों में भी है नशा, तेरे प्यार का देता हवाला।

 

58)निगाहों की वो कशिश तुम्हारी,बसी है हर वक़्त

यादों में भी दस्तक दे कर,बेधड़क आती बेवक़्त।

 

59)मधुर झंकृत सी लगती हो,ज़्यूँ पायल की झंकार

यादों में भी सुनता रहता हूँ,सप्तक सुरमई हुंकार।

 

60)सही गलत से ज्यादा मेरे मन को पढ़ती हो

मुझे कब क्या चाहिए,ध्यान पूरा रखती हो|

 

पत्नी की याद में प्यार भरे संदेश

 

61)चार दिन की ही तो बात है,क्यों हो इतना नाराज़

यादों में रोज़ ही करता रहता हूँ तुमसे मुलाक़ात।

 

62)करते हैं कितना प्यार तुमसे,नहीं मिलते अल्फ़ाज़

यादों में भी ज़िक्र से बढ़ जाती,धड़कनें अपने आप।

 

63)शक्ति बिन शिव और कृष्ण बिन कृष्ण अधूरी

दूरी है इतनी आज,कैसे आऊँ,विकट है मजबूरी।

 

64)चारों तरफ़ भीड़ ही भीड़,

है नज़र आती नहीं कोई परछाई

मगर साथ में नहीं तुम जीवनसंगिनी,

महसूस होती है बहुत तन्हाई।

 

65)नहीं माना था कभी भी,

होती है सच में कोई क़िस्मत

यादों ने सिखाया,

ख़ुदा ने बख़्शी एक तुम सी नेमत।

 

66)मेरे घर की बगिया की हो,

सबसे ख़ूबसूरत फूल

यादों में भी महक उठता हूँ,

हैरां हूँ हो कितनी कूल।

 

67)ये अपना बी-पी,शी-पी,

पत्नी जी,मत बढ़ाया करो

इतना सोच-सोच कर,

टेंशन में इतना मत आया करो।

 

68)पहले मेरी प्रेमिका और अब हो

मेरी जीवनसंगिनी

सफ़र पर चला हूँ ले संग,

तेरी मीठी यादों की चाशनी।

 

69)तोहफ़े में क्या लाऊँ,

बताती ही नहीं हो,पत्नी जी तुम

दूर हूँ देखो और ये सारे काम भी,

करती रही हो तुम।

 

70)एक अच्छे से पति की तरह,

नहीं करता कोई बहस

अब यादों में भी तुम से बात करने को,

चाहता है मन।

 

71)चुप चुप सा रहता हूँ,

मौक़ा तुम बोलने का देती ही नहीं

यादों में बड़बड़ाता हूँ,

अब यहाँ तो कोई टोकता नहीं।

 

72)सोलह आने शत् प्रतिशत बात

एकदम,सही है भैया

दूर होकर जाना,

बिन तुम नहीं चलेगी अपनी जीवन नैया।

 

73)थकान उतर जाती थी,

देख तुम्हारी मोहक मुस्कान

दूर तन्हा सा रहता हूँ यहाँ,

जैसे हो हर तरफ़ रेगिस्तान।

 

74)तुम से जुड़ कर सिखा मैंने,

जीने का नया एक अंदाज़

दूर होने पर भी हो रखती,

जिन्दा हर एक अहसास|

 

75)तुम से जुड़ी जब से  जिन्दगी

हुई ओर भी मुक्कमल

पास हो या दूर,प्यार में वहीँ

जज्बात है बने मुसलसल|

 

76)कैसे करूँ शुक्रिया उस ईश्वर का,

दी सुंदर सी सौग़ात

कुछ दिन की ही है दूरी,

सजनी जल्द होगी मुलाक़ात।

 

77)हुआ था खुश कि करेले का जूस,

नहीं मिलेगा अब

तुम बिन सब व्यंजन फीके,

मिलन न जाने होगा कब।

 

78)गोधूली की मद्धिम रौशनी में,

थका मंदा जब आता हूँ

याद आती है, होटल के वैभव को भी

फीका पाता हूँ|

 

79)तुमसे है प्यार कितना गहरा,

आज बताना चाहता हूँ

याद में धड़कनें है कितनी बेचैन

,दिखाना चाहता हूँ|

 

80)प्रेम सहयोग घर के प्रति तुम्हारा,

जिम्मेदारी भरा मान

पत्नी जी दूर होकर जगाता,

तुम्हारे लिए ओर भी सम्मान|

पत्नी की याद वाली कविताएँ हिन्दी में

 

81) तुम्ही हो दिल में खासमखास

हो तुम एक खूबसूरत अहसास

ख्वाहिशों में बसी है यही आरजू

जल्दी से आ मिलूं,करूँ गुफ्तगू|

 

82)तीज त्यौहार देख घरों में,

सुगंध आती पकवानों की

यादों में हाय आती महक

मिठाई साथ तुम्हारे बनवाने की।

 

83)मुझ जैसे निराशावादी को भी,

बना दिया आशावान

याद कर हूँ सोचता अक्सर यही

है शख़्सियत तुम्हारी कितनी महान।

 

84)सुबह की अदरक वाली चाय

और वो अपनापन

याद में भी आती ख़ुशबू,

पुलकित करती तन-मन।

 

85)हर बात तुम्हारी है निराली प्रिया,

समझ ही जरा देर से आई

साथ में रह ढूंढ़ता रहा कमियां,

दूर होकर याद तेरी ही आई|

 

86)तुम्हारे हाथ की बनी चाट-पकोड़ी,

गोलगप्पे और मीठी खीर

याद आता कैसे बना देती झटपट से,

मिटा देती मन की पीर|

 

87)यूँ तो कोई रक्त संबंध नहीं तुम से,

मोहपाश में बंधा पाता हूँ

कहते पत्नी आती पराये घर से,

यादों में भी स्नेह तुम्ही से पाता हूँ|

 

88)दिल है आज इतना उदास,

याद आती हैं तुम्हारी युक्तियाँ

जादू है कोई तो तुम्हारे पास,

हल करती पल में बजा चुटकियाँ।

 

89)गर्व करता हूँ बहुत,

क्या जौहरी सी परख है तुमने पाई

यादों में मुस्कुराता हूँ,

नायाब पति नाम की मोहर लगाई।

 

90)ये तुम्हारी हँसी की आदत,

बनाती तुम्हें हर दिल अजीज़

हूँ तो दूर तुम से,महसूस करता हूँ

तुम्हारी गरम सांसे बहुत क़रीब।

 

पत्नी याद आती सुंदर रचनाएँ

91)इनायत है उस खुदा की,

मिली तुम जैसी एक प्यारी  सौगात

ख्वाबों में भी रखती हो चुपचाप,

मेरा सारा हिसाब किताब|

 

92))यादों में जब भी करता आंख्ने बंद

तुम्हारी भोली सूरत नज़र आती है

मेरे लिए लिखी होगी उम्द्दा शायरी

बिन पढ़े ही मुझ तक पहुँच जाती है|

 

93)खुद को आईने में जो देखा आज.

हुआ कुछ हैरान,देख तुम्हारा साथ

दूर चला जाऊं चाहे कितना,जानेमन

हृदय में बसती हो तुम्ही,जैसे नशेमन|

 

94))तुम्हारी वो तर्क-वितर्क वाली बहस

फिर किसी भी बात को ना मानना

यूँ तो बात ठीक नहीं है लगती जाना

यादों में भी हिम्मत नहीं,उन्हें दफनाना|

 

 

95)ये तुम्हारा मेरे लिए है जो पजेसिव होना

अच्छा है पर यादों पर,हक़ अपना रखना

आख़िर कहीं न ला दे,हमारे बीच दूरियाँ

नींद में बजती रहती जानम,तुम्हारी चूड़ियाँ।

 

96)संग साथ सुबह की चाय पर,

याद आती तुम्हारी वो शायरी

हमें स्पेशल महसूस कराने में,

सुंदर शब्दों की वो जादूगिरी|

 

97)मन में मेरे है कितना,तुम्हारे लिये सम्मान

यादों की गवाही ही देगी,इसका प्रमाण।

चंचल मोहक सी लिए हुई,मीठी मुस्कान

यादों में भी दिखती, बसंत सी लिए पहचान।

😍

 

98)यूँ बेवजह दिल को,क्यूँ हो अपने जलाती

सिर्फ़ हूँ तुम्हारा ही,यक़ीं क्यूँ नहीं कर पाती

यादों का हिसाब ग़र देने का,होता कोई रास्ता

सच को दिखा दे पाता,अपने प्यार का वास्ता।

 

99)थोडा सा झुक काश!जाता,बात अलग होती

थोड़ा सा रुक मैं जाता,मुलाकात फिर होती

जानते हैं बहुत ही स्वाभिमानी हो तुम प्रिया

थोडा मन की बात तुम्हारी सुन लाते,बोले जिया|

 

100)व्हाट्सएप्प के ज़माने में भी,लिख भेजा तुमने एक ख़त

यादों में भी न जाने कितनी बार पढ़ा,मैंने वक्त-बेवक्त

बरसों पहले के पुरफूंसूँ-लम्हें,वो धड़कते शम्माए-अरमान

हाथों में हाथ थामा था,दुल्हने-लिबास में आई थी लिए एक पहचान|

(पुरफूंसूँ-लम्हें=जादुई क्षण)

 

101)बहुत करीने से गूंथे बालों का,एक नाजुक रेशमी डोरी में बंधा होना

बेतकल्लुफ अंदाज़ और दूरी में भी तेरे पास का अहसास होना

कहीं हीर का रांझा न बन घूमूं, इन आवारा सी गलियों में तन्हा

तड़प रहा हूँ तेरी याद में,लौट आओ जल्दी,ढूंढे तुम्हें मेरा मनवा|

पत्नी की याद में शायरी में एक सवेंदनशील पति की मनोभावनाओं को दर्शाने की पुरजोर कोशिश की है|बेहद आत्मीय भाव से लिखी जीवनसंगिनी के लिए प्यार भरी कविताएँ पढ़िए जरुर,और हाँ COMMENT BOX में अपनी राय भी लिखिए जरुर|