सच्ची दोस्ती पर शायरी,जीवन में है जो सबसे क़ीमती और न्यारी और जब दोस्त परिवार का हिस्सा बन जाए तो फिर जिन्दगी में ओर क्या चाहिए|जिसे सच्चे मित्र का साथ मिल जाए उसके लिए जीवन का सफ़र बेहद सुहाना रहता है|
हँसते चेहरे के पीछे खुद ही मन के दर्द को बखूबी पढ़ने और समझने वाले ऐसे नायाब इन्सान के लिए दिल से लिखी कुछ रचनाएँ हैं|
पढ़ना न भूलें
सच्ची दोस्ती पर शायरी,अंतर्मन के जज़्बातों को कहने की आयी ज़िम्मेदारी
सच्ची मित्रता पर अनमोल वचन।73 सुंदर कविताएँ
1)रिश्तों की डोर,जहां नहीं होती कमजोर
सच्ची दोस्ती कहलाती, दुनिया में हर ओर।
2)ना कोई अपेक्षा न कोई चाहत,दें उम्मीदें खूब सारी
एक ऐसी भावना है दोस्ती की,सच्ची और सबसे न्यारी।
3)दिल है चाहता करूँ,ईश्वर को मिल खूब धन्यवाद
दोस्त के रूप में दिया अनमोल तोहफा,हुआ मैं आबाद।
4)हर कदम पर लेती है,इम्तिहान ज़िंदगी
दोस्ती सच्ची हो तो,प्यार से गुजरती ज़िंदगी।
5)माना धन दौलत की, कमी सी रहती है
पर सच्ची दोस्ती दिल खोल कर, खूब मिली है|
6)दोस्ती सच्ची है मेरे पास,रहता हूँ मगरूर
भावनाओं की कद्र करता हूँ,अहमियत देता हूँ ज़रूर।
7)एक मैं और एक छोटी सी दुनिया मेरी
दोस्त और उसकी सच्ची दोस्ती बसती मेरी|
8)इरादे मजबूत करने को,दोस्त है न मेरे पास
थोड़ी सी उदासी जो देखी,आ बैठे तभी मेरे पास।
9)दोस्त मिले सच्चे,लोग मुझ से जलते हैं अब ऐसे
मानो खरीदने से कोई भी ले ले,नासमझ है सब वैसे।
10)दोस्त और उसकी दोस्ती पर,है मुझे बहुत नाज
दुनिया का अमीर बादशाह बन गया,पहना सुंदर ताज।
11)तमस् गहन अंधेरे में,जुगनू की चमक है
परेशानी में दोस्त की,सलाह में बेशक महक है|
12)खामोश चाहो गर रहना,मानते ही नहीं
दोस्त हैं न,चुप्पी की बात जानते ही नहीं|
13)जीवन में जब-जब भी, बुरा वक्त आया
दोस्त ने ही आगे बढ़, साहस फिर बढ़ाया|
14)वक्त ने बेवक्त,हजारों रंग अपने दिखाए
एक दोस्त ही थे,जो हर वक्त साथ-साथ आए|
15)चेहरे पर कभी उदासी आने नहीं देते
दोस्त हो सच्चे,तो गम आने नहीं देते|
ट्रू फ्रेंडशिप शायरी
16)संगीत के सुंदर सात सुरों का, लयबद्ध साज़ हैं
सच्ची दोस्ती दोस्त की,फलक को छूती वो आस हैं|
17)बागो-बहारा में महकती, फूलों की माला है
दोस्त हो साथ तो हर वक्त,जीवन स्वर्णिम प्याला है|
18)किस्मत करती है यदा-कदा जोर आजमाइश
क्या खायेगा,ध्यान बंटा,करते पूरी हर फरमाइश|
19)ईश्वर के इस तोहफे के लिए,करता हूँ धन्यवाद
कमी कोई कभी लगी ही नहीं,प्यारे दोस्त हैं जो साथ|
20)कदम दर कदम, बढ़ते अपनेआप
सच्चे दोस्तों का मिलता है,जब सुंदर साथ|
21)सफर जिंदगानी का है कठिन,सभी यह मानते है
मिल कर रास्त्ता बने कैसे सरल,सिर्फ दोस्त जानते हैं|
22)गाँव की पगडंडी की, याद आती है
दोस्त संग बांटी हर बात, याद आती है|
23)दोस्ती बंधन है ऐसा,ताउम्र संग रहता है
यह प्रेम के मजबूत धागे से, बंधा जो होता है|,
24)गर आंच दोस्ती पर,कभी आ ही जाए
पीछे हटने को कोई भी, न कभी मान पाएं|
25)आंधी तूफ़ा भी जिसे,डिगा नहीं कभी सकते
नाम है उस का दोस्त,किसी भी हाल हटा नहीं सकते|
26)रिश्तों में बांध कर भेजना, भूल गए भगवान
याद आया जब दोस्त दे दिया, एक सुंदर सा नाम|
27)एक तस्वीर जो दिल में,हमेशा ही लगी होती है
दोस्त कहते उसको,सच्ची दोस्ती वहां बसी होती है|
28)समय के क्रूर थपेड़ों ने, बोझिल जब किया
सच्ची दोस्ती ने थाम आगे बढ़,गिरने से रोक लिया|
29)व्यस्त दिनचर्या यूँ तो अब,सबकी होती है
दोस्त से मिलने की मगर, कमी कहाँ होती है|
30)अपनी ही दुनिया में, रहता हूँ अक्सर मस्त
दोस्त कम ही हैं,वहीँ रखते है मुझे बहुत व्यस्त|
सच्ची दोस्ती शायरी इन hindi
31)नुककड़ पर बीतती है, शामें जो दोस्तों के संग
सुख दुःख की दिल की बातें, होती है वहां संग संग|
32)रुतबा पैसा दोस्ती में, कौन कब देखता है
गर देखता है तो दोस्त, कैसे बन सकता है|
33)दोस्त सच्ची मिल जाए, तो बनती है मिसाल
हृदय जिनके पास होते है,कोमल और विशाल|
34)जीवन में तोहफे तो मिले, ईश्वर से नायाब
पर दोस्त सच्चा पाकर,मिला सुंदर आशीर्वाद|
35)जिस दिन खुल कर दोस्तों से,दिल की बात होती है
क्या कहूँ शम्माए-अरमान पूरी, होने की बरसात होती है|
36)पैसा रुतबा दोस्ती सच्ची हो,तो आड़े नहीं आता
गर इस के बलबूते बनती,तो यह साथ न कभी बन पाता।
37)जिन्दगी की पाठशाला को, इतना तो समझ लिया
है जिसके पास दोस्त,उसने ही सब हासिल किया|
38)दुनियादारी के उसूल ना कभी सीख पाए
दोस्त बेवक्त होते है साथ,ना यह कभी भूल पाए|
39)बात सोलह आने शत प्रतिशत,
है एकदम सच्ची
दोस्तों के संग ख़ुशी और गम,
दोनों में दोस्ती रहती अच्छी|
40)दौरे-खिज़ां का दौर,
जीवन में सबके आता है जरुर
दोस्त सच्चे हो साथ तो थोड़ा,
आ ही जाता है मगरूर|
41)दोस्ती की पूछो उनसे,
जो नहीं देते कभी अहमियत
जिन्होनें झेली है मुसीबतें अकेले,
न दिखी जब कोई सहमत|
42)अक्ल तेज से कहीं ज्यादा,
कोमल से अहसास चाहिए
मन को पढने के लिए दिल में,
भावनाओं के जज्बात चाहिए|
43)एक विश्वास दिल में लिए,
घूमा करता हूँ
सच्चे दोस्त हैं न मेरे पास,
बेख़ौफ़ रहता हूँ|
44)जब किसी से भी नहीं हो पाती है,
अपनी बात शेयर
दोस्तों में जादू है ऐसा होता,
करते है बिन कहे वो जो केयर|
45)जब सब आपको आपके,हाल पर यूहीं छोड़ देते हैं
ये सच्ची दोस्ती ही है होती,मजबूती से हाथ थामे रहते हैं|
खास अटूट दोस्त के लिए दो लाइन शायरी
46)जब किस्मत होती है हम पर खुद मेहरबान,
सच्चे दोस्त भी मिलते है,रास्त्ते हो जाते आसान|
47)फक्र करता हूँ मिले ऐसे दोस्त,
है जिनके है उसूल पक्के
रोज की बात में नहीं,बेवक्त खडें दिखते है,
सच में है बहुत अच्छे|
48)दोस्ती में प्यार नहीं होता,
है कभी भी जताना
महसूस करता है दिल,
धडकनें गाती प्यारा तराना|
49)बारिश थी इतनी तेज,
आंसू संग बह गए
दोस्त ने भांप लिया,
गले लग संग में रो दिए|
50)गुलाबों की खुशबू-ए-रूह से,
दोस्त होते है
कांटे न चुभ जाए,
संग-संग हिफाज़त किये होते है|
51)दिल से दिल का मिलना,
इतना आसां नहीं होता
जज्बातों को बिन कहे समझना,
दोस्त बिन नहीं होता|
52)सच्ची दोस्ती का,
कैसे चुकायेंगे हम कर्ज
फरिश्ते से बन,
निभा जाते है चुपचाप अपना फर्ज|
53)सच्ची दोस्ती गर मिल जाए,
तो है लगता दुआ हुई कबूल
सोचते हैं अक्सर बिन दोस्तों के,
लगती जिंदगानी कितनी फिजूल|
54)संग दोस्त थे,
मंजिले-मकसूद पाना हुआ बहुत आसां
वर्ना एक कदम भी था कठिन चलना,
दूर दिखता था कारवां|
55)खामोश निगाहें जब कुछ,
बया नहीं कर पाती हैं
दोस्त भांप परेशानी,
आगे बढ़ सब संभाल ख़ुशी देती है|
खास दोस्ती के लिए खास शायरी
56)दिल हो जब ग़मगीन,
वक्त काटना तब भारी सा लगता है
बता क्या हुआ है!दर्द पीछे का भाँप,
दोस्त ही जान पाता है।
57)सात सुरों की सुंदर लय सी,
होती है लयबद्ध दोस्ती
बस संग हो मित्रों की टोली,
रहती फिर प्यार भरी मस्ती|
58)नहीं कोई शिकायत खुदा से मुझे
दोस्तों का तोहफा है बहुत ही प्यारा
इनायत इससे बढ़ कर क्या होगी अब
हर ओर दिखता सुंदर जहाँ का नज़ारा|
59)परेशानियों के बीच भी मुस्कुरा देता हूँ
हैरान हो सब लोग यूँ फिर है तकते मुझे
ऐसी क्या दौलत पा ली मैंने बैठे-बैठे कैसे
अरे!सच्ची दोस्ती है न मेरे पास,बस ऐसे|
60)वसीयत जिन्दगी की, जब लिखी जाएगी
हर पन्ने पर दोस्त की दोस्ती, बया की जाएगी
मालामाल होते हैं वो लोग, हद से कहीं ज्यादा
सदियों तक कृष्ण-सुदामा सी, दास्ताँ कही जाएगी|
61)अदब कायदे की,जीती जागती तस्वीर तुम हो
मीठी वाणी मानों शहद में, घुली सी तासीर तुम हो
यह शायरी किसी महबूब के लिए, नहीं लिखी मैंने
क्यूंकि हर रिश्तें की लिए मिठास,सच्चे दोस्त तुम हो|
62)सच्चे दोस्त है मेरे ऐसे नायाब
होता है दिल से उन पर बहुत नाज़
दिल के है राजा,दुआ हो कबूल
खुदा बनाये रखना हमारे प्यारे उसूल|
63)क्या अच्छा है क्या है बुरा
नहीं तौलना ऐ-दिल कभी आया
वक्त था जब बेगाना,न साथ था कोई
सच्ची दोस्ती है क्या,तब ही सीख पाया|
64)बहुत चंद लोग चेहरे को पढ़ पाते है
दोस्त मगर उसमे सबसे पहले ही आते हैं
न जाने कैसे हाले-दिल को है जान लेते
गले लगा होले से पीठ थपथपा हैं देते|
65)दोस्ती को परखने की,
दुनिया में कोई किताब नहीं मिलती
कसरते-गम में,
उजाले करने की कोई मिसाल नहीं मिलती|
(कसरते-गम=दुःख की अधिकता)
सच्ची दोस्ती पर सुंदर कविताएँ
66)हाथो की लकीरों में, ढूंढते है वो लकीर
जिसमें दिखाई दे दोस्त, मिलने की तक़दीर
नहीं जानता था हूँ, इतना मैं खुशनसीब
प्रभु का आशीर्वाद मिलेगा,जहेनसीब|
67)कल रात एक ख्याल ऐसा आया
ईश्वर को मैंने साक्षात् सामने ही पाया
वर मांगने को उन्होंने जो कहा मुझे
सच्ची दोस्ती मांगने का ही ख्याल आया|
68)दरवाज़े पर दस्तक थी,
आंधी की तेज आने की आहट थी
दूसरी बुलंद दस्तक मेरे दोस्त की थी,
की उसने बगावत थी|
69)एक सुकून भरे लम्हे की तलाश,
ख़त्म तभी हो जाती है
जब दोस्तों की सच्ची दोस्ती रूबरू,
परेशानी में नज़र आती है|
70)दोस्तों की मेरे महफ़िल में,
चर्चा-ए -खास होती रहती है
पारिवारिक कैसे बने,
समझने की कवायद चलती रहती है|
71)दोस्त हो ऐसे, जो परिवार का हिस्सा नजर आए
वक्त-बेवक्त बेरोक-टोक,जब भी मन हो चले आएं
हर निर्णय के वो भागीदार,खुदबखुद ही बनते जाए
अब और क्या चाहिए,रब भी मंद-मंद सोच मुस्कुराए|
72)काश!आज खुदा से, बस एक मुलाकात हो जाए
दिल से धन्यवाद देने की रस्म भी,लगे हाथ अदा हो जाए
इनायतें आप की इतनी हैं,गिनती करना है बहुत मुश्किल
पर सच्ची दोस्ती देने की,फरियाद हुई कबूल,पता सबको चल जाए|
73)जीवन में यह बात तो समझ खूब आती है
सुख दुःख अपने-अपने संग, रहते सदा के साथी हैं
तन्हाई भी बहुत जरुरी होती यह तजुर्बा करने के लिए
सच्ची दोस्ती ही हमेशा वक्त पर काम आती है|
सच्ची दोस्ती पर शायरी लिखने के बाद एक बहुत सुकून का भाव महसूस हो रहा है| आप भी आज ही जरुर पढ़िएगा और अपने दोस्तों को सुनाइए भी सच्ची दोस्ती पर Heart टचिंग कोट्स| COMMENT BOX में अपनी राय भी दीजिये|
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।