माँ के साथ कैसे विश्वास का रिश्ता बनाएं,यह सोचना अपनेआप में एक उम्दा और अनूठा सा ख्याल है।जन्मदात्री के संग ताउम्र एक प्रेम और ममता का मधुर साथ बना रहता है।।एक माँ और बेटी भी हूँ तो अपने अनुभवों व् दूसरों की बातों को साँझा करके माँ के अटूट भरोसे को बनाएं रखने के कुछ अनमोल सुझाव दे रही हूँ।

माँ के साथ कैसे विश्वास का रिश्ता बनाएं,मधुर बोल और समर्पण का भाव दिखाएँ 

 

माँ के साथ कैसे विश्वास का रिश्ता बनाएं पर 63 अनमोल उपाय 

1.

माँ प्रथम गुरु हैं,सर्वोच्च स्थान दें 

जीवन में प्रथम गुरु माँ ही होती है यह बात सर्वसत्य है।माँ को  यह अहसास दिखाना भी आना चाहिए।माँ की ऐसी कोई भी अपेक्षा बच्चों से कभी भी नहीं होती है पर जब आप अपने प्यारे से अंदाज़ से माँ को सर्वोच्च स्थान देते हैं तो किसी भी माँ का दिल ख़ुशी से झूम ही जाएगा। तो देर क्यों-नेकी और पूछ-पूछ।

 

2.

परिवार के खेवनहार इन्सान बनने की कोशिश करें 

आप घर में सबसे बड़े बेटे या बेटी जो भी हैं अपने परिवार के सबसे भरोसेमंद खेवनहार बने रहिए।माँ को यह विश्वास रहना चाहिए कि उनके जीते जी और उनके बाद भी उनकी बगिया यानि घर ऐसे ही महकता रहेगा।ऐसे बेटे या बेटी की माँ बनना कौन भला बनना पसंद नहीं करेगा।

 

3.

अपना नजरिया हमेशा पॉजिटिव रखें 

एक पॉजिटिव सोच हर रिश्ते में एक अलग तरह की मजबूती लिए हुए होता है।हर चीज़ को जानने के लिए जब सकारात्मक होकर देखते है या सोचते हैं तो उसके परिणाम बेहद चौकानें वाले और सुखद ही रहते है जिस का शारीरक और मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा असर नज़र आता है।माँ की हर बात को पॉजिटिव होकर लीजिये।

 

4.

जीवन में अपनी सफलता से गर्वित महसूस कराएँ

माँ के लिए वो पल सब्सरे अधिक गौरवशाली होते हैं जब उनके बच्चे सफलता की उन्चैयाँ छूते हैं। माँ को तो मानों उस समय पंख ही लग जाते है और अपने ऊपर और अपने बच्चों पर अथाह विश्वास बनता है क्योंकि उनको सामजिक,पारिवारिक और हर तरह एक अलग इज्जत मिलती है।माँ को ऐसे जादुई पलों से जरुर मिलवाइए।

 

5.

समय निकल कर गपशप करते रहें 

आज की व्यस्त दिनचर्या में कब दिन बीता और रात गई पता ही नहीं चलता है।माँ जो स्वयं भी अति व्यस्त रहती हैं उनसे बात करने का मौका भी नहीं मिलता है। चाहे कितनी भी काम की अधिकता हो मगर उनके लिए गपशप का समय जरुर निकालें,माँ का विश्वास आप पर रहेगा कि आप कितना ज्यादा ध्यान रखते हैं।

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पितृसत्तात्मक व्यवस्था में परिवर्तन लाने की भरसक कोशिश करें 

पितृसत्तात्मक व्यवस्था एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें घर की नारी शक्ति को नज़रंदाज़ किया जाता है और उनके अमूल्य योगदान के प्रति उदासीनता भी दर्शाई जाती है।आप स्वयं जो कुरीतियाँ हैं उनके विरोध में अपनी दमदार आवाज़ में उठाएं और माँ के मन में जो विश्वास पैदा होगा वो बहुत ही अनमोल होगा कि आपने उनकी जिंदगी में एक सुखद परिवर्तन लाने की कोशिश भी की।

 

6.

उन्हें जैसी हैं वैसी ही स्वीकार करें 

कहीं आप भी तो टी वी वाली मम्मी से प्रभावित नहीं है और बात-बात में अपनी माँ की तुलना जाने-अनजाने करते रहते हैं। यह तो सच में माँ के विश्वास को तोड़ने वाली बात हो जाएगी।बाहर की दुनिया में जो दिखावा है और उस काम के लिए उन्हें पैसे मिलते हैं पर अपनी माँ जिस निस्वार्थ भावना से आप का ध्यान करती है वो कहीं नहीं बात मिलेगी।कभी भी किसी दूसरे से माँ की तुलना न करें।

 

7.

उत्तम आचरण से माँ का दिल जीते

माँ के विश्वास की वो सबसे खूबसूरत घड़ी होती है जब कोई आपके उत्तम आचरण की तारीफ करता है। आज के माहौल में तो यह एक दुर्लभ सी बात हो गयी है कि आप के सुंदर आचार-विचार की प्रशंसा हो। माँ के भरोसे को हमेशा के लिए जीतने के लिए अपने आचरण को श्रेष्ठ बनाएं।

 

8.

माँ को सबसे सच्ची दोस्त मानें 

माँ तो पहली गुरु और दुनिया में सबसे ज्यादा दिल के करीब सच्ची दोस्त होती हैं और जो आपके मन को बखूबी खूब पढ़ लेती है।आप लाख छुपायें पर माँ की पारखी निगाहें सब अंदर तक का हाल जान जाती हैं। एक सिपहसलाहकार और ग़मों को हरने वाली ऐसी शख्सियत हैं जिन पर आँख मूंद कर भरोसा कर सकते है क्योंकि वो भी आप पर विश्वास करती है।

 

9.

माँ के प्रति हमेशा विनम्र रहें 

माँ ने हमेशा आप को विनम्रता से बोलना और ऊँची आवाज़ में न बोलने का पाठ पठाया है।बहुत बार घर में कोई बात भी हो जाती है,आपस में बहसबाजी भी हो जाती है।ऐसे में अगर आप जोर से बोल कर या गलत ढंग से कुछ कहते हैं तो जाहिर सी बात है कि माँ का दिल तो दुखेगा ही।कैसे भी हालात हो हर हाल में विनम्र रहिए और माँ के विश्वासपात्र भी।

 

10.

दिल से प्यार भरा सम्मान दें 

माँ को पूरे दिल से पूरे हृदय से सर्वोच्च प्यार और मान दें।जीवन में जो मुकाम आपने हासिल किया है उसके लिए उनका शुक्रिया अदा करें और धन्यवाद को अपनी भाव भंगिमा से जाहिर करें।आपके व्यवहार से माँ को एक गर्व की अनुभूति होनी चाहिए ताकि वो भी खुद को गौरवशाली महसूस कर पाएं कि उनकी परवरिश ठीक ढंग से हुई है।

 

11.

जनरेशन गैप को समझें 

माँ और आपके विचारों में अक्सर एक अंतर साफ़ दिखाई देता होगा,जिसकी वजह है जनरेशन गैप यानि दो पीढ़ियों की सोच में अलग-अलग ढंग से सोचना।कई बार दोनों ही ठीक होते हैं पर बात करने में या उसको लागू करने में तरीके फर्क हो सकते हैं। माँ की बातों पर कुछ कहने से पहले इस तथ्य को अगर आप समझ लेंगे तो आपको कुछ भी बुरा नहीं लगेगा।

 

12.

नकली बनने से बचें 

माँ ने जन्म दिया और वो अपने बच्चों की नस-नस से बखूबी वाफिक होती हैं।चालाकी हुई नहीं और माँ ने पकड़ी न हो,ऐसा हुआ नहीं।इस तरह की हरकतें न सिर्फ आपका माँ की निगाहों में विश्वास कम करेगा बल्कि आप खुद को साबित करने में कठिनाई महसूस करेंगे।नकलीपन देर सवेर माँ ही नहीं और लोगों की भी पकड़ में आ जाता है। इससे बचें।

 

13.

वास्तविक बने रहिए 

आप जैसे हैं बस वैसे ही रहिए और अपने व्यक्तित्व में गुणों की बढ़ोतरी करते जाएँ।अपने आसपास के परिवेश से,अच्छी किताबें पढने से,लोगों की प्रतिक्रियों को देख कर,अपने ज्ञान को एक नयी दिशा देकर,अच्छे लोगों की सांगत में रहकर यानि माँ को यह भरोसा होना चाहिए कि आप हमेशा सही करते हैं।

 

14.

अपनी गलतियों को ईमानदारी से मानें

दुनिया में सिर्फ और सिर्फ माँ की ही अदालत होती हैं जहाँ अगर अपनी गलतियों को दिल से स्वीकार किया जाता है तो वो भी दिल से माफ़ कर देतीं हैं।गलतियाँ होना आम बात है,काम करेंगे तो गलती भी हो जाती हैं पर अगर सिर्फ उस समय की परिस्थति से बचने के लिए की हो तो माँ का भरोसा सदा के लिए खो सकते हैं।ऐसा बिलकुल भी न करें।

 

15.

गलतियों को न दोहराएँ

अब आपने दिल से माफ़ी तो मांग ली पर फिर वही गलती कर दी।यानि अपने दिमाग को यह निर्देश नहीं दिया कि ऐसा फिर नहीं करने है,नतीजा बार बार उसी गलती को होते जाना।कई बार यह समझ में नहीं आता कि कैसे बचें व् ऐसे में माँ को अपनी मनोस्थिति से अवगत कराएँ और निश्चित रूप से वो आप का मार्गदर्शन करेंगी। 

 

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16.

सवांद बनाये रखिए 

बच्चों को माँ से रूठने की आदत होती है और माँ को हमेशा मनाने की,पर कब तक ऐसे चलेगा।रूठने के बाद आप बोलना भी बंद कर देते हैं। माँ से चाहे कुछ भी हो जाएँ और कैसी भी नाराजगी हो,हर हाल में आपसी संवाद को बनाये रखने की आदत सदा ही अपनाएं।बातचीत से ही बंद दरवाजे खुलते हैं। 

 

17.

कभी भी झूठ न बोले

झूठ बोलने की आदत तो दुनिया भर में किसी भी माँ को पसंद नहीं होती।शेर आया शेर आया की कहानी हमेशा याद रखें क्योंकि जब कभी आप सच बोलेंगे तब भी माँ आप पर पूरा यकीं नहीं कर पाएंगी। ऐसी स्थिति तो कभी भी न आने दें। ‘सत्यमेव जयते’ सदा ही विजयी रहा है और रहेगा।

 

18.

एक चुप सौ को हराए,याद रखें

कई बार किसी बात को कहने से यदि घर की शांति भंग होती है या माँ के दिल को ठेस पहुँच सकती है तो उस समय मौन रहना ही श्रेयस्कर रहता है। आगे कभी मौका देख कर उस बात को बताया जा सकता है।पुरानी कहावत को स्मरण रखें कि एक चुप सौ को हराए।

 

 19.

उचित समय पर सही तरीके से अपनी बात रखें 

माँ से जब भी कोई अपनी बात रखें तो उचित समय को देख कर रखें क्योंकि कई बार सही समय पर न कहने से ठीक बात भी गलत सी दिखती है।यदि कोई समस्या है तो भी चलते फिरते कहने से उसकी सीरियसनेस ही ख़त्म हो जाती है वहीँ दूसरी ओर सही समय पर बात रखने से ठीक न होने के बावजूद भी बात को सुन लिया जाता है।

 

20.

जीवनशैली में परिवर्तन लाने को बाध्य न करें 

माँ के जीवन में आप बहुत कुछ परिवतन लाना चाहते हैं और वो भी औरों की तरह मॉडर्न कपडें पहने या रहें ऐसा भी सोचते होंगे। माँ के रहन सहन का अपना एक तरीका है जिसे आप क्यों बदलना चाहते हैं। वो जिस तरह से भी आराम से रहना चाहें आपको उसी रूप में उन्हें स्वीकार करना चाहिए।

 

21.

शांति से माँ की समस्या को सुनें 

माँ यूँ तो अपनी समस्या को बताना ही नहीं चाहती हैं पर अगर वह अपने दिल के उद्दगार प्रकट करना चाहती हैं तो उस को शांति और धैर्य के साथ सुनें ताकि वो बेफिक्री से अपनी बात कह पाएं।बीच में टोका-टाकी न करें।उनकी बात को गलत भी साबित करने की कोशिश न करें। सिर्फ बस आराम से सुन लें और उन्हें तसल्ली दें कि आप उनके साथ हैं। 

 

22.

व्यवहार में लचीलापन लायें 

माँ के साथ बच्चे एक हठ या जिद सी अपनाये रखते हैं या यूँ कहिए अपना अधिकार समझे रहते है। इसमें कोई बुराई तो नहीं है पर अधिकारों के संग कर्तव्य भी याद रहने चाहिए,वो आप भूल जाते हैं।न जिद न गुस्सा न अतिरिक्त अधिकार अपितु एक लचीलापन व्यवहार में लायें ताकि माँ अप पर पूरा विश्वास कर पाएं।

 

23.

तीज त्योहारों में रूचि दिखाएँ 

माँ को यह शिकायत अक्सर होती है कि आजकल बच्चे अपनी संस्कृति को भूल कर बजे मानने के उसका मजाक उडातें हैं जो उनके दिल को पीड़ा पहुंचाता है।तीज त्योहारों में अपनी रूचि दिखाएँ और जो आवश्यक है उस व्यवस्था में अपना योगदान दें।माँ के साथ सारी तैयारियां करवाएं और खरीदारी में साथ जाएँ।घर में उससे सम्बंधित सजावट भी करें।

 

24.

माँ के साथ पूजा स्थल पर जाएँ 

माँ के साथ जब आप उनके प्रिय पूजा स्थल पर साथ जातें हैं तो उन्हें बेहद अच्छा लगता है क्योंकि उन्हें पहली बात यह सोच कर ख़ुशी मिलती है कि बच्चे भले ही आधुनिक हो गए हो पर अपने धर्म के प्रति आस्था रखते हैं और जीवन में आगे बढ़ने के लिए अपने ईश्वर के प्रति श्रद्धा भी दिखाते हैं।इसलिए खुद आपको भी अच्छा लगेगा और माँ का विश्वास आप पर ओर गहरा हो जाएगा।

 

25.

पितृसत्तात्मक व्यवस्था में परिवर्तन लाने की भरसक कोशिश करें 

पितृसत्तात्मक व्यवस्था एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें घर की नारी शक्ति को नज़रंदाज़ किया जाता है और उनके अमूल्य योगदान के प्रति उदासीनता भी दर्शाई जाती है।आप स्वयं जो कुरीतियाँ हैं उनके विरोध में अपनी दमदार आवाज़ में उठाएं और माँ के मन में जो विश्वास पैदा होगा वो बहुत ही अनमोल होगा कि आपने उनकी जिंदगी में एक सुखद परिवर्तन लाने की कोशिश भी की।

 

26.

पारिवारिक समर्पित समय पर मौजूद रहें 

रात्रि भोज अक्सर घरों में सारे सदस्यों के एक साथ मिल कर खाने का समय रहता जहन दिन भर की अच्छी बुरी बातें,समस्याएँ,समाधान और नयी योजनायें बनती हैं।ऐसे में पूरी कोशिश करें कि अपनी व्यस्त दिनचर्या में से आप हंमेशा इस समय को सबसे ज्यादा महत्त्व देते हैं जो माँ के विश्वास को यह बल देगा कि आप परिवार के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं।

 

27.

घर के माहौल को खुशनुमा बनाएं 

घर में माहौल को अपने व्यवहार और स्वभाव से हमेशा ही खुशनुमा रखना चाहिए क्योंकि जब घर का वातावरण आपसी कलह या एक दूजे को नीचा दिखने में लग  जाता है तो माँ के विश्वास को ठेस पहुँचती हैं कि क्या उन्होंने ऐसी शिक्षा आप को दी थी।एक स्वस्थ और हँसता हुआ माहौल माँ के साथ विश्वास का रिश्ता सदा कायम रहता है।

 

28.

खुली बातचीत जरुरी है 

किसी भी रिश्ते में यदि बात करने में सोचना पड़ रहा है या एक दुसरे की स्वस्थ आलोचना को पसंद नहीं किया जाता है तो संभध में एकरसता नहीं आती। माँ ने हमेशा अपनी बात को सही व् खुले रूप से कहने की आज़ादी दी हुई है इसलिए निसंकोच होकर खुद का पक्ष भी रखें और दुसरे की बात भीई सुनें।माँ के साथ भरोसा इससे बढेगा ही।

 

29.

बहसबाजी से बचें 

बच्चे अब बड़े क्या हुए अब जब देखो हर बात पर बहसबाजी करने लगते हैं।माँ को यह बात बिलकुल भी पसंद नहीं आएगी क्योंकि इससे वातावरण में एक अलग सी नेगटिव सोच आ जाती है जो ठीक नहीं है। बहसबाजी तो बिलकुल भी नहीं होनी चाहिए बल्कि आराम से अपनी बात कहें,कोई काटता भी है तो अपने मुँह न फुलाएं अपितु उस बात को समझें। आपसी समझदारी से ही आपसी रिश्ते सुदृढ़ होते हैं।

 

30.

घर के सब सदस्यों से तालमेल बिठाएं 

एक ही माँ बाप सब बच्चों को एक सी ही शिक्षा देते हैं पर घर सब सदस्यों की आदतें और सोच अलग बनती हैं।आप न सिर्फ माँ के साथ बल्कि जिम्मेदारी समझते हुए घर के सभी व्यक्तियों से पना तालमेल बनाने की पूरी चाहत और कोशिश बनाये रखिए।इस सुंदर प्रयास को देख कर माँ का भरोसा सबसे ज्यादा आप पर ही बनेगा।

 

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31.

घर के कामों में सहयोग दें 

माँ दिनरात अनवरत कामों में पूरी लगन से लगी रहती हैं।किसी से कोई कभी शिकायत नहीं और न ही कोई किसी से अपेक्षा भी। आगे बढ़कर आप माँ के कामों में यदि सहयोग देते हैं तो उन्हें यह बेहद अच्छा लगेगा की उनके बच्चे कितने समझदार और जिम्मेदार हैं। एक पंथ और दो काज बस आज से ही जीत जाइए संग साथ माँ के।

 

32.

अपने दिन की सब बातों को शेयर करें

माँ को यह बात सबसे अच्छी लगती है कि रात में आने के बाद बच्चे अपनी दिन भर की अच्छी बुरी सब बातें उनसे शेयर करते हैं,यानि उन पर सबसे ज्यादा भरोसा रखते हैं। भरोसा ही दुसरे व्यक्ति को आप के करीब लाता है।माँ के संग सब बटन बताइए और उनकी अनुभव भरी सलाह पर विचार-विमर्श भी करिए।

 

33.

अपने कमरे को स्वयं व्यवस्थित करें 

जहाँ बच्चे अपने काम स्वयं करते हैं और अपनी चीजों को व्यवस्थित रखते हैं तो ऐसे बच्चों पर माँ बहुत विश्वास करती हैं क्योंकि इससे अपनी माँ की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत पॉजिटिव असर आता है। एक सुचारू रूप से सजा घर हर किसी को लुभाता है।माँ को ख़ुशी भी मिलेगी और संग में उनका अनमोल विश्वास भी।

 

34.

पिछली कड़वी बातों को न दोहराएँ

माँ के विश्वास को गहरी चोट पहुँचती हैं जब गड़े हुए मुर्दों को फिर से जिन्दा किया जाता है।किसी भी हालात में कडवी बातों बिलकुल भी नहीं दोहराया जाना चाहिए क्योंकि इससे माँ का मन तो ख़राब ही होगा और उनके विश्वास को भी चोट लगेगी।जो बीत गया सो बीत गया वाली कहावत याद रखिए।  

 

35.

धैर्यशील बन सब काम करें 

कई बार कुछ ऐसी परिस्थतियाँ बन जाती हैं कि अचानक आए काम को करने के लिए समय निकालना मुश्किल हो जाता है परन्तु ऐसे में आप स्वयं भी धैर्य रखें।माँ को भी आश्वस्त करें कि आप उनके साथ पूरा सहयोग देंगे और आप ऐसे में साथ देंगे,तभी तो माँ को यह विश्वास हो पायेगा कि कभी भी जरुरत के समय आप उनके साथ में हैं।

 

पढाई में अव्वल बन कर दिखाएँ 

आप शिक्षा में कैसे हैं यह हर माता पिता की चिंता या ख़ुशी का कारण साबित होती है।पढने लिखने में बढ़िया प्रदर्शन करने बच्चे न सिर्फ माँ के बल्कि अपने आसपास के लिए भी प्रेरणा बन जाते हैं।तो बस आदर्श बीटा या बेटी बनिए और माँ के विश्वास की डोर को सदा के लिए अपने साथ बांध लीजिये।

 

37.

बेवजह नाराज न हों 

माँ से बच्चों की नाराजगी अक्सर चलती रहती है और रूठने मनाने का सिलसिला बदस्तूर चलता रहता है पर बात नाराजगी की हो तब भी नाराज नहीं होना चाहिए क्योंकि सोचिये यदि माँ आपसे नाराज हो गई किसी दिन तो आपको कितना बुरा लगेगा।बेवजह तो बिलकुल भी नहीं होना चाहिए। माँ का विश्वास टूटता है ऐसे में। 

 

38.

खाने को प्रसन्न भाव से ग्रहण करें 

खाते समय जिस भाव से अन्न खाया जाता है वैसा ही उसका हम्मारी सेहत पर असर पड़ता है।माँ के प्यार से बनाने की बात तो जगजाहिर है कि वो कितने अनुराग और ममता से अपने घर के लिए खाना बनती हैं तो आप भी उतने ही लगाव को जताते हुए उसे प्रसन्न मान से खाएं।

 

 

39.

खुद भी कभी माँ को कोई डिश बना कर खिलाएं

माँ के हाथ का तो जन्म से आप खाना खाते हुए आ ही रहें है पर कभी आपने भी माँ को कुछ खुद बना कर खिलाया।शायद नहीं,यह तो अच्छी बात नहीं है। बस अब किसी दिन मौका पाकर उनकी पसंद की डिश बन कर सुंदर क्राकरी में परोस कर खिलाएं और उनका प्यार विश्वास भी जीत लें।

 

घर लौटते हुए घर की चीजें लाने की आदत डालें 

घर गृहस्थी में हर रोज कुछ न कुछ सामान की जरूरत पड़ती ही रहती है और ऐसे में अगर आप खुद ही ध्यान रख कर कहीं से लौटते हुए कोई भी चीज़ या एक खास चीज़ लाने की आदत माँ को बहुत अच्छी लगेगी क्योंकि यह उन्हें यह विश्वास दिलाएंगी कि भविष्य में घर की जरूरतों का बच्चे ठीक से धयान रखने में सक्षम हैं।

 

41.

अपने आप को हमेशा बिजी न दिखाएँ 

माँ को कभी भी व्यस्त होने के बावजूद भी यह न जताते रहिए कि आप करना तो चाहते है बहुत कुछ परन्तु आपके पास समय ही नहीं इसलिए नहीं कर पा रहें हैं।माँ का दिल टूट जाएगा कि जिन बच्चों के लिए उन्होंरे पूरी इन्दगी लगा दी आज उन के पास उनके लिए समय नहीं है। ऐसा न करें।

 

उनकी सलाह पर पूरा ध्यान दें 

जीवन में अनेक ऐसे अवसर भी आतें हैं जहाँ समझ ही नहीं आता कि किस से बात करके समस्या का निवारण  करें।अरे माँ हैं आपके पास।माँ के पास हर समस्या का संधान हीनहीं सबसे बढ़िया आईडिया होता है। बस उनकी सलाह पर पूरे हृदय से मनन करके आगे बढिए और बेफिक्र रहिए।

 

43.

सुबह उठ कर हमेशा प्यार भरा अभिवादन करें 

सुबह उठ कर एक दिल से किया गया प्यार भरा अभिवादन माँ के विश्वास पर एक ऐसी मोहर लगता है जिसमे उनकी अपने बच्चों को सभ्यता और अदब कायदे के गुण कूट कूट कर भरे हुए हैं।माँ को गर्वित महसूस कराइए और भविष्य के सुंदर सपनो को सजाने के ख्वाबों में खो जाने का मौका दीजिये।

 

44.

रात्रि में उन्हें शुभ रात्रि कह कर ही सोयें

पूरे दिन के बाद रत्रि में माँ से एक बार जरुर मिलें।उने हाल चाल पूछे और वो ठीक है यह सब देख कर परख कर ही अपने कमरे में सोने जाएँ।कितना सुंदर और मनोरम दृश्य होगा कि आप माँ को फिर से एक बार रात्रि अभिवादन कह कर यानि गुद्निघ्त या शुभ रात्रि या बाय बाय कह कर ही जाते हैं।माँ सुकून से सो पाएंगी इस बात की सुखद कल्पना लिए कि आप कितना ध्यान रखते हैं।

 

 45.

माँ की चिंताओं से अवगत होने का प्रयास करें 

माँ को जब यह विश्वास हो कि आप उनकी चिंता करते हैं तो यह स्थिति किसी भी माँ के एक बेहद सुकून और विश्वास भरा होता है कि उसके परिवार जन और खासतौर पर उनके बच्चे उनकी चिंता करते हैं और उनके प्रति अपना दायित्व समझते हैं।ऐसा जरुर करें।

 

माँ के साथ विश्वास वाले रिश्ते पर स्टेटस 

 

46.

सरप्राइज गिफ्ट से चकित करें 

माँ को यूंतो किसी भी प्रकार के उपहार की इच्छा नहीं होती है पर यदि आप किसी दिन कोई सरप्राइज गिफ्ट ला कर देंगे तो उनकी ख़ुशी का तो मानों ठिकाना ही नहीं रहेगा न।माँ के लिए यह भावना कि बच्चे उन्हें बहुत ज्यादा चाहते हैं,बस यही उनका आपका पर विश्वास बना रहना चाहिए।सरप्राइज गिफ्ट चेहरे पर एक प्यार की चमक लाता है इसलिए माँ को चकित करते रहिए।

 

47.

जन्मदिन को विशेष दिवस बनाएं

माँ के जन्मदिन को हर साल एक यादगार दिवस बनाए में कभी भी कोई कोर कसार न छोड़ें।आप कुछ ऐसी प्लानिंग करिए जो माँ ने सपनें में भी ना सोची हो।उनकी पुरानी सहेलियों को बिन बताये बुलाया जाना,कही ऐसी जगह जाने के प्रोग्राम को बताना जहाँ वो बहुत समय से जाने की सोच रही हों या संगीत की कोई ऐसी मुसिसिअल पार्टी जो पार्टी का समां बांध दें।

 

मदर्स डे को यादगार बनाएं

माँ को खुश करने के लिए और उनो प्यार जताने का एक दिन ओर अब खास तूर पर मनाये जाने का प्रचलन  इन दिनों बढ़ गया है।माँ को कहीं नयी जगह पर घुमाने ले जा सकते हैं।नाना नानी या मौसी मामा के साथ कहीं बाहर का डिनर प्लान कर सकते हैं।माँ को उस दिन पूरा आराम देने के लिए सुबह से सारे कम सब घर के लोगों के साथ मिल कर बनाया जाया जा सकता है। 

 

49.

ह्रदयस्प्रशी पत्र लिखें 

माँ के ज़माने को याद दिलवाए और ठीक उसी प्रकार पुराने पीले ख़त पर एक हृदय को छूता हुआ पात्र लिखें जिसमे खुद को भाग्यशाली बताते हुए उनके प्रति अपना आभार जताइए और उनकी लम्बी उम्र की कामना करते हुए खूबसूरत व् भावुक शब्दों का प्रोयोग करते हुए उनके मान में अपने लिए विश्वास की एक नयी उम्मीद भी जगाएं।

 

50.

कविता या शायरी द्वारा अपना प्रेम जताएं 

सदियों से शायरी या कविता द्वारा अपने प्रेम की अभिव्यक्ति की जाती रही है और आज भियेह तरीका उतना ही कारगार है भी। बस उठाइए अपनी कलम और लिख डालिए अपने दिल के सुंदर उद्दगार एक कविता के रूप में या शायरी के नायाब अंदाज़ में। माँ न सिर्फ भाव विभोर हो जाएँगी अपितु उनके मन में आपके लिए विश्वास के साथ प्यार की उमंग भी हिलोरें लेंगी।

 

51.

माँ के सपनों को एक नयी उड़ान दें

माँ के कभी अपने ढेरों सपनें रहें होंगे जो घर गृहस्थी के कामों में उलझ कर न जाने कहाँ गुम से हो गए।अब आप बदें हो गए है तो माँ जो दिनरात आपके ख्वाबों को पूरा करने में लगी रहती हैं अब उनके सपनों को भी अपनी लिस्ट में जोड़ लीजिये। एक नयी उड़ान में उनके साथ अपनी उड़ान भी लगाइए।

 

 52.

दूर होने पर भी एक बार फ़ोन जरुर करें 

आप की माँ से दूरी निश्चित रूप से उन्हें अंदर ही अंदर परेशां करती ही होगी। आप दिन में एक बार समय निकल कर माँ से फ़ोन द्वरा या विडियो कॉल से भी बात कर सकते हैं। माँ को तसल्ली भी रहेगिया और उनका विश्वास आप पर सदा रहेगा कि आप उनका कितना ध्यान रखते हैं।

 

53.

ऑनलाइन शौपिंग करना सिखाएं

माँ कहती तो नहीं है पर जब औरों को ऑनलाइन शौपिंग करते देखती होंगी तो उनके मन में भी कभी इच्छा होती होगी कि यह घर बैठे बैठे सब कैसे सामान मंगाते रहते हैं तो माँ को आज ही ऑनलाइन शौपिंग को सिखाएं और उनका समय भी बचाएं और उस समय में माँ के साथ गप्पे लगायें।माँ का आपके प्रति विश्वास बढ़ेगा कि आप माँ को बढ़ते हुए देखना चाहते है। 

 

डिजिटली पेमेंट करना बताएं 

आपने माँ को ऑनलाइन शौपिंग तो सिखा दी तो लगे हाथ उन्हें डिजिटली पेमेंट करने भी बता दीजियेडिजिटली पेमेंट इस प्रकार समय की बचत होगी और उनका आत्म-विश्वास भी अनोखा होगाडिजिटली पेमेंट माँ का विश्वास आपके प्रति बहुत ही ज्यादा होगा कि उनके बच्चे उन्हें नयी राह दिखा रहें हैं।  यह माँ के लिए और आपके लिए भी गर्व की बात होगी। 

 

55.

छोटे बहन भाइयों की पढाई में साथ दें 

आपकी मेहनत और आपका विश्वास सिर्फ ममा के मान में ही नहीं पूरे परिवार में बढेगा जब आप अपने साथ अपने बहन भाइयों की पढाई और उनके काररीएर में सहायक सिद्ध होंगे।परिवार में एक दुसरे का ध्यान रखना और एक दुसरे की मदद करना किसी भी माँ के लिए आत्म-संतोष की बात होती है कि उनका परिवार सबसे अनूठा और सुखी है। 

 

माँ के  साथ मधुर भरोसे को बनाने पर सुविचार लेख 

 

56.

माँ की शादी की एल्बम में इंटरेस्ट दिखाएँ

माँ की शादी की एल्बम को देखना यानि माँ के चेहरे पर वाही दुल्हन सी शर्माती हुई लाली और सुनहरी यादों में खो जाने जैसा अनुभव होता है।जब कभी फुर्सत मिलें सब के साथ मिल कर उनकी शादी की एल्बम देखिये और ढेर सारे चुलबुले सवाल पूछिए और खिलखिलाते हुए जवाब भी सुनिए।

 

आत्म -निरीक्षण करते रहें 

आत्म-निरीक्षण यानि स्वयं से संवाद करने,खुद को जानना और आत्म-सुधर के लिए प्रयास करना है ताकि जीवन में आगे बढ़ सकें।माँ से क्या कहीं कोई दिक्कत आ रही है कि वो अपने मान की बात साँझा करने में संकोच करती है या आप भी अपनी बात नहीं कह पाते है।यह स्थिति कोई अच्छी चीज़ नहीं है। इसलिए स्वयं से सवाल करें और सुधार भी करें।

 

58.

माँ संग भविष्य की प्लानिंग करें 

माँ के विश्वास को बनाने और कायम रखने के लिए अपनी सारी बातें जो अआपके भविष्य को लेकर सोची हैं या सोचते है उन सब पर माँ की राय बहुत मायने रखती है।आगे किस प्रकार से निवेश करना,अपनी जीवनसंगिनी का चुनाव,अपने माँ पिता के लिए उनके वृद्द होने की प्लानिंग आदि सब बातें शेयर करें और माँ के अनुभवों का भी लाभ उठाएं। 

 

59.

माँ को मी टाइम मिलें,ध्यान दें

कभी आपने माँ के लिए मी टाइम के बारें में सोचा कि उन्हें भी तो उनका अपना नितांत उनका ही समय मिलना चाहिए,जिसे वह अपनी मर्जी के अनुसार व्यतीत करें। अगर अभी तक ऐसा विचार मन में नहीं आया है तो इस बारें में सोचिये भी और इस दिशा में कदम उठा कर में भरोसे को भी बढाइये।

 

माँ संग खुद भी गुनगुनाते हुए चहलकदमी करें

सुबह की सैर हो या शाम को बरामदे या घर के बाहर माँ के टहलने का समय,आप भी कुछ कदम सिर्फ गुनगुनाते हुए माँ के साथ बिताइए।संगीत प्रेमी माँ को आपक यह रूप बेहद पसंद आएगा और उन्हें विश्वास होगा कि आप उनकी रूचि का कितन ज्यादा ध्यान रखते हैं।

 

घर में कोई एक फिक्स समय खेलने का रखें 

घर में एक कोई भी सबकी राय लेकर आपस में खेलने का समय निर्धारित कर सकते हैं।चैस,लूडो,कैरम बोर्ड आदि अनेकों ऐसे खेमेस है जो घर के अंदर बैठ कर खेल सकते हैं। आपसी बोन्डिंग के साथ साथ एक आंतरिक ख़ुशी और माँ के संग साथ होने पर सभी के बीच सौहाद्रपूर्ण वातावरण भी बनेगा जो आपसी विश्वास को मजबूत बनाता है। 

 

62.

माँ को नए कौशल सिखाने के लिए प्रेरित करें 

माँ को नए कौशल सीखने के लिए प्रेरित करें जिससे उनमें एक नए व्यक्तित्व का निर्माण होगा,आत्म विश्वास बढेगा,दिमाग में न्यूरांस को उतेजित करते है जिससे सीखने की प्रक्रिया में मदद मिलती है।एकाकीपन को दूर करके नए लोगों से मिल कर सामाजिक रिश्तों को बेहतर बनाता है ।

 

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माँ की पसंद नापसंद का ध्यान रखें 

बच्चे माँ की पसंद नापसंद का कितना ख्याल करते हैं यही बात तो माँ के साथ आपके रिश्तों की प्रगाढ़ता को इंगित करता है।माँ की नापसंद चीजों को छोड़ जब पसंद वाली बातों पर अगर आप ध्यान देंगे तो जाहिर सी बात हैं न कि उन्हें ख़ुशी होगी और आपके प्रति विश्वास ओर भी ज्यादा होगा।

 

माँ के साथ कैसे विश्वास का रिश्ता बनाएं पर इस ब्लॉग में 63 बेहतरीन तरीको से बताने की कोशिश की है।दिल से आज ही पढ़िए माँ के भरोसे को कैसे जीतें पर उम्द्दा लेख।COMMENT BOX आपकी राय जानने को उत्सुक है।