माँ के लिए प्रार्थना कैसे करें,यह सोच ही अपनेआप में कितनी पवित्र,आत्मिक और दिल को छूनेवाली हैं जिसे हर कोई हृदय से महसूस कर सकता है।प्रार्थना जोकि सूक्ष्म स्तर पर ईश्वर से सीधे मन की बात करना है और सृजनहार माँ के लिए करना बेहद जरुरी है।
शांत मन,शांत वातावरण,शांत भाव से भगवन से करते है विनती,माँ प्रसन्न,स्वस्थ,चिरायु हो,प्रभु के विशेष आशीर्वाद में हो उनकी गिनती।
भावना जब प्रार्थना बन जाए,ईश्वर तक ख़ुश्बू-ए-रूह बन,खबर पहुँच जाए
निष्काम कर्म का सिलसिला,है बना कुछ ऐसा,बन आशीर्वाद,जीवन को सफल और श्रेष्ठ बनाए।
माँ के लिए प्रार्थना कैसे करें,अंतर्मन से ईश्वर से सीधे ही क्यों न बात करें
माँ की प्रार्थना कैसे करें पर 89 प्रेरक तरीके
1.
प्रार्थना क्या है
प्रार्थना धर्म की सबसे प्राचीन अभिव्यक्तियों में से एक है।प्रार्थना में ईश्वर से हम मांगते है और उनकी वंदना करने में उनकी स्तुति द्वारा जीवन देने और अपनी कृतज्ञता दर्शाते हैं।दैनिक जीवन में जाने अनजाने रूप से हुई किसी भी प्रकार की गलती की क्षमा याचना करनी चाहिए क्योंकि ईश्वर द्वारा माफ़ करने से ही जीवन में आनंद महसूस होता है।आगे गलती न करें यह भाव मन में रहना चाहिए।
2.
प्रार्थना करना क्यों जरुरी है
एक बेहतर निर्णय कौशल को विकसित करती हैं एक सकारात्मक भावना से भर देती हैं।आंतरिक रूप से सशक्त बनती हैं। कठिनाइयों का समाना करने में मदद मिलती है। रिश्तों में स्वस्थ रूप से सवांद बढ़ने का माध्यम बनती है स्वयं को ईश्वर के समीप महसूस करके सौभाग्यशाली मानने लगते हैं तनाव और चिंता को दूर करती है।
मम्मी के लिए प्रार्थना करने पर धार्मिक नियम
3.
पूजा के द्वारा
यूँ तो आँखें बंद कर जब अपने आराध्यदेव या देवी के प्रति पूरे मनोयोग से स्तुति करते है।पूजा एक बेहद प्रचलित तरीका है जिसमें बहुत आदर और समर्पित भाव से ईश्वर की प्रार्थना करते हैं।
4.
भजनों को गाकर
भजन को पूरी तन्मयता से गाकर जिसमें उनकी प्रशंसा की जाती है,धार्मिक रूप से सुंदर शब्दों का चयन करके प्रार्थना कर सकते हैं।
5.
मन्त्रों के द्वारा
मन्त्रों में अद्धभुत शक्ति होती है और सही उच्चारण द्वारा ध्यान लगा कर आत्मा -परमात्मा को याद करके माँ के लिए प्यार भरी प्रार्थना कर सकते हैं।
6.
उपासना करके
उपासना एक ऐसी आध्यत्मिक पद्धति है जिसमें माँ के लिए उस शक्तिशाली उच्च आत्मा के साथ संबंध स्थापित करने की कोशिश होती है।
7.
सरल भाव द्वारा
सरल रूप से मन वचन से माँ के लिए समर्पित भावना से बस ईश्वर के होने को महसूस करना और उनका ध्यान लगाना।एक सीधा साधा सा तरीका जो सीधे भगवन तक पहुँच जाता है।
8.
सुबह का समय
सबसे अच्छा और उचित समय सुबह का माना जाता है क्योंकि उस समय दिल दिमाग एकदम तरोताजा होते हैं।घर में सुबह मंत्र के जाप वाला संगीत लगायें ताकि पूरा घर का वातावरण ही मंदिर में होने का अनुभूति करवाएं।एक स्वरबद्ध तरीके से भजन या प्रार्थना से खुद को बहुत ही सुकून भरी और उर्जा का आभास होता है।
9.
निस्वार्थ प्रार्थना करना
अपने लिए स्वयं भगवन का आशीर्वाद और उनका सानिद्ध्य मिल पाएं दूसरों के लिए सुख शांति और ख़ुशी मंगनी चाहिएनिस्वार्थ प्रार्थना ही फलीभूत होती है निष्पक्ष,उर्जावान,विचारों के साथ परमात्मा से सवांद करें।
माँ के लिए प्रार्थना करना क्यों जरुरी है पर उचित सुझाव
10.
माँ के लिए प्रार्थना जरुरी है
यह जानना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि माँ से जन्म से नाता जुड़ा होता है एक सृजनहार हैं वो जो इस दुनिया में अत्यंत पीड़ा को सहकर ख़ुशी ख़ुशी से अपने बच्चे को लाती हैं।माँ के प्रति जो लाड,प्यार दुलार का मीठा सुगंध भरा रिश्ता जुड़ा होता है उसे अपने आदर भाव मान-सम्मान और श्रद्धा भाव से जताना भी उतना ही जरुरी भी है।
गर्वित भरा जज्बात
ईश्वर से प्रार्थना करने से आपसी संबंध में एक अलग तरह की प्रेम अभिवयक्ति नज़र आती है जो दिल में हमेशा एक सुकून का अहसास कराती है।माँ के मन में एक गर्वित भरा जज्बात पैदा होता है कि उनके बच्चे भी उनकी तरह ही दी के हृदय तारों से बंधें हुए है जो अपनी मीठी सरगम के मधुर स्वर से गुनगुनाते रहेंगे।
12.
स्थिरता,आध्यात्मिक संबंध का अहसास कराना
इसके अलावा, माँ पर प्रार्थना करना उनके साथ एक गहरा और सांत्वना भरा संबंध बनाए रखने का एक माध्यम भी होता है। यह आपको और आपकी माँ को एक-दूसरे के साथ जुड़ा रहने का अवसर प्रदान करता है।माँ के साथ रिश्तों में एक स्थायी मजबूती देता है
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13.
माँ के प्रति सबसे अधिक आदर का भाव दिखना
माँ के ऋण को आज तक कोई भी उतर नहीं पाया है पर इस ढंग से उन्हें बहुत सम्मानित महसूस करा सकते हैं जो उनके दिल को संबल और स्नेहिल समर्थन का भाव दिखायेगा।इस तरह से माँ को बेहद आचा महसूस करवा सकते हैं और उनके लिए अपने दिल के जज्बातों को सुंदर ढंग से पहुंचा भी सकते है
14.
अपने आराध्यदेव या देवी का मन में ध्यान करके करें
माँ के इए अपने इष्ट देव या देवी को पूरे हृदय से ध्यान लगा कर बैठें और सब ख्यालों को छोड़ कर सिर्फ और सिर्फ ध्यान लगायें।अपने इष्टदेव का स्मरण करना एक स्वयं को स्ट्रोंग फीलिंग देता है।
15.
माँ के लिए वन्दनीय भाव से कामना करें
माँ तो हमेशा ही पूजनीय और वन्दनीय होती हैं।एक शिशु के रूप में एक जीव को धरा पर लाने में अत्यंत पीड़ा को सह कर जन्म देतीं हैं जो बस माँ ही कर सकती हैं।उनके लिए पूरे मनोयोग से कामना करें।
16.
करबद्ध हाथों को जोड़ कर करना
जब भी माँ के लिए जो भी मांगे तो अपने दोनों हाथो को सही तरीके से करबद्ध रूप से मस्तक झुका कर ही प्रार्थना करें।श्रद्धा भाव दिखना नहीं दिल से होना ही ईश्वर को लुभाता है और प्रार्थना सफल होती है।
17.
एकांत स्थान में बैठे
एकांत स्थान में एकाग्रता स्वयं ही आ जाती है। यह मानी हुई बात है जिसे माँ के लिए प्रार्थना करते हुए मान स्थिर और चित शांत होना चाहिए ताकि हृदय से आप भगवान् से सवांद कर सकें।
18.
बिल्कुल सीधे होकर बैठे या खड़े होके करें
प्रार्थना करते हुए सीधे रीढ़ की हड्डी को एकदम एक ही दिशा में सीधा रखें।किस तरह हम बैठते या खड़े होते है।यह हमारी तत्परता और प्यार को दर्शाता है जो माँ के लिए रखते हैं।एकाग्र होकर प्रार्थना करने में बहुत शक्ति होती है,इसलिए अपने बैठने और खड़े होने की मुद्रा पर ध्यान दें।
19.
घुटने टेक कर करना
घुटने टेक कर जब माँ के लिए प्रार्थना करते हैं तो यह स्थिति ईश्वर के प्रति हमारी विनम्रता को दर्शाता है और विनती को स्वीकारने में विश्वास को मजबूती देता है।पूर्णत अपनी दृढ़ता को दर्शाने की यह स्थति ईश्वर को जरुर भाएगी।जब पूर्णत घुटने टेक कर कुछ इच्छा करते हैं तो ईश्वर भला कैसे इनकार करेंगे।
20.
साष्टांग प्रणाम करके करना
साष्टांग प्रणाम यानि एक ऐसी मुद्रा जो माँ के प्रति प्रार्थना का दृढ भाव वाला समर्पण दिखाता है कि भगवन को भी माँ के लिए आपकी प्रार्थना को स्वीकार करनी ही होगी।यह अद्धभुत मुद्रा वैसे भी सोचने की शक्ति और साँस लेने की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।
21.
अपने हाथ ऊपर उठा कर करें
ईश्वर का निवास स्थान सभी ऊपर खुले आसमान में मानते हैं तो ऐसे में जब निष्ठा भाव से अपने हाथों को ऊपर करके ध्यान करते हैं या कुछ मन्गने की इच्छा दर्शातें है और शारीरक रूप से तैयारी की ओर इंगित करता है और ज्यादा मनाने के भाव को भी जगाता है।
22.
ईश्वर से अपनी माँ के लिए सीधे सवांद करें
क्या ईश्वर हैं -आदि काल से यह एक यक्ष प्रश्न हर किसी के मान में रह-रह कर आता हैहै।एक सच्चे मन से जब भी जिसने ईश्वर को दिल से पुकारा तो भगवान् हमेशा साथ देते हैहै।इसलिए पूरे आत्मविश्वास के साथ उस उपरवाले से सीधा संवाद करें।आपकी बात भगवन हर हाल में और जरुर सुनेगे।
23.
अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगे
माँ के लिए प्रार्थना करने से पहले अपनी द्वारा की गई गलतियों की खुले दिल से माँ से क्षमा मांगे ताकि बिना किसी दवाब के आप इश की स्तुति कर माँ के लिए अपनी मनचाही मुराद की विनती कर सकें।मन पर किसी बोझ को लेकर बात बनती नहीं है,ध्यान रखें।
24.
सही आसान पर बैठ कर करें
पूजा के समय आसनबिछा कर बैठने से देवी देवताओं के प्रति आदर भाव दिखाने का एक सुंदर तरीका है।माँ के लिए प्रार्थना करने में आरादायक स्थिति होने से पूरा ध्यान फिर पूजा में ही रहता है।कई बार सीधे खडें होने पर पूजा में ध्यान नहीं लग पता है इसलिए कम्बंल या आसन बिछा कर माँ के लिए ईश से प्रार्थना करें।
माँ के लिए प्रार्थना करना क्यों जरुरी है पर उचित सुझाव
25.
अपनी प्रार्थना को अपने तक ही रखे
जब आप अपनी माँ के लिए रब से प्रार्थना करें तो उसे हर किसी को न बताएं क्योंकि यह तो शुद्ध मन से चाहने की बात है न कि दुनिया भर में इस बात की सरे-आम चर्चा करके अनावश्यक इस विषय पर लोग बातें करें।
26.
बार बार प्रार्थना करते रहें
सुबह भगवान का नाम लेकर माँ के लिए प्रार्थना करें
सुबह की ताजगी भरी ठंडी हवाओं के संग सूरज की किरणों से सुनहरी आभा की चुनरी ओढे हर ओर एक अलग सा नज़ारा रहता है।ऐसे में अपने जीवन की सर्वाधिक मूल्यवान सौगात माँ के लिए मुस्कुराते हुए प्रार्थना करें
27.
सोने से पहले प्रार्थना जरुर करें
गायत्री मंत्र का जाप सोने से पहले करने से माँ को नींद सुकून भरी आएगी और वह बिना किसी तनाव को लिए चैन से भरपूर नींद ले पाएंगी और सुबह एकदम फ्रेश और मुस्कुराते हुए उठेंगी।
28.
मध्य रात्रि में प्रार्थना करें
कई बार मध्य रात्रि में जब नींद उचट जाती है और माँ के लिए एक अजीब सी बैचनी महसूस हो तो उस समय उनके स्वस्थ्य और दीर्घायु होने की प्रार्थना आँखें बंद कर के करें।आपका मन शांत हो जाएगा।
29.
प्रार्थना सरल तरीके से करें
वैसे तो सबसे सरल तरीके से माँ के लिए प्रार्थना करनी चाहिए क्योंकि बिना किसी आडम्बर और कर्मकांड के किये हुए जो भी सच्चे दिल से माँगा जाता है,वह पुकार जल्दी ही भगवान् सुनते हैं।आजमा कर देखिये जरा।
30.
अतार्तिक प्रार्थना न करें
बिना तर्क कर कोई भ बात अपना महत्त्व खो देती है और ठीक इसी प्रकार जब एक तरफ तो आप ईश्वर को मानते ही नहीं,उनके अस्तित्व को नकारते है और समय पड़ने पर फिर उन्हीं से मांगते हैं तो यह अतार्तिक प्रार्थना कैसे सफल होगी।
माँ के लिए प्रार्थना में क्या मांगना चाहिए पर सुंदर तरीके
31.
प्रार्थना शुरू करने से पहले माँ के बारें में सोचें
जब भी प्रभु से प्रार्थना करे तो पहले माँ के बारें में सोचें,उनका नाम ले,उनके प्रति अपना आदर र्खेनौर फिर उनके लिए जो भी आप ईश्वर से चाहते हैं उसके लिए पूरे दिल दिमागसे मग्न होकर उनके स्वास्थ्य या लम्बी उम्र जो भी चाहे प्रार्थना करें।
32.
अपने आचरण में शुद्धता रखें
सिर्फ चाहने से नहीं वरन अपने आचरण को इतना सुंदर बनाएं कि ईश्वर भी विवश हो जाए आपकी मुराद को पूरा करने के लिए।अच्छा व्यवहार और उत्तम संस्कार हर किसी को भाते हैं और प्रभु तो अंतर्मन को स्वयं ही जान भी लेते हैं।
33.
स्वयं कोई गलत काम न करें
गलती होना और परिणाम को जानते हुए भी गलती करना,इन दोनोंर भुत बड़ा अंतर है जिसे समझने की सख्त जरूरत है क्योंकि बंद कमरे में या चिप कर किये गए अपराध को आप को लगता है कि कोई नहीं देख रहा है पर वो ईश्वर जिनसे आप विनती करते है-वो सब देखते हैं।
34.
दूसरों के प्रति कोई गलत भाव न रखें
मन को शुद्ध रखना इतना आसान नहीं होता है क्योंकि मन में निरंतर विचार उमड़ते-घुमड़ते रहते ही हैं।दूसरों के लिए कभी भी कोई खराब ख्याल आए भी तो उसे त्याग देना चाहिए क्योंकि वो ईश्वर हैं न सबके कर्मों का हिसाब-किताब रखने वाले।खुद ठीक रहकर अपनी माँ के लिए प्रभु से विनती करें।
35.
व्यवहार में विनम्रता रखें
कबीर जी कहना था ऐसी बानी बोलिए जो मन का आपा खोय,ओरन को शीतल करे खुद भी शीतल होय।विनम्रता एक ऐसा गुण है जिसमें भगवान् माँ के लिए जो भी प्रार्थना करेंगे,मना कर ही नहीं पायेंगे।इसलिए विनम्र होकर सिर झुकाएं।
36.
स्थिर भाव से ध्यानपूर्वक करे
जब भी प्रार्थना करें अपना सारा ध्यान केन्द्रित एक भाव करके प्रभु के लिए लगायें और माँ के प्रति पूरे मान=सम्मान देते हुए उनके लिए शांत मन से ही करें।एकाग्रता मान से जब भी कुछ काम किया जाता है तो उसमें सफलता का मिलना निश्चित रहता है।
37.
अपनी भावनाओं को प्रार्थना का स्वरूप दें
माँ के प्रति आपकी भावनाओं को हर कोई जनता है समझता है और वो तो सबके परम पिता हैं,सब कुछ बखूबी जानते है पर जब अपनी भावनाओं को प्रभु के समक्ष प्रार्थना के रूप में रखते हैं तो प्रभु इस बात से खुश होते हैं।वह इच्छा को पूर्ण करते हैं।
38.
एक ध्येय रख कर करें
माँ के लिए आखिर रब से क्या चाहते हैं,यह सवकल खुद से करना जरुरी है।अपनी प्रार्थना में माँ के लिए जो भी चाहिए उसे स्पष्टता से सोचेनौर फिर मान से विनती करें।एक निष्ठ और एक ध्येय को हृदय में रख कर ही परमात्मा से माँ के लिए विनती करें।
39.
एक गहरी अभिव्यक्ति का आभास हो
प्रभु सब इच्छाओं का मान रखते है,पूर्ण करते है पर यह इम्तिहान भी लेते हैं कि आपकी अपनी अभिवयक्ति में आखिर कितनी गहरे है,क्या चाहते हैं और क्यूँ चाहते हैं। स्पष्टता किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए बेहद आवश्यक है।
40.
प्रार्थना के समय प्रसन्न रहें
माँ के लिए जब प्रार्थना करें तो दिल में एक ख़ुशी का आभास व् लबों पर एक प्रसन्नता का भाव रहना चाहिए क्योंकि ईश्वर तो भावों को परखते है और उसी के अनुसार फल भी देते हैं।जब एक ख़ुशी के भाव से ओरभु से बात करते हैं तो ईश्वर भी खुश होते हैं।
41.
प्रार्थना की समाप्ति पर ईश्वर पर पूरा विश्वास रखें
यह ठीक है कि आप अपनी जननी के लिए उस परम शक्ति से सच्चे मन से प्रार्थना कर रहें होते हैं और पूर्ण होने पर एक अटूट विश्वास के साथ ही प्रार्थना समाप्त करें और यह सोचें कि ईश्वर द्वारा सुनी गई है।विश्वास से ही दूसरी ओर से भरोसा दिखाया जाता है।
42.
आत्मिक अनुभव को महसूस करें
प्रार्थना का समय उस अलोकिक शक्ति के साथ जुडाव का है और वो भी अपने लिए नहीं अपितु स्वयं प्रथ्वी पर उन्हीं का दूसरे रूप माँ के लिए की जा रही है।स्वयं क उस दिव्य रौशनी के साथ जुड़ा हुआ देखें और उसका असर महसूस भी करें।
43.
घर में पूजा-अर्चना का उचित स्थान बनाएं
सही और उचित स्थान पर पूजा स्थल बनाएं ताकि आराम से पर बैठ कर ध्यान लगा सकें।माँ के लिए प्रार्थना करने से पहले अपनी द्वारा की गई गलतियों की खुले दिल से माँ से क्षमा मांगे ताकि बिना किसी दवाब के आप इश की स्तुति कर माँ के लिए अपनी मनचाही मुराद की विनती कर सकें।मन पर किसी बोझ को लेकर बात बनती नहीं है,ध्यान रखें।
45.
अपनी प्रार्थना को अपने तक ही रखे
माँ आपकी अपनी हैं जिनकी मंगलकामना के लिए आप स्वयं प्रभु से आस और विश्वास के साथ प्रार्थना करते हैं तो इस बात को सबको बताने की कोई जरूरत नहीं होनी चाहिए। बेवजह इसका किक्र करना और सबको बताना स्भोभा नहीं देगा।
माँ के लिए विभिन्न प्रार्थना के कामयाब प्रकार
46.
बार बार प्रार्थना करते रहें
देवी देवताओं के प्रति आदर भाव दिखाने का एक सुंदर तरीका है।माँ के लिए प्रार्थना करने में आरादायक स्थिति होने से पूरा ध्यान फिर पूजा में ही रहता है।दिन में ईश्वर का चाहे जितनी भी बार नाम लो यह अच्छा ही रहता है।बस बार बार परमात्मा का सुमिरन करें और संग में माँ के लिए कामना भी।
47.
सुबह भगवान का नाम लेकर माँ के लिए प्रार्थना करें
सुबह की ताजगी भरी ठंडी हवाओं के संग सूरज की किरणों से सुनहरी आभा की चुनरी ओढे हर ओर एक अलग सा नज़ारा रहता है।ऐसे में अपने जीवन की सर्वाधिक मूल्यवान सौगात माँ के लिए मुस्कुराते हुए प्रार्थना करें।
48.
माँ को प्रभु ज्ञानवान रखें
माँ जोकि ज्ञान का प्रतीक मानी जाती हैं।माँ तो जीवन की प्रथम गुरु होती है जो पहली श्वास से अंतिम समय तक कुछ न कुछ ज्ञान देकर मार्गदर्शन करती हैं।बस उनका ज्ञान संपदा मिलती रहें।
49.
हृदय में उनके लिए हमेशा सकारात्मक भाव रखें
माँ के लिए हमारे लिए और हम बच्चों के मन में उनके लिए हर परिस्थिति में हमेशा सकरात्मक भाव बना रहें।किसी भी हालात में कोई भी नेगेटिव फीलिंग या नकारत्मक भाव न आएं।
50.
लम्बी आयु के लिए विनती करें
माँ का आशीर्वाद आपके जीवन में सदा बना रहें इसके लिए ईश्वर का परमस्शिर्वाद की कामना करें ताकि माँ का साथ बहुत लम्बे समय तक संग-साथ रहें और आप उनके ममतामयी सानिद्ध्य का अवसर प्राप्त करें। इसके अलावा ओर क्या चाहिए होगा।
माँ की साधना को स्वीकार करें
माँ हमेशा ही अपने बच्चों अपने जीवनसाथी और परिवार के मंगल की ही इच्छा और कामना प्रभु से करती हैं।बस उनकी ही सब इच्छाएं ईश्वर आप पूर्ण कर दीजिये ताकि वो खुश और संतुष्ट रहें।माँ की साधना को हे-प्रबु स्वीकार करें।
माँ हमेशा हमारा मार्गदर्शन करती रहें
माँ जो जीवनदायिनी हैं उनका साथ ईश्वर हम पर बांयें रखना ताकि जीवन ई कठिनायों को पर कर सकें क्योंकि माँ से बढ़ कर सच्चा मार्गदर्शक दुनिया में नहीं मिल सकता।माँ एक सलाहकार के रूप में हर मुसीबत में अपनी मुस्कान की छत्री लिए हुए साथ रहें।
53.
माँ का आत्मबल उनके साथ बना रहे
माँ के लिए प्रभु से यह मांगे कि उनका आत्मबल हमेशा बना रहें और वो पाने आत्मविश्वास के द्वारा जिंदगी को सुहाना और सुंदर महसूस कर पाएं।कठिन वक्तुं पर कभी न आए और ग़र कभी सामना हो तो वो अपनी सूझ बूझ से उसे दूर कर सकें।
माँ को देवी रूप में ही देखें
जीवन में सफर जब भी उतार-चढ़ाव आएं या माँ से किसी बात पर मनभेद हो जाएँ पर उनका देवी स्वरुप ही उस समय ही नज़र आए और हमेशा उनके लिए हृदय में सर्वोत्तम स्थान ही बना रहें।अंतीं साँस तक उनकी पूजा करते रहें,ऐसा ईश्वर से वरदान मांगे।
55.
माँ के बलिदानों को सराहते रहें
हे-प्रभु यह बुद्धि हमारी बनी रखना कि माँ की पीड़ा को समझे न कि उन्हें किसी भी तरह की पीड़ा देने वाले बनें। हर हाल में,कैसी भी हालात में हों पर माँ के अनगिनत बलिदानों की स्मृति जेहन में बसी रहें। उनके लिए कभी भी कोई अनादर का ख्याल न आएं।
56.
उनके निस्वार्थ त्याग का समर्थन करें
माँ जिनके स्मरण मात्र से ही दिल की बगिया खिल जाती है और उनका बच्चों के लिए,परिवार के लिए निस्वार्थ भाव से किये गए त्याग के ऋणी बनें रहें।उनके उपकारों के प्रति हमेशा कुछ अनोखा करने की तमन्ना रहें ब्बुस ऐसी प्रभु आपसे विनती करते हैं।
57.
माँ की ममता हमेशा बच्चों पर बनाएं रखें
यूँ तो माँ आपके ही द्वारा भेजा हुआ सर्वोतम अनमोल उपहार है।कोई भी पल जीवन में ऐसा कभी भ न आएं जिसमें उनकी ममता न दिखें।हमें ऐसे श्रेस्ठ कार्य करने का अवसर प्रदान करें ताकि माँ की ममता का हम सम्मान रख सकें।
58.
जन्मजन्मान्तर इन्हीं माँ की गोद मिलें
पुनर्जन्म यदि सच में हैं तो हे-ईश्वर बस इन्हीं माँ की गोद मिलें।माँ की पवित्र छत्रछाया में बचपन बीतें और जीवन भर उनकी सेवा करने का सुअवसर मिलें ताकि हरजन्म में ऐसी ही करुणामयी ममता की छांव नसीब होती रहें। माँ के लिए हम ही उनकी औलाद बन कर रहें।
59.
माँ ताउम्र स्वस्थ रहें
स्वस्थ तन और स्वस्थ मन ही जीवन का सुंदर आधार है जिसमे एक परिवार की तमाम खुशियाँ बसी रहतीं हैं।रभु माँ के लिए हाथ जोड़ कर यही विनती करते हैं कि हमेशा निरोग रहें सदा प्रफुल्लित रहें और ताउम्र बिमारियों से बची रहें।ऐसी शुभ कामना आपसे करते हैं।
60.
माँ का हर पल आनंदमय हो
माँ ने बहुत संगर्ष माय जीवन देखा है और अब आगामी वर्ष उनके इतने आनंद से परिपूर्ण हों कि हर पल उन्हें आनदमय और खुशनुमा लगे।हर सुविधा,हर आराम,हर तरह का मानसिक सुख और निरोगी काया रहें कि हर पल,पल-पल प्रतिपल सुखदायक महसूस करें।
61.
गरीबों को दान देने की सोच कायम रहें
माँ हमेशा ही बहुत उदारमना रहीं है और जब भी जहाँ भी उनकी जरूरत किसी को भी हुई वो हमेशा वहां उपस्थित दिखाई देती हैं।माँ से यह आदत हमको भी विरासत में मिलें और हम इसका पालन करते रहें,ऐसे ही प्रवृति बनाये रखें। ऐसा आशीर्वाद प्रभु आपसे चाहिए।
62.
घर के सहायक व्यक्तियों की मदद करें
माँ अपने घर के सहायक व्यक्तियों का बहुत ध्यान रखती है।सब इस बात की उनकी प्रशंसा करते है। माँ की यह आदत सदा रहें और हम भी उनसे ऐसे ही प्रेरणा लेते रहें और एक मददगार के रूप में जाने जाएँ। रब जी बस अपना प्रेम भरा हाथ हम पर रखना जी।
63.
गरीब बच्चों की शिक्षा दिलवाने में सहायता प्रदान करें
माँ स्वयं शिक्षित हैं और शिक्षा के महत्त्व से भलीभांति परिचित हैं।गरीब बच्चों की शिक्षा में सहायता करने को उनकी तत्परता को प्रभु बनाएं रखना क्योंकि ऐसा कटे हुए वोबहुत प्रसन्न दिखाई देती हैं।वो खुश रहें,बस माँ के लिए इसी भाव के लिए प्रार्थना करें।
64.
माँ को ईश्वर की प्रतिमूर्ति मानें
माँ जोकि ईश्वर द्वारा रचित उनकी ही प्रतिमूर्ति हैं और यही भाव में के लिए हृदय में सदा ही हिलारें लेकर जीवन के विपरीत समय में आशा की लौ जलाये रखें।रूप्यार्ड किपलिंग ने सच ही कहा कि आप यानि श्वर हर जगह नहीं रह सकते इसीलिए उन्होंने माँ को हर घर में भेज दिया।माँ की पूजा करते रहें,ऐसा हाव प्रभु बनाये रखना।
प्रार्थना को सफल बनाने हेतु ध्यान रहने के उत्तम उपाय
65.
अंतर्मन में उनके लिए सदा दुआ करें
प्रार्थना या दुआ जब अंतर्मन से की जाती है तो कहते है कि सीधे ही ईश्वर तक स्वयं पहुच जाती है। श्री भगवतगीता में श्री कृष्ण ने अपने भावों को ठीक रखने पर जोर दिया है क्योंकि भगवन तो भावना को देखते हैं न कि कर्मकांडों को।माँ के लिए बस सदा प्रार्थना करते रहें,ऐसीच्चा बांयें रखना प्रभु।
66.
जन्मदात्री माँ के लिए विशेष अनुष्ठान करवाएं
माँ के लिए जब प्रार्थना द्वरा कुछ कहने का मान हो तो उनके जन्मदिन पर एक विशेष अनुष्ठान करवा सकते हैं।माँ के लिए जब धार्मिक क्रियाओं द्वारा एक साथ उछ स्वर में प्रार्थना की जाएगी तो हर हाल में ईश्वर सुनेगे ही सुनेगे।ऐसा कर के देखिये जरुर।
67.
माँ के विश्वास को कायम रखने के लिए करें
माँ के लिए प्रार्थना करें कि आप उनके विश्वास की हमेशा कद्र करेंगे और उनका अटूट विश्वास को कायम करने और रखने के लिए दिल से कामना करें कि कोई भी ऐसा कार्य नहा करेंगे जिसे उनके विश्वास पर आंच आएं।भरोसा अपनेआप में कायम रखना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है,इसे निभाएं।
68.
माँ सुरक्षित रहें
आज के दौर में जहन हर ओर असुरक्षा दिखाई देती है वहा ऐसे माँ माँ हर जहग और हर परिस्थति में सदा ही सुरक्षित रहें इस के भगवान् से दुआ मांगे और दिल से प्रार्थना करें कि माँ पर कोई संकट न आएं और गर आएं तो आप उनकी रक्षा करें।
माँ निर्भीक बने,ऐसी चाह करें
माँ एक निर्भीक उर बहादुर महिला बन औरों के लिए भी मिसाल बन सकें ऐसी कामना प्रभु से माँ के लिए करें।ईश्वर हर जगह वास करते हैं और कोई पत्ता भी आपकी अनुमति के बिना नहीं हिल सकता,ऐसा सदियों से सुनते आएं है।मेरी माँ की सदा कृष्ण की भांति रक्षा करें।
70.
माँ का जीवन अविरल प्रवाहपूर्ण रहें
माँ के लिये उनके जीवन में खुशियों अविरल,निरंतर रूप से आबशार की तरह प्रवाहपूर्ण रहें।जीवन में एक उर्जा और शक्तिमयी जिंदगी बसंत की तरह हमेशा खिली-खिली रहें।माँ के लिए हे-प्रभु खुशियाँ ही खुशियाँ बनाएं रखना,मेरी विनती को स्वीकार कीजिये।
माँ के लिए प्रार्थना करना क्यों जरुरी है पर उचित सुझाव
माँ तनाव रहित रहें,ऐसी कामना करें
तनाव माँ के लिए बहुत ही कष्टकारी है जिसमें वो जब उदास होती हैं तो घर में एक सूनापन दिखता है।माँ के लिए उस ईश्वर से कामना करे कि माँ तनाव वाली स्थितियों का सामना कर पाएं औए एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर पाएं।चिंता चिता समान वाली बात माँ के साथ कभी भी न हो ।
माँ का जीवन खुशियों से भरा रहें
जीवनदायिनी माँ का पना जीवन बस यूँही खुशियों से परिपूर्ण और उत्साह पूर्ण रहें।नित नयी उमंगो और सपनों से आनंदित रहें।माँ के लिए दिनरात प्रभु से यह दुआ करते रहें और उनके चेहरे पर मुस्कान बनाने की शक्ति ईश्वर द्वारा मिलती रहें,कामना करें।
73
अपनी प्रार्थना को किसी से न बताएं
अपनी दिल की भावना जोकि प्रार्थना के रूप में आप ईश्वर तक पहुँचाना चाहते है उसे सिर्फ अपने तक ही सीमित रखें।बार बार प्रार्थना करते रहेंदेवी देवताओं के प्रति आदर भाव दिखाने का एक सुंदर तरीका है।माँ के लिए प्रार्थना करने में आरादायक स्थिति होने से पूरा ध्यान फिर पूजा में ही रहता है।
74.
सुबह भगवान का नाम लेकर माँ के लिए प्रार्थना करें
सुबह की ताजगी भरी ठंडी हवाओं के संग सूरज की किरणों से सुनहरी आभा की चुनरी ओढे हर ओर एक अलग सा नज़ारा रहता है।ऐसे में अपने जीवन की सर्वाधिक मूल्यवान सौगात माँ के लिए मुस्कुराते हुए प्रार्थना करें।
सोने से पहले प्रार्थना जरुर करें
गायत्री मंत्र का जाप सोने से पहले करने से माँ को नींद सुकून भरी आएगी और वह बिना किसी तनाव को लिए चैन से भरपूर नींद ले पाएंगी और सुबह एकदम फ्रेश और मुस्कुराते हुए उठेंगी।
76.
मध्य रात्रि में प्रार्थना करें
कई बार मध्य रात्रि में जब नींद उचट जाती है और माँ के लिए एक अजीब सी बैचनी महसूस हो तो उस समय उनके स्वस्थ्य और दीर्घायु होने की प्रार्थना आँखें बंद कर के करें।आपका मन शांत हो जाएगा।
77.
प्रार्थना सरल तरीके से करें
वैसे तो सबसे सरल तरीके से माँ के लिए प्रार्थना करनी चाहिए क्योंकि बिना किसी आडम्बर और कर्मकांड के किये हुए जो भी सच्चे दिल से माँगा जाता है,वह पुकार जल्दी ही भगवान् सुनते हैं।आजमा कर देखिये जरा।
माँ के लिए विनती करने पर कुछ ऐतिहासिक सुंदर प्रसंग
विश्व भर में अनेकों ऐसे उदहारण मिलते हैं जिनसे प्रार्थना में कितनी शक्ति है इसका आभास होता है-विनती करने में ऐतिहासिक घटनाओं के प्रेरक प्रसंगों से प्रेरणा लेनी चाहिए जैसे –
वेद
प्रार्थना की प्रथा बहुत प्राचीन है जो स्वयं के मन की शांति और अपनों के लिए शुभ जीवन हेतु की जाती है।प्रार्थना एक आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से जुड़ा हुआ और इसका जीवन का गहरा नाता है।प्राचीन काल पर यदि दृष्टि डाले तो वेदों में इसका उल्लेख मिलता है जहाँ शक्तिशाली मन्त्रों द्वारा देवताओं को प्रसन्न करने के लिए किया जाता था।
79.
रामायण
रामायण में जगह जगह इनेक परिस्थितयों में प्रार्थना का जिक्र दिखता है।श्री राम व माँ सीता के विवाह से पूर्व गौरी के मंदिर में वैदेही अपने पसंद के जीवनसाथी को ही चुने जाने की विनम्र प्रार्थना माँ दुर्गा से करती हैं और श्री राम भी उसी मंदिर में सीता को देखते हैं।
80.
महाभारत
महाभारत में जुएँ में पांडवों द्वारा छल से कौरवों द्वारा राजपाट और अंत में द्रोपदी को जब दांव पर लगाया जाता है और दुष्ट कौरव चीर हरण करने की चेष्टा करते हैं तो उस समय द्रोपदी की करुण प्रार्थना सुन किस तरह श्री कृष्ण भरे दरबार में उनकी सहायता के लिए दौड़े आते हैं।
81
बाइबल
बाइबल दुनिया भर में बहुत प्रसिद्द और एक बहुर बड़े वर्ग द्वारा पढ़ी जाने वाली और मानी जाने वाली बाइबल में भी यीशु ने सदा अपने अनुयायियों को प्रार्थना करने की शिक्षा दी।
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82.
महात्मा गाँधी
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी ने हमेशा अपने आन्दोलनों में अपनी सभाओं में प्रार्थना के महत्त्व पर जोर दिया।रघुपति राघव राजा राम,सबको सन्मति दें भगवान और वैष्णव जन तो तेने कहिए जो पीड़ पराई जाने रे=उनके बहुत प्रसिद्द व पसंदीदा भजन थे,यानि उनका प्रार्थना की शक्ति में दृढ विश्वास था।
83.
मदर टेरेसा
मदर टेरेसा एक ऐसा नाम जो सारे संसार में उनकी मानवतावादी सेवा,ईश्वर के प्रति उनकी श्रद्धा और जीवन पर्यन्त दूसरों के लिए अर्पित रहा।अपने जीवन में उन्होंने हर पल,हक़ क्षण में ईश्वर की प्रार्थना के लिए समर्पित रखा।
84.
कबीर
दुःख में सुमरिन सब कर,सुख में करे न कोय,जो सुख में सुमरिन करे तो दुःख कहे को होय-प्रार्थना के लिए एक सशक्त बात संत कबीर जी के दोहे में महसूस होती है।प्रार्थना यानि ईश्वर से सीधे मुलाकात का माध्यम।
85.
रामकृष्ण परमहंस
रामकृष्ण परमहंस की प्रार्थनाओं में लीन होने की अद्धभुत भक्ति दिलों पर गहरा असर छोड़ती हैं।माँ काली के परम भक्त किस कदर उनकी याद में विभोर होकर प्रार्थना करते हुए अपनी सुध-बुध खो बैठते थे,यह जगजाहिर है।
86.
स्वामी विवेकानंद जी
आध्यात्मिकता का जिक्र हो और स्वामी विवेकानंद जी का नाम ही जेहन में आता है।उन्होंने ध्यान और प्रार्थना को न सिर्फ जीवन का अत्यंत महत्तवपूर्ण हिस्सा माना अपितु अपने शिष्यों को इसके लाभ से भी परिचित कराया।
87.
स्वामी रामदेव
योग का जिक्र हो तो स्वामी रामदेव का स्मरण होता है जिन्होंने योग और प्रार्थना के द्वारा अपार जनसमूह को स्वस्थ रहने के अद्धभुत सरल तरीके सिखाये और सकारात्मक जीवन के लिए प्रेरित किया
88.
राष्ट्रीय प्रार्थना दिवस
अमेरिका में मई के पहले गुरुवार को राष्ट्रीय प्रार्थना दिवस के रूप में राष्ट्रपति द्वारा मनाये जाने वाला प्रार्थना दिवस हर साल इस की उपयोगिता को बताता है।
89.
गुरु नानक जी
गुरु नानक जी का मानना था कि ईश्वर एक ही है ,सदा एक ही ईश्वर की उपासना करोवह सब जगह और सब प्राणियों में मौजूद है।ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता है।
यह कुछ ही ऐसे उदहारण है जो ध्यान,प्रार्थना को सुंदर जीवन जीने के लिए एक उत्तम मार्ग दिखाते हैं।
माँ के लिए प्रार्थना कैसे करें पर बेहद संजीदगी से जननी संग स्थिरता,शांति और शक्ति के सामर्थ्य को महसूस कीजिये और अपनी मदर के लिए उपासना कैसे करें पर अनमोल विचार को जरुर पढ़ें और अमल में भी लायें।COMMENT BOX में अपनी राय से अवगत भी कराएँ।
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।