पिताजी की याद में शायरी में दिल के जज्बातों को बया करने का सुंदर प्रयास किया है|हर बच्चे की जीवन में ईश्वर की प्रतिमूर्ति पिता का स्थान सर्वोच्च रहता है|

पिताजी के न रहने पर उनकी याद में अपनी भावनाओं को कविताओं द्वारा भावभीनी श्रद्धांजली स्वरुप कोमल भावों में व्यक्त किया है|

पढ़ना न भूलें

|पिता पर हृदय से निकले अनमोल वचन|

पिता जी की याद में शायरी

पिताजी की याद में शायरी, याद दिलाए संग कर्तव्यों को निभाने की भी जिम्मेदारी 

पिताजी की याद में कविताएँ| 63 प्यार भरी सम्मानित रचनाएँ 

1)पिता एक नाम आदर का, मान का सम्मान का

याद में बसी उनकी बातें,उनके अद्भुत स्वाभिमान का| 

 

2)याद में आते ही जिनके,,जुड़ जाएँ करबद्ध हाथ 

पिता नाम है उनका,रोम रोम में बसे उनके सुंदर काम|

 

3)पिता के चेहरे की, निच्छल हंसी याद आती है

जीवन भर के सारी खुशियों को, फिर से दोहराती है| 

 

4)परिवार के लिए रहें, जो हमेशा ही समर्पित 

अपने लिए नहीं हमारे लिए, पिता रहे सदा अर्पित|

 

5)काश! आप के रहते ही, आपको समझ पाते 

पिता ने दी जो छाया ऐसी,ठंडी छांव को परख पाते|

 

6)बीते लम्हें न लौटे है, न ही कभी लौटेंगे

पापा आपकी यादें है अनमोल,न कभी भूलेंगे| 

 

7)जीते जी आपके पापा, कभी ऐसे न सोचा था 

चाह कर भी नहीं मिलेंगे,सपनें में भी न सोचा था| 

 

8)जाने अनजाने दिल,आपका दुखाया होगा

माफ़ कर देंगे,पिता हैं आप,ऐसे ही सोचा होगा| 

 

9)यादों की भंवर में अक्सर, दिल डूब जाता है 

पिता सा कोई नहीं होता,समय अहसास कराता है|

 

10)पापा थे आप जब, कुछ करने का नहीं ख्याल आया 

रुखसत होते ही जिम्मेदारियों का,हम पर दबाब आया|

 

11)दुनिया रुलाती है बेदर्द बन बहुत सताती है 

पिता जी आपके होते,ये नौबत कहाँ आती है|

 

12)पिता की डांट का अर्थ,बाद में समझ आता है

हुआ वहीँ सब कुछ कहा था जो आपने,तड़पाता है| 

 

13)पल याद आता वो विदा का समय,बहुत रुला जाता है 

जिस कांधे पर झूमता था,अंतिम यात्रा पर ले जाना होता है|

 

14)दिल कहता मुझे काश!,वो पल वहीँ रुक जाता 

खुदा से लड़ा क्यों नहीं,वापिस लाने का प्रबंध कर पाता|

 

15)पिता के बताये सबक से,जब सफलता है मिलती 

ख़ुशी के आंसुओं के साथ-साथ,यादों की झड़ी है लगती |

 

पिता की याद आई शायरी 

 

16)दीवार पर लगी,तस्वीरों से बातें करता हूँ

बस याद आने पर, ऐसे ही किया करता हूँ| 

 

17)कभी-कभी है लगता, कोई डांट तो लगाए

गलती पर कोई मुझे, पिता की तरह राह दिखाए| 

 

18)खिलोने की दुकान पर,ठिठक कर रुक जाता हूँ

पिता स्वयं भी हूँ, पर अपने पिता को वहां खोजता हूँ| 

 

19)पिता की अहमियत, स्वयं पिता बन कर ही है आती 

सामने देख कठिनाइयाँ,हालातों से गुजरने की कला हैआती|

 

20)मेरी नादाँ हरकतों पर,आप नहीं कभी झुंझलाए 

सहनशक्ति का दूजा नाम पिता है,समझ अब आए|

 

21)जीवन का शाश्वत नियम है,नहीं आप अब आयेंगे 

पापा ईश्वर से करता हूँ रोज विनती,कैसे कब मना पायेंगे|

 

22)पापा आप की यूहीं नहीं,लोग देते मिसाल 

त्याग का जिक्र हो,दिखते हैं आप ही बेमिसाल|

 

23)शाम जब भी मुझे अपने में, घेरती बन तन्हाई 

पिता के प्यार भरे हाथ की,ममता याद फिर आई|

 

24)सब कुछ घर में है,ऐशोआराम से भरपूर

स्नेह भरी आवाज़ पिता की,गुम हुई है बहुत दूर|

 

25)जीवन में कोई न उतर पाया, आज तक पितृऋण 

सेवा और प्यार भरे बोलों से,थोडा सा ही है होता कम|

 

26)आपके नाम से जाना जाता हूँ,आगे भी जाना जाऊंगा 

विरासत में वादा रहा पिता जी,आगे करके ही जाऊंगा|

 

27) तूफ़ान व्आंधी मुझे अब,जब भी आ डराती हैं 

पापा आपका नाम देख दरवाज़े से ही,लौट जाती हैं|

 

28)ख्वाब पूरे करने में,पिता का होता है योगदान 

शायद कोई बच्चा भूल पाए,उनसे मिले वरदान|

 

29)मन हो उदास तो,आसमां को है अपलक निहारता 

पिता नज़र आए काश!,पर बात वो उपरवाला नहीं है मानता| 

 

30)पिता के कमरे की हर चीज़ में, वो हैं नज़र आते 

बेजान वस्तुओं में भी,अलग अंदाज़ हैं फिर दिख जाते|   

 

पापा की याद में स्टेटस्

 

31)पिता की बात है होती,बहुत ही निराली और अनमोल 

बचपन में ऊँगली पकड़ चलाये,जवानी में सीख दे बेमोल|  

 

32)पिता की आँखों में, बेटे के सपनें हैं बसते 

उनके जाने के बाद बेटे हैं क्यों यह समझते|

 

33)याद आपकी आँखों में, नमी ले आती है 

 पिता जी की बातें, रह-रह रोज सताती हैं| 

 

34)शतरंज के दांवपेंच खेलना तो पापा,आपने ही सिखाया 

मन बच्चो का कैसे हैं रखते,स्वयं जानबूझ कर हार के दिखाया|

 

35)आप में दिखती थी, शब्दों की सुंदर अभिव्यक्ति 

पापा आज महसूस होती है आप बिन,हर ओंर विरक्ति| 

 

36)पिता जी आप से मिलती थी,अजा-ए-शक्ति हर पल 

होता है जैसे बहुत टूट सा गया,मेरा आंतरिक मनोबल|

,(अजा-ए-शक्ति=जीवन की शक्ति)

 

37)पिता के रहते हर दिन है लगता, मानों हो त्यौहार

अब त्यौहार होने पर रहता, आपके आने का ही इंतजार| 

 

38)शाम ढलते ही गोधूली में, मद्धिम होती रौशनी की चमक 

पापा  संग क्या लायेंगे स्पेशल,दिल में बढती थी मीठी कसक| 

 

39)मेरे सपनें ही बन गए थे,आपके भी अपनें से ख्वाब 

कोशिश पूरी करती  हूँ अब भी,दिल रहता पर उदास|

 

40)पिता जी आपके संग, छोटा सा घर भी लगता था बड़ा 

रहता हूँ अब बड़े बंगलें  में,पर मन है रहता यूहीं उखड़ा|

 

41)हाथ के बने छोटे से खिलोनों  में,आपको ढूंढा करता हूँ 

ममता  से लबरेज उनमें,आपकी छवि को  महसूस करता हूँ|

42)आपका कड़ा अनुशासन, डराता था मुझे अक्सर 

आज पापा उन्हीं आदतों की बदौलत,मिलें हैं अवसर| 

 

43)खेल-खेल में जीवन जीना, क्या खूब आपने सिखाया 

पापा आपकी सारी नसीहतों को,मैंने दिल से अपनाया|

 

44)देख मेरे अदब कायदे को,लोग आपको श्रेय देते हैं 

नाज होता हैं मुझे बहुत तब,मेरी भी तारीफ कर देते हैं|

 

45)संस्कारों की दौलत जो आप, विरासत में दे गए 

पूछता है दिल,पापा इतनी जल्दी क्यों आप चले गए|

 

काश! आप होते पापा शायरी 

 

46)परीक्षा मेरी और चहलकदमी आपकी,

रात भर थी रहती 

आज इस मुकाम पर पहुँच,

पापा आप बिन एक बेचैनी है रहती|

 

 47)एक बेपरवाही का सा अपना होता था,

बेफिक्र अंदाज़ 

पिता का आशीर्वाद बन स्नेह,

छाया रहता था संग-साथ|

 

48)दिल जब भी हो तन्हा,

खामोश सा हो जाता है 

पिता की तस्वीर में दुआ देता चेहरा,

नज़र आता है|

 

 

49)जीवन में बीते पल,

नहीं हैं लौटे कभी 

पिता की मीठी यादें भी,

नहीं हटती कभी|

 

50)पिता की कमी कोई भी नहीं,

भर पाया है जहाँ में आज तक 

ये वो प्राकृतिक दौलत मिलती रब से,

कम नहीं होती अंत तक|

 

51)चुपचाप से थके मांदे, 

जब आराम कुर्सी पर बैठे होते थे 

पिता तब भी हमारे  के लिए ही,

सुनहरे घरोंदे बुना करते थे|

 

52)ईश्वर को नहीं देखा,

सुना-पढ़ा है पर जरुर 

पिता में ही है नज़र आए सदा,

होता हूँ सोच मगरूर|

 

53)मेरे नाम से जिस दिन,

परिचय था दिया गया उनका 

बज्मे-इश्रत में सबसे संतुष्ट व गर्वीला

 चेहरा था उनका|

(बज्मे-इश्रत=ख़ुशी की महफ़िल)

 

54)जो आती मुसीबत को भांप,

चट्टान से खड़े हो जाते थे 

पापा थे वो आप कृष्ण सरीखे,

गोवर्धन को संभाल लेते थे|

 

55)पिता की हिलती दुलती कुर्सी में है, 

अभी भी वहीँ  जीवंतता

लगता है आप शांत मुद्रा में है सो रहे,

जीवन की ले सुखद संतुष्टता|   

 

आपकी बहुत याद आती शायरी papa

 

56)रात्रि भोज पर आपके संग, 

बहस खूब हुआ करती थी

सच में पापा जीवन की अबूझ पहेलियाँ,

सुलझा करती थी| 

 

57)जिन्दगी बेख़ौफ़ सिर्फ पापा के संग बनती है 

एक संबल बन साथ में,अटूट उम्मीद खड़ी होती है

हर मुसीबत से डर लगा ही नहीं, कभी भी ताउम्र 

कोई हर वक्त है मेरे पास,आस जीतने की बनी होती है| 

 

58)मुंडेर पर आई धूप से बचाने को,

अपनी शाल से ढकते थे 

पिता ही ऐसा कर सकते हैं

 क्योंकि उसकी तपिश को समझते थे|

 

59)क्षितिज के उस पार वो डूबता चाँद 

सुबह होने की उम्मीद बनाये रखता है 

भोर की किरणों में देख सूरज की लाली 

पापा आपके आने की नामुमकिन सी मुराद,रखता है| 

 

60)जीवन में पिता का प्यार ही सिर्फ 

अप्रदशित व दिखावे से दूर हुआ करता है 

तमस हो चाहे कितना भी घना चारों ओर 

शम्माए-अरमान की लौ जलाये रखता है|

 

61)जीते जी पिता की कद्र जो नहीं किया करते 

कितने रूखे सूखे से व्यक्तित्व उनके होते हैं 

घर के हर कोने में जिनके लिए होनी चाहिए महक 

वो शमशान से बियाबान हो खामोश से दिखते हैं|

 

62)कहते हैं लोग जाने वाले,

वापिस नहीं कभी आया करते 

परेशां हो दिल मेरा,

यूँ गहरी सोच में डूब सा जाता है 

यकीं है मुझ को मेरे खुदा पर इतना ज्यादा,

जानता हूँ 

तन्हा मैं बैठू जो अंधेरों में गर,

हाथ उनका महसूस करता हूँ|

 

63)जीवन के सबसे अच्छे और प्यारे,

पापा रहे दोस्त मेरे 

छुपाना चाहूं भी तो न छिप पाएं,

दिल के सारे राज मेरे 

कांधे पर हाथ उनका आज भी,

महसूस किया करता हूँ 

लौट आओ न अब

,दिल से आपकी बहुत ज्यादा मिस करता हूँ|

पिताजी की याद में शायरी पर लिखते हुए जज्बात बहुत भावुक हो जाते है|हमारे जीवन में उनकी अहमियत से कौन वाकिफ न होगा,सच पूछो तो पिता सबको याद आते हैं|पिता की याद में लिखी रचनाएँ पढ़िए जरुर|

COMMENT BOX में अपनी राय भी दीजिये|