बेइंतहा मोहब्बत पर शायरी एक ऐसा बेहद खूबसूरत अहसास है जिसको कविताओं के द्वारा शब्दों की माला में पिरो कर पहनाने की एक सुंदर कोशिश है|

बेपनाह प्यार पर अपने दिली जज्बात लिखना जीवन के उन अनछुए पहलुओं को जीवंत करने जैसा है|बेइंतहा प्यार की दास्ताँ सदियों तक जमाना सुनता है और दिल से महसूस भी करता है|

 

बेइंतहा मोहब्बत पर शायरी

बेइंतहा मोहब्बत पर शायरी,खामोश अहसासों को बया करने की हुई तैय्यारी

रोमांटिक मोहब्बत वाली शायरी| 51 कविताएँ दिल को भाएँ सारी

1)एक छोटी सी लबों पर,मीठी मुस्कान

बेइंतहा मोहब्बत की,यह पक्की पहचान।

 

2)बिन बात खुश, अब रहने लगे हैं

मोहब्बत को भी, समझने लगे हैं।

 

3)तेरे हंस देने पर, मुस्कुरा देते है

उदास देख तुम्हें, हम रो देते हैं

 

4)बेइंतहा मोहब्बत यानी एक अटूट भरोसा

स्वप्निल ख़्वाबों को,साकार करता हमेशा।

 

5)ये कैसा अहसास और ये कैसा है फ़लसफ़ा

शायद बेइंतहा मोहब्बत, इसी को कहते हैं।

 

6)पलकों में छिपा रखे थे ख़्वाब,एक मुद्दत से

अब उड़ान भर फलक में, चल दिये,ख़ुशी से।

 

7)ख़्याल अब ओर कहीं,गुम से हो जाते हैं

सोचते है कुछ ओर पर कह कुछ ओर जाते है।

 

8)सर्दी की गुनगुनी धूप सी,हसीन मोहब्बत

मन उपवन में गुलाब सी,महकती मोहब्बत।

 

9)एक प्यार करने के जुर्म में,क़ैद हो गये हैं

मोहब्बत नाम है उसका,कातिल करार हुए हैं।

 

10)दुनिया में हर ओर हर वक्त,तुम्हीं दिखते हो

सोचते है कि क्या मोहब्बत,इसे ही कहते हैं।

 

11)अधखुली आँखों में अनगिनत सपनें हैं दिखतें

यह  कैसा जादू है,फिजाओं में भी तुम ही तुम हो दिखते|

 

मोहब्बत वाली प्यारी शायरी

 

12)आईना को हम अब,बहुत इतराते हुए देखेंगे

मोहब्बत रास है आई,इठलाते हुए ही देखेंगे।

 

13)सुन आवाज़ तुम्हारी किसी भी पल,किसी भी प्रहर

मन मयूरी नाचे मेरा,दिखे जन्नत मुझे तो बस  हर ओर|

 

14)न जाने किस हिसाब से,हमें कातिल बनाया गया

जुर्म तो दोनों ने किया था,क़ैदी हमें बताया गया।

 

15)मन हो हर्षित तुम संग,बसंत हर ओर छाया है

सूरज की तपिश में भी,मन ख़ुशी से भर आया है।

 

16)बन तितली मन,बाग़ो-बहाँरा में उड़ता रहता है

हर फूल में दिखते हो,सोच बावरा सा हो उठता है।

 

17)निर्मल अविरल,कल कल बहती सी आबशार

बसंती हंसी सी,मोहक सी मोहब्बत की मुस्कान।

 

(आबशार=झरना)

 

18)बच्चों सी मासूम मुस्कान,जब अधरों पर आ जाए

मोहब्बत का अहसास,आपको हर पल खुश कर जाए।

 

19)मेरे दिल की बगिया के,हो तुम ही सुंदर बाग़वा

मोहब्बत के रथ पर चलेंगे,संग लें अपना कारवाँ।

 

20)नफ़स दर नफ़स बसे हो जैसे,संगीत के सात सुर

गोहरे-नायाब हो मेरे लिए,दुनिया में सबसे हंसीतर।

 

(नफ़स दर नफ़स=हर साँस के साथ जुड़ा होना|

गोहरे-नायाब=दुर्लभ मोती)

 

21)ऐतबार ख़ुद से ज़्यादा,अपनी पाक मोहब्बत पर है

हाथ थामे रखना बस,फिर दुनिया का भी डर नहीं है।

 

22)जीवन डोर थमाई तुम्हें,बना अपने माथे का चंदन

पूरे समर्पण और आत्म विश्वास से,करते अभिनंदन।

 

बेइंतहा मोहब्बत पर कोट्स

 

23)मन के भावों का जिस दिन,अनुवाद कर पाओगे

बेइंतहा मोहब्बत है कितनी,समझ ख़ुद जाओगे।

 

24)पूछता है मेरा बेबस हो कर,अक्सर यह अहले-दिल

बज़्मे-इश्रत नज़र क्यूँ आती है अब,बिन किसी महफ़िल।

 

(बज़्मे-इश्रत=ख़ुशी की महफ़िल)

 

25)छोटी सी ज़िंदगी में होती,जिन्हें बेइंतहा मोहब्बत हासिल

अमीर बादशाह होते हैं वो,मिलते जिनके दिल से दिल।

 

26)शब्द अनवरत हो सरल प्रवाह से,हो जाते है आबशार

कह जब नहीं पाते,आंसू बहते ऐसे नदिया की शांत धार।

 

27)ख़्वाबों-ख़्यालों में सहेज रखेंगे,ख़ुशी के यादगार लम्हें

उम्र के एक पड़ाव पर,क़ीमती ख़ज़ाने होंगे ये ही लम्हें।

 

28)भ्रमरों का गुंजन सा,हृदय में होता ऐसे गुंजायमान

मोहब्बत में दीदार तुम्हारा,बनाता समाँ शोभायमान।

 

29)तुम्हारे पास होने पर,दिल ख़ुश रहता है अपनेआप

दूरी होते ही तुमसे बना देती है,मिज़ाज को फिर उदास।

 

30)यकायक कल रात में एक ख़्वाब ने,आ हमें जगाया

कहकशॉ में परियों संग,हमें रूबरू आपसे मिलवाया।

 

31)दिल का समर्पण कर दिया,हो तुम्हीं हमारे शम्माए-अरमान

दर्दे-दिल की दवा हो तुम्हीं और हो तुम्हीं वक़्त-लुक्मान।

(वक़्त-लुक्मान=एक प्रसिद्ध वैद्य)

 

32)सप्तरंगों सा हसीन इंद्रधनुष,भरने लगा कुछ ऐसे रंगे-तलब

बूँदों की बौछार ज्यूँ शांत कर दें ,सहरा में पानी की तलब।

(रंगे-तलब=इच्छा के रंग| सहरा=रेगिस्तान)

 

33)तुम बिलकुल मेरे ही जैसे हो,रहते हो बस चुप चुप से

मोहब्बत में गिरफ़्त तुम भी और हम भी,खोए खोए से।

 

बेइंतहा मोहब्बत शायरी इन 2 lines

 

34)मोहब्बत का तोहफ़ा मिले जिसे,

मानों मिली उसे जन्नत

बेइंतहा चाहने वाला हो सफ़र में जब,

पूरी हुई जैसे कोई मन्नत।

 

35)चिड़ियों की चहक और डाली की लचक,

भाने है लगी

मोहब्बत बदल देती है इस कदर,

समझ अब मुझको भी है आने लगी।

 

36)मान प्रेम को अपनी आराधना,

आराध्य देव तुम्हें बनाया है

संगीत के सुंदर सुरताल से,

दिल के मंदिर को सजाया है।

 

37)ये तुम्हारी आत्मीयता और सहजता,

कराती महसूस अपनापन

शब्द भर उमंग हृदय में,दिखाए मन,

हुआ जो उल्लासित।

 

38)मन के कोरे काग़ज़ पर,

नाम तुम्हारा प्रेम से लिख दिया

सफ़र के हमसफ़र बन रहेंगे,

चाहत को सरेआम कर दिया।

 

39)बेइंतहा मोहब्बत की ही बात है,

खामोशी को पढ़ लेते है

ज़ुबा हो जब मौन व निशब्द,

मन को तब भी समझ लेते है।

 

40)यूँ दस्तक मोहब्बत की दहलीज़ पर,

हमारी राहें बदल देगी

एक अजनबी की चाहत,

इस हद तक हमें हो कर रहेगी।

 

41)दिल की है आरज़ू,मंजिले-मक़सूद हो

तुम ही संग हासिल

ख़ुशबू-ए-रूह से दिल में समाये हो,

ऐ-मेरे मह-ए-कामिल।

 

(मह-ए-कामिल=पूरा चाँद)

 

42)फ़िज़ाओं में चश्मे-मयगूँ से,

पाए-नाज़ुक अब रखते हैं

मोहब्बत उनसे हुई है,

दिल की धड़कन की हर हरकत समझते हैं।

 

(चश्मे-मयगूँ=नशीली आँखें।

पाए-नाज़ुक= कोमल पैर)

 

43)बिन पिए एक नशा,

एक खुमारी ख़ुदबख़ुद ही रहती है

भरी महफ़िल में भी,

मोहब्बत में गुमसुम सी हालत रहती है।

 

44)मोहब्बत में हमारी गुलाब ने,

अहम किरदार की भूमिका दिखाई

दिल एक दूजे को दे,

जीवन भर साथ देने का क़सम हमने है खाई।

 

बेइंतहा प्यार भरी शायरी 

 

45)दिन भर की मशक़्क़त की थकान

सिर्फ़ तुम्हें सोचते ही मिट जाती है

मोहब्बत बेइंतहा इसे कहते है,

जादू सा असर कर जाती है।

 

46)मुंतज़िर रहती हैं निगाहें देखने को,

अहो-अंजुम ऐ-बेकल दिल

ज़िद पर आया है अब चाहिये उसे तो,

अपना ही मह-ए-क़ामिल।

 

(अहो-अंजुम=चाँद-सितारें।मह-ए-क़ामिल=पूरा चाँद)

😍😍

 

47)जलन होने लगी हम से सबको,

देखा तुम्हें जिसने ऐ-मेरे रश्के-महताब

शुक्रिया उस ख़ुदा का,

क़बूल कर दुआ हमारी,पूरे किए सब ख़्वाब।

 

48)यूँ धीमे से मेरे हाथ को थाम लेने से,

सिहरन सी दौड़ जाती है

यक़ीं होता नहीं ख़ुद पर,

फलक को छूने का अहसास दिलाती है।

 

49)तुम्हारी बेपनाह मोहब्बत,

मुझे कमजोर नहीं सशक्त बनती है

दुनिया से लड़ने का एक अनोखा

किरदार मुझ में जगाती है।

 

50)मोहब्बत हो गई तुम से बेइंतहा इतनी,

हवाओं में जैसे चली हो पुरवाई

खूबसूरत लगने लगी ज़िंदगी,

ख़ुशी में बजती हो  जैसे प्यार की शहनाई।

 

51)बेइंतहा मोहब्बत का असर कहिए,

कि हरसूँ अहसासे ग़ज़ल होता है

तन्हा भी होते है तो,बातरन्नुम में,

जान-ए-ग़ज़ल महसूस होता है।

बेइंतहा मोहब्बत पर शायरी हर उस प्रेमी दिल के लिए है जो अपनी चहट को कविता के द्वारा व्यक्त करना चाहता है|बस फिर क्या सोचना अभी पढ़िए बेइंतहा मोहब्बत पर दिलकश रचनाएँ|COMMENT BOX आपकी राय जानने को उत्सुक है|