बदलते रिश्तों पर शायरी लिखना मन को कभी-कभी दुखाता है,पीड़ा अनंत दे जाता है|जीवन में रिश्तों से ही जीवन की कहानी बनती है|क्या इन रिश्तों के बिना एक दिन भी आनंद मिलता है|नहीं न!

बदलते रिश्तों की शायरी पढने से अगर किसी का थोड़ा सा भी मन बदले तो यही इस ब्लॉग लिखने की सफलता होगी|

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|बिखरे हुए परिवार पर हृदयविदारक शायरी|

बदलते रिश्तों पर शायरी

बदलते रिश्तों की शायरी याद दिलाएगी,जीवन में इनकी महत्ता मनवाएगी

बदलते रिश्तों की शायरी इन hindi| 71  हृदयस्पर्शी कविताएँ

1)बदलते रिश्तों की दास्ताँ,कुछ लगती अजीब है 

पल भर पहले जो थे दिल के करीब,पल में दूर है|

 

2)सोच मन परेशां हुआ,कि कमी क्या रह गई 

मोहब्बत  की कसमें खुद ही, कैसे बिन कहे टूट गई| 

 

3)फूलों की सुंदर वादियों में,पतझड़ अच्छा नहीं लगता 

बदल गए रिश्ते एक क्षण में,ये गुलिस्ताँ नहीं अब लगता| 

 

4)सुना था वक्त ही,सबसे बड़ा गुरु होता है

बिन कहे सजा सख्त दे,बहुत कुछ कहता है| 

 

5)अपने रिश्तों पर न करना,इतना गुरुर 

बदल जाते है, करते दिल को चकनाचूर| 

 

6)सच्चाई फीकी दिखती हैं,एक सुंदर झूठ के सामने 

बदलते हैं जब रिश्ते,फरेबी ही हैं जंचते,अपनों के सामने|  

 

7)कुछ इस कदर चाशनी में घोल, दवा कड़वी पिला गए 

पराये घर में बैठे थे,अपनें न जाने हो रुसवा बाहर कब  चले गए|

 

8)सुना था पढ़ा था,जीवन चार दिन का होता है 

बदलते रिश्तों में लम्बा बहुत और कठिन लगता है| 

 

9)बड़ी तेज रफ़्तार है,संभल कर चलना जरुरी है 

जरुरी नहीं सफर में सब,आखिरी पड़ाव तक भी हो|  

 

10)चार अक्षर क्या पढ़ लिए,दिमागों में फितूर भर गया 

ऊँगली पकड़ चलना सिखाने वालो को,मझदार में छोड़ दिया|

 

11)रिश्तों की अहमियत को न समझे,जो रहते वक्त

दरवाज़े के पीछे सिसकियाँ,मद्दम स्वर में आती बेवक्त| 

 

12)बदलते रिश्तों ने मौसम के बदलाव को भी,पीछे कर दिया 

उनका था तय वक्त,इनका वक्त बदलने का न तय कभी हुआ|

 

13)माना पगडंडी छोटी सी थी,पर मिल कर चलने का था हुनर  

आज सब हासिल होता बहुत जल्द,पर नहीं करते किसी की फिकर|

 

14)जीवन में खोना-पाना,माना चलता है रहता 

रिश्तों के बिगड़ने पर,दुबारा कुछ नहीं रहता|

 

15)रिश्तों की सुगंध एक मिठास,लिए होती है खास 

पूछिए उनसे जरा,जो इनकी महक में बनते खासमखास|

 

बदलते रिश्ते कोट्स 

 

16)हर कोई एक अपनी-अपनी आदत,खुदा से लेकर है आता

कोई बदल जाता मौका देख,कोई किसी भी मौके पर नहीं बदलता| 

 

17)राह में मिलने वालों से रोज,आत्मीयता बनती चली गई 

ठोकर लगी जिस रोज,लगा इतनी मोह्हबत भी ठीक नहीं|  

 

18)जो रिश्ते ऊपर वाले की,रजा से है बनते

अपेक्षाएं भी ज्यादा हम,उनसे ही है सदा रखते|

 

19)उम्र भर का था, जो वायदा रिश्तों में 

पल में बदला ऐसा,निगाहें फिरीं रिश्तों में|

 

20)कुछ कमी नहीं थी,इंसानी फितरत थी, बदल जाते हैं 

बेमौसम में जैसे बदरा भी,बिन वजह भी बरस जाते हैं|

 

21)दिलों में जब आती दूरी,बदलते हैं रिश्तें 

यूँ कभी मीलों की दूरी में भी,कम नहीं होती चाहतें|

 

22)खुद से ज्यादा यकीं था, जिन रिश्तों पर अपने 

गलतफमियां अक्सर वजह, बन जाती हैं ऐसे में|

 

23)दूसरों की बातों पर, यकीं जो कर लिया 

रिश्तों में एक खिचांव को, महसूस भी किया|

 

24)रश्क हुआ करता है, जिन लोगों पर हमें 

पलट कर भी नहीं देखा, रुक कर उन्होंने|

 

25)बचपन में सीखा फंदों से,स्वेटर बुनने का तरीका  

एक फन्दा जो छूट गया,नहीं आया सही करने का सलीका| 

 

26)सही समय पर सही कदम,नहीं जब उठाते 

रिश्ते भी समय से पहले ही,दम है तोड़ जाते|

 

27)आपसी मिलने मिलाने का, हुआ ख़त्म अब दौर 

रिश्तों में पनपता स्नेह भी नहीं,दिखता किसी भी ओर|

 

28)झूठ में मीठी चाशनी की थी, इतनी मिलावट 

बरसों के रिश्ते बदले,सच में दिखी सारी बनावट|

 

29)समुद्र की लहरों में,रिश्तों की नहीं थी कोई हलचल 

बदले रिश्ते देखते-देखते,नहीं लगा एक भी पल|

 

30)बदलते रिश्तों में,एक बात तो साफ-साफ दिखती है 

वक्त अपना देना होता है,यह सलाह बिलकुल सच्ची है|

 

बदलते लोग बदलते रिश्ते शायरी 

 

31)पैसे की जरूरत है जीवन में,सब इसकी अहमियत मानते हैं 

संग अपनें न होगे साथ जब,फीकी जिन्दगी होगी,यह नहीं जानते हैं|

 

32)आरामदायक तो हैं,पर उलझी हुई है जिन्दगी

अपनों के संग ही होती है,प्यारी सी रब से बंदगी| 

 

33)अपनी सफाई नहीं दी यह सोच, बुरा अपनों को लगेगा

यूँ जायेंगे चुपचाप बदल,ऐसा तो सपनें में सोचा भी नहीं था|

 

34)मात खा हैं जाते वहीं,जहाँ विश्वास अँधा हुआ करता है 

अपनों से रहती बेफिक्री,विश्वासघात भी वही हुआ करता है|

 

35)सुना था रिश्तों में,वफ़ादारी है बहुत ही जरुरी

बेवफाई किसी न की,फिर भी न जाने क्यूँ हुई दूरी| 

 

36)सुख दुःख के अवसर,रिश्तों की कराते हैं सही पहचान 

साथ ही कुछ लोग देते छोड़,अहमियत देते कमाने में नाम| 

 

37)रिश्तें जो जन्म के साथ,बन सौगात आया करते हैं 

भरोसा ज्यादा होता उन पर,अब वो भी बदल जाया करते हैं|

 

38)बहुत प्यार से रिश्तों की, माला बनाई थी 

एक शक ने बिखरने में, देर नहीं लगाई थी|

 

39)वो हम से और हम उनसे,चाहते रहे यही उम्र भर 

पहले आप पहले आप से,नहीं सुधरे रिश्ते ताउम्र भर|

 

40)रिश्ते बेहतर करने को, संग घूमने का बनाया एक प्लान

चुपचाप चलते रहे रास्ते में,बुरा लगने की चिंता में रहें हलकान| 

 

41)ये आँखें भी बस,बहुत अजीब सी होती हैं 

बदलते देख रिश्तें,रोज-ए-जजा सी दिखती हैं| 

(रोज-ए-जजा=प्रलय का दिन)

 

42)महंगे तोहफे नहीं,आपसी लगाव दिखना चाहिए 

बदलते रिश्तों में,अपनेपन की डोज़ ज्यादा चाहिए|

 

43)वक्त के साथ साथ,खुद भी तो बदलते गए 

रिश्ते भी जाने अनजाने,अलग राह चुनते गए|

 

44)न जाने क्या हुआ,रिश्तों की मिठास है गुम पल पल 

दौरे-खिज़ां समय से पहले,आ मिला दहलीज़ पर प्रतिपल|

(दौरे-खिज़ां-पतझड़)

 

45)मन में था बहुत अरमान,शिकवे दूर करें हो रूबरू 

नहीं पता था आना पड़ेगा, उनके दर से हो बेआबरू|

 

बदलते रिश्तों पर रचनाएँ 

 

46)आदत सी उनकी बन गयी,हम ही झुकते रहे भला क्यों 

आखिर हद भी एक होती है,सोचा जब रूठ गए वो तभी त्यों| 

 

47)रिश्तों का कत्ल होगा नहीं, कह दिल बहलाए थे 

खंजर भी वो ही मारेंगे,मगर कातिल भी हम कहलाये थे|

 

48)गमें-पिंन्हा में आंसुओं को,जज्ब किए हुए थे

रिश्ते बदलेंगे इस तरह,अश्रुधारा बह निकले थे| 

 (गमें-पिंन्हा=छिपा हुआ दुःख)

 

49)छूटते हुए रिश्तों को,मानना जब भी चाहोगे  

अच्छा लगेगा दिल को और दूरी जरुर घटा पाओगे| 

 

50)खुद पर भरोसा रखे इतना,रिश्तों की बात हो जब 

नाराजगी मिट जाती है,प्यार से बुलाते बदलते रिश्ते को तब |

 

51)धैर्य है,कोशिश भी की,रिश्ते अपने न बदलने दें 

फिर भी एक गलतफहमी  ने,सब कुछ बदल दिया|

 

52)हवाओं के रुख में,कड़वाहट घुल गयी है इस कदर

कल तक जो मिलते थे खुल कर,नजर नहीं आते अब इधर| 

 

53)बदलते रिश्तों ने बात यह, साफ साफ कर दी आजकल  

कुछ लोग सिर्फ पैसों के सहारे ही, साथ है देते पल पल|

 

54)दिल के रिश्ते नहीं मिट सकते,सुना था अब तक 

बदलते दौर में  मगर, साबित सच हुआ अब तक| 

 

55)बदलते रिश्तों ने,सभी को एक बात सिखाई  

किताबों की बातें पढ़ कर, अमल नहीं लाई गई|

 

बदलते रिश्तों पर कविताएँ 

 

56)रिश्त्तों को वक्त देने की,सख्त है जरुरत 

इतनी मसरूफियत अच्छी नहीं,है यही हकीकत|

 

57)नए-नए वर्चुअल दुनिया में, बनने लगे है रिश्तें 

पुरानी चीजों की कौन समेटता है,इतना नहीं सोचते|

 

58)किस काम की ऐसी कामयाबी,जो अपनों को भूला दे

दूरी बना कर रखे ऐसे लोगो से,जो औरों को तव्वजो दे| 

 

59)गुलाबों से महकते रिश्ते,बदल जायेंगे ऐसे

दिल को काँटों की चुभन दें,नज़र बचाते जैसे|

 

 60)आपसी रिश्तों की मिठास,बीते दिनों की हुई बात 

बदले लोग बदले ख्यालात अब,नहीं दिखते वो जज्बात| 

 

61)बिन मौसम  बरसात को होते देखा है 

हँसते लबों पर खामोश चुप्पी को देखा है 

दिल पर चोट अपनें देते है बिन आवाज़ 

आंसुओं को आँखों में जब्त करते देखा है|

 

63)जीवन के बड़े दुःख सह लिए जाते हैं 

गमे -हयात के दर्द चुपचाप पी लिए जाते है 

लोग मानते हैं जिन्हें अक्सर बहुत हिम्मती 

 बदलते रिश्तों को सह वो भी नहीं पाते हैं|

 

64)सारी  उम्र की कमाई, रिश्तों में प्यार को माना था 

सुख दुःख में कांधे से मिल कर, चलने को ही जाना था 

ये कैसी बेरुखी की हवा, ज़माने में बहने लगी है अब 

बदलते हालात में अपनें जायेंगे बदल, यह नहीं जाना था |

 

65)जी तो चाहता है, मुहँ को फेर लिया जाए 

क्यों बेमतलब किसी की फिक्र को,अब किया  जाए 

अरमानों से जिन्हें पढ़ाने-लिखाने में, कमर झुक गई 

उन्हें उनके हाल पर छोड़,खुद के लिए जीया जाए|

 

बदलते रिश्तों पर अनमोल वचन 

 

66)क्या पैसों की तराजू में, वजन इतना आ गया

अपने पराये में फर्क नहीं, कोई भी अब दिख रहा 

तरिक्की के नाम पर, जो रिश्ते देते हैं बदल ऐसे 

कालचक्र के पहिये की गति का डर, भी नहीं रहा|

 

67)पूजा उपवास जब हद से, ज्यादा बढ़ जाए 

पर चेहरे पर नूर ख़त्म होता, हुआ दिख जाए 

यकीं करिए अंतर्मन गवाही, नहीं दे रहा होगा

अपनों को छोड़ने पर,क्या दिल नहीं दुखा होगा|

 

68)तस्वीर में मुस्कान को बिखरें होते हैं 

मिलने पर प्यार अधिक दिखा रहे होते हैं  

ये वो शातिर लोग हैं, मौजूद अपनों के बीच में

चाशनी में हल्का-हल्का, जहर मिला रहे होते हैं| 

 

69)दिल जब जानबूझ कर, किसी का भी कोई दुखाता है 

सुकून से वो भी जीवन में अपने, कहाँ चैन से रह पाता है

जिन्दगी में कई बार अपनों को,जब झटके से छोड़ देते हैं 

खुदा भी वक्त आने पर,सजा-ए-ऐलान जरुर सुनाता है|  

 

70)नहीं बचा आजतक, किसी का भी गुरुर

पैसा आने पर बहुत लोग, उछल जाते है जरुर 

बदलते हालात सबक ऐसा, सिखाते है फिर सबको 

नहीं टिक पता घमंड किसी का भी,होता पल में चकनाचूर| 

 

71)ईश्वर प्रदत मिला है यह सुंदर जीवन 

बुद्धि से पूर्णत विकसित यह मानव तन  

कदर अपनों की करा कीजिये समय रहते 

बदलोगे गर,फिजाएं भी बदल जाएँगी ऐ-मन|

बदलते रिश्तों पर शायरी लिखते हुए टूटते परिवार नज़र आते है|बदलते रिश्तों वाली शेरो-ओ-शायरी वाले इस ब्लॉग को पढ़िए जरुर क्योंकि अपनों के लिए  कोमल भाव जागृत होंगें  ही|ऐसा मेरा विश्वास है| 

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