मामा पर शायरी हर किसी के दिल में बहुत मीठी यादें लिए होती हैं| डबल माँ यानि मा-मा ननिहाल में हर बच्चे के मन पसंद हीरो जैसे रहते है जो उनकी हर फरमाइश पूरी शिद्दत से पूरी करते हैं|
मामा शब्द से जेहन में चाँद वाले मामा ध्यान में आते है,चरखा कातती बुढ़िया नानी भी आँखों के सामने ले आते है|मामा तो बचपन के सबसे पसंदीदा हीरो होते हैं|हर बच्चे की जिद को पूरा कोई अगर करता है तो वो मामा ही होते हैं|
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मामा पर शायरी लिखने का ख्याल, बेशुमार ख्वाहिशों को पूरा करने वाला ननिहाल
मामा पर शायरी कोट्स| 85 स्वप्निल ख्वाबों वाली कविताएँ
1)मा-मा तुमको करते दो बार,करबद्ध जोड़ हाथ प्रणाम
तुम हो माँ जैसे लिए बिलकुल वैसे ही,अद्भुत गुणों की खान|
2)मामा पर शायरी लिखते हुए,नजर आते वो सपनें,
आँखों में आते चंदा मामा के ख्वाब,लगते सलोने वो अपनें|
3)लिखते हुए सुनो! मामा, तुम्हारी याद आ रही है
गुड़ियाँ तुम्हारी वो नन्हीं वाली,फिर बुला रही है|
4)चाँद का जिक्र हुआ, यूँ जब-जब
मामा आप में ही अक्स दिखे,तब-तब|
5)बचपन की हर लोरी में,थे आप मामा
मेरी प्रेरणा बन साथ रहते है,आप मामा|
6)ऊँगली थाम संग,जब चलते मामा आप
किसी राजकुमारी की हस्ती,महसूस कराते आप|
7)माँ कीआँखें ख़ुशी से,भर-भर है आती
मामा को अचानक,जब अपने घर में है पाती|
8)ननिहाल में पूरी दादागिरी,है अपनी चलती
मामा है न,मम्मी की भी वहां कुछ नहीं चलती|
9)मामा कह बुलाते मुझे नन्हा पटाखा
बच्चों की टोली करती खूब धूम-धड़ाका|
10)स्कूल की छुटियों का हुआ, ऐलान जैसे ही
मामा अपने बस आ जाते झट से, लेने हमें वैसे ही|
11)सारी शिकायतें कर इक्कठी, मामा को है बताते
मम्मी को देख पड़तीं डांट,हंस के ताली है फिर बजाते|
12)मामा से दिल की करते,खूब फरमाइश
करनी ही नहीं पड़ती, कोई जोर आजमाइश|
13)माँ और मामा दिल के है इतने करीब
कितना प्यारा है रिश्ता,बात है न अजीब|
14)मामा के क़दमों की आहट से, ख़ुशी का माहौल है बन जाता
न जाने क्या जादू है उनमे ऐसा, समझ में भी कुछ नहीं है आता|
15)उनके चेहरे पर है, सौम्यता और सच्चाई
मामा में भी मम्मी जैसे ही, दिखती है अच्छाई|
मामा के लिए सुंदर शायरी
16)मामा के घर जाने में रहती, मन में एक उमंग
दिल ख़ुशी से गाने लगता, मीठी मीठी सरगम|
17)मामा के गाँव की पगडंडी का,वो कच्चा-पक्का सा रास्ता
दुनिया भर में नहीं मिली ऐसी ख़ुशी,था दिल का जुड़ा जो वास्ता|
18)तपती धूप में चुपके से निकलते,तोड़ने कच्चे आम
ननिहाल की यह मस्ती मामा ही है कराते,सुबहो-शाम|
19)बिन कहे ही क्या चाहिए,यह समझ जाना
वो कोई ओर नहीं हैं,अपने ही हैं डियर मामा|
20)मामा हमारे तो भई,बहुत ही खासम-खास है
क्या कहे बस उनमे तो,कुछ अलग सी ही बात है|
21)मामा में अक्सर नज़र आती है, मम्मी के जैसी ही ममता
नहीं करते बच्चों में कोई भेदभाव,रखते एक सी ही समता|
22)मेरा यूँ रुठ जाना, नहीं है उनको बिलकुल भी भाता
मामा से कहीं ऐसा तो नहीं,है कोई पिछले जन्म का नाता|
23)मामा के आने की सुन,सुनती यूँ बारिश की रिमझिम
निगाहें उनके बैग पर रहती,मन कहता खुल जा सिम-सिम|
24)मामा के संग घूमने का है,अलग सा आनंद
मस्ती का आलम सा है रहता,उनके साथ संग-संग|
25)हर गलती पर समझाने का है, एक अलग ही अंदाज़
मामा है न खुद ही हैं जान जाते,दिल के अंदर की बात|
26)जीवन की अमूल्य सीख सिखाते,बातचीत के द्वारा
इतिहास रटा हुआ है, हर चीज़ के लिए सारा का सारा|
27)मामा के अधरों पर सदा,एक मुस्कान है रहती
कितने भी हो थके हुए,पर कोई खीझ नहीं है होती|
28)मामा की इक प्यारी सीख, याद हमेशा रहती
है जिसके पास सहनशक्ति ,जीत उसी की है होती|
29)जंगे-मैदान हो या जीवन में मायूस ख्यालात
जीत के जुनूं से,मामा कहते,काबू होते हालात|
30)दोस्तों में सबसे बड़े दोस्त है,मेरे मामा आप
ख़ुफ़िया सारे राज इसीलिए पता होते है,वो है जो खास|
मामा जी के लिए कविताएँ
31)मामा मुझे मेरे हुनर से, कराते है वाकिफ
हर वक्त हर हाल,बन चट्टान,दिखते वो अडिग|
32)चांदनी रात में छत पर,मामा है सुनाते कहानियां
नानी भी संग दोहराती है,बचपन की उनकी शैतानियाँ|
33)मामा में गजब की है, एक गंभीर समझदारी
घर को एक सूत्र में बांधने की, लेते हैं जिम्मेदारी|
34)माँ के बाद महसूस करता हूँ, मामा का प्यार-दुलार
ध्यान मेरे भविष्य का उनको रहता है,खुद से बारम्बार|
35)होते हैं जिनके मामा,होते हैं वो बहुत ही खुशनसीब
ज़माने के हर सवाल का जवाब बन, खड़े दिखते करीब|
36)अपनी किसी भी परेशानी का ,नहीं होने देते आभास
देख मुझे सुस्त,कहते हैं चल बता,है क्यूँ इतना उदास|
37)माँ के चेहरे पर एक प्यारी मुस्कान,तब आ जाती है
जब किसी निर्णय में सहमति,मामा से भी मिल जाती है|
38)रात्रि भोज के बाद टहलते हुए, होते जब चाँद के दीदार
कौन सा मामा है बेहतर,हंस के कहते,बता दे आज तो यार|
39)मामा मामा कह बुलाना, लगता बड़ा ही मज़ेदार
माँ भी आए मामा भी आएं,फिर हँसते सोच बार बार|
40)मामा के संग मम्मी की,गुपचुप-गुपचुप बातें होती हैं
कोशिश करता हूँ सुनने की,आखिर ऐसी क्या बातें होती हैं|
41)हसरत है हमारी, चाँद पर घूम आएं
मामा को उन मामा से भी,मिलवा आएं|
42)मामा से मिलना, एक सुखद अहसास होता है
हवाओं में घुल गयी हो सुगंध,ऐसा अहसास होता है|
43)भरी दोपहरी मे,सूरज चाचा की तपिश तड़पाती है
चंद्रमा से शीतल मामा की, तब याद बहुत ही आती है|
44)मेरे जन्म पर मामा ने बांटी थी,जी भर मिठाई
न जाने कितनी बार माँ ने खुश हो, मुझे बात बताई|
45)मामा के बाद ननिहाल में,आगमन मेरा ही था हुआ
खिलौना बन आया सूने घर में,मांगी थी खुदा से सबने दुआ|
प्यारे मामा पर शायरी
46)माँ में एक और मा जब मिला,बना शब्द मामा
ममता में दोनों बराबर,माँ न हो तो काम आएं मामा|
47)देख मेरे माथे पर शिकन,पास आ बैठ पूछते हाल
मामा के होते तुम हो परेशां,बता न क्यूँ है इतना बेहाल|
48)मामा से जुड़ा है दिल का रिश्ता,होता बहुत ही प्यारा
एक सुकून रहता हमेशा मन में,हर मौसम लगता न्यारा|
49)मेरे होने पर मामा के चेहरे पर,थी मुस्कान छाई
घर में बरसों बाद जो गूंजी, नन्हीं सी मानों कोई शहनाई|
50)चाँद की माफिक निस्वार्थ भाव,रखते है मामा मेरे
घर परिवार ही नहीं,आसपास में मददगार हैं,मामा मेरे|
51)बात गलत कोई बोले तो, गुस्सा मामा करते है
मेरी गलती पर,समझाने की रिवायत, किया करते हैं|
52)कितना भी लिखूं मामा के लिए,कम ही रहेगा
जज्बात बहुत सारे है,शब्दों से ब्यं कम ही होगा|
53)तोहफा कोई देना चाहूं,प्यार से बताते अभी नहीं लूँगा
तेरी शादी में देखना जरा,मामा कहते,जी भर के जीजा से लूँगा|
54)दुनिया गई अब पहुच चाँद पर,सारा सच जानती है
मन से लेकिन वहां मामा की झलक, अब भी दिखती है|
55)जीवन के कठिन वक्त में,मामा की सलाह काम आई
यूहीं ही नहीं ऐसे ही,दुनिया भर में होती है उनकी बड़ाई|
56)कितनी भी उम्र बीत जाएँ, छोटी उम्र लगने लगती है
मामा से जब-जब मुलाकात, अरसे बाद हुआ करती है|
57)मेरे जन्म के मौके पर मामा ने की थी, ख़ुशी बहुत जाहिर
क्या सच में मामा बनने पर,कुछ अलग सी फीलिंग होती है|
58)आने पर मामा के,मम्मी बहुत हो खुश बनाती मिठाई जी भर|
मामा की तारीफ के साथ,मम्मी की तारीफ भी होती है जम कर|
59)बात की गंभीरता को भांप,चुप हो जाते कई बार मामा
दादी को फिर प्यार से, न जाने कैसे मना भी लेते है मामा|
60)मामा के आने से हो जाता हूँ थोडा दबंग
इसीलिए घर में जब चाहे,मचाता हूँ हुड्दंग|
Best मामा Quotes
61)रसोई में गुनगुनाते हुए,जब मम्मी पकाए खाना
हम भी समझ है जाते, यानि आ रहे है डियर मामा|
62)गोदी में झट से उठा,
दिखाते खूब लाड दुलार
मामा के आने का मतलब,
मिलेगा प्यार भरा प्यार|
63)आज कुछ अलग सी महक है,
घर के अंगना
मामा जरुर लाए होंगे मेरे लिए
एक सुंदर सा कंगना|
64)मामा मम्मी से है छोटे,
करती है उन्हें बहुत याद
मैं हूँ सबसे छोटा अब,
चलता सब मेरा रौब-दाब|
65)फ़ोन पर आवाज़ के अंदाज़ से,
सब कुछ है समझ जाते
बात ही कुछ ओर है,
आखिर इसीलिए प्यारे मामा है कहलाते
66)सारे बच्चें अपनी टोली का,
मामा को मनाते हैं सरदार
अपनी बात मम्मी से मनवाने का,
तरीका है यही असरदार|
67)ठण्ड का कर बहाना,
मम्मी आइसक्रीम खाने ही नहीं देती
अरे!इतना नाजुक मत बनाओ जीजी,
शेर बालक हैं,क्यों है आप इतना घबराती||
68)हुई गर्मियों की लम्बी छुट्टियाँ और ननिहाल हुआ जाना
मौसी और मामा के बच्चों में है,शुरू से ही खूब याराना
सुबह से शाम तलक होती रहती,भागादौड़ी खूब ही ज्यादा
मामा की मधुर आवाज़ के संग,मिल कर सब गाएं तराना|
69)मामा जी ओ मामा जी,बात हमारी सुनिए
घर में हो गए है बोर बहुत,बाहर तो ले चलिए
गोलगप्पे चाट-पकोड़ी का मन है,आज खाने का
सर्कस देखे हुए बहुत दिन,वहीँ पर घूमने जाने का|
70)बात कोई बिगड़ने पर,मामा ही संभालते हैं
बच्चों के मनमुटाव को, बहुत अच्छे से जानते हैं
कैसे-कैसे कब किसको, क्या समझना होता है
समझदारी का दूजा नाम ही, मामा कहलाना होता है|
71)मामा बन घोड़ा,टिक-टिक की सवारी है कराते
कभी बिठा कांधे पर,मेला भी घूमाने हैं खुद ले जाते
कुल्फी मटकी वाली और बर्फ का गोला भी खिलाते
हंसा हंसा कर अपनी बातों से,माहौल ख़ुशी का बनाते|
72)मामा के लिए है कितना प्यार, नहीं बया कर सकता
आदर-भाव और लिहाज़,दिल के कोने में उनके है बसता
मजाल है,वो कुछ काम कहे और मै या कोई भी टाल जाए
मेरे हीरो मामा आप सदा रहे स्वस्थ,करते हम ये दुआएं|
73)दिली ख्वाहिश है कि कुछ खास ऐसा कर जाऊं
मामा करे गर्व मुझ पर,उन के प्यार को हमेशा मैं पाऊँ
जीवन मूल्य सदा सिखाते,बढ़ाते मेरी हिम्मत हर हाल
मैं भी अपने परिवार देश का नाम कर ऊँचा दिखाऊँ|
74)बचपन से चंदा मामा को निहारे, सदियों से सारा जमाना
दूर से ही दिखता प्यार भरा,हँसते हुए चेहरे का नजराना
बुढ़िया नानी कातती चरखा, खुदबखुद नजर आने है लगती
चाँद पर पंहुचा इंसा पर बात अभी भी यही सच है क्यों लगती|
75)यूँ मामा जी से सब है,बहुत ही ज्यादा डरते
गलत बात को सहन तो वो, बिलकुल भी नहीं करते
समझाते मुझे यही सदा,रहना हमेशा दिल के सच्चे
सत्य में है ताकत असली,डरते नहीं वो,है स्वयं में जो अच्छे|
मामा के लिए अनमोल रचनाएँ
76)मामा के संग होने पर,भय ही नहीं लगता कभी
एक योद्धा समान तान के सीना है चलते,नहीं डरते कभी
कराटे,आत्मसुरक्षा प्रशिक्षण में,किया मुझे भी माहिर
सरल रहो मदद करो,अपनी ताकत को मगर नहीं करो जाहिर|
77)मामा खुद बने जब मामा,बहुत खुश व प्रसन्न हुए
एक नयी जिम्मेदारी के अहसास को,अब थे लिए हुए
भात की तैय्यारियाँ कर दो शुरू,नानी ने हंस कर बताया
नहीं नहीं,तभी लूँगा लेटेस्ट,मामा ने प्यार अपना यूँ जताया|
78)मामा है बहुत सरल हृदय,
नहीं रखते किसी से भी वैर
पशु-पक्षी स्नेही,करे गर कोई परेशान,
नहीं उसकी फिर खैर
छल साजिशों से रहते दूर
,पर कोई उन्हें भटका नहीं सकता
अर्जुन सी लक्ष्य-भेदी निगाहें,
अटल इरादों से नहीं हटा सकता|
79)रातों में झिलमिल तारों को गिनना,
ठंडी-ठंडी हवा के मस्त झोंकों के संग
नानी सुनाती थी अजब-गज़ब कहानियां
दिन भर उडती थी मामा,संग बच्चों की पतंग|
80)मामा के साथ अपनी,
एक अलग सी मस्ती रहती है
डांट तो पड़ेगी ही नहीं,
उसमे खास बात यह भी होती है
रूठ जाओ गर तो सब के सब,
चिंता में डूब से जाते है
वाह!मम्मी को बुरा न लग जाए,
आवभगत खूब होती है|
81)ऐसा तो कभी हुआ नहीं,
कि मामा खाली हाथ आ जाए
उस दिन त्यौहार हो जैसे,
सबके लिए कुछ न कुछ न लाएं
दादी के लिए अलग से एक पाकेट में,
आते सुंदर तोहफे जरुर
मुझे तो मिलते इतने खिलौने और न जाने क्या क्या,
होता गुरुर|
82)मामा कहे कभी मुझे जूही की कली
तो बन जाती हूँ कभी चंपा और चमेली
कल्पना चावला की कभी सुनाते कहानी
कभी द्रौपदी मुर्मू की हिम्मत वाली रवानी|
83)इतिहास में विख्यात है
मामा परम ज्ञानी
खाने की टेबल पर सुनाते
हमें पौराणिक कहानी
एक जोश एक जूनून सा
,भर जाता है सुन दास्ताँ
रचे कुछ सुंदर सा हम भी,
याद करे दुनिया दीवानी|
84)मामा से मिलकर जीवन के लिए,
एक उमंग जगती है
सकारात्मक सोच ही,
ऊँचाइयों की बुलंदी को छूती है
सिर्फ खाने पीने में बिताने से,
कुछ हासिल नहीं होता है
आचे कार्यों से ही अपनी व
परिवार की छवि बनती है|
85)जीवन में हर पल,
बनते-बिगड़ते हैं अनेकों रिश्ते
कभी कुछ सच्चे और कभी कुछ झूठे भी
दिखते रिश्ते
मामा से बनता जन्म से ही,
एक दिल का रिश्ता प्यारा
कभी दोस्त तो कभी माँ की ममता सा,
लगता न्यारा|
मामा पर शायरी लिखना यानि बचपन से लेकर उम्र भर के अनुभवों का एक अनूठा और बेहद सुखद रिश्तें की प्यारी दास्ताँ हैं| यह महसूस हो रहा है जैसे मैं फिर से एक नन्हीं बच्ची बन गयी हूँ|मामा पर बेहतरीन शायरी को मन से पढ़िए जरुर|
और हाँ,COMMENT BOX आपके विचार जानने का इंतजार कर रहा है|
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।