समर्पण पर शायरी यानी एक ऐसे अद्धभूत गुण पर लिखना एक सौभाग्य की बात है,जो बहुत विरले लोगों में ही मिलता है,उनके लिए,उनकी तारीफ़ में अपने मनोभावों को कविताओं द्वारा बताने का प्रयास किया है।

आज परिवार,समाज और देश को ऐसे समर्पित व्यक्तियों की बहुत ज़रूरत है|

पढ़ना न भूलें

|निष्ठा पर अनमोल शायरी|

समर्पण पर शायरी,नवचेतना हो जागृत स्वयं में व औरों में भी करने की तैयारी

Best समर्पण कोट्स| 55 अनमोल कविताएँ

1)प्रकृति से सीखा,उदार मन से बाँटना

समर्पण से प्यार से,अंतर्मन से ख़ुश रहना।

 

2)अचेतन मन में हो,जब सकारात्मकता

समर्पण की भावना,भगाए नकारात्मकता।

 

3)भगवतगीता देती शिक्षा,बस कर्म किए जा

छोटी सी ज़िंदगी में, समर्पण त्याग से जिए जा।

4)समर्पित भाव ऊँचा रखते,जो भी इंसान

करते उन्हें सब वंदन,कहलाते वो महान।

 

5)जीवन में रहें बस इतने व्यस्त

नहीं होंगे कभी भी अवसादग्रस्त।

 

6)ज़िंदगी भी,खिल-खिल सी जाती है

समर्पण की भावना,मन में जब आती है।

 

7)मन हो जब बहुत परेशान और आहत

समर्पित हो कुछ अच्छा करे,मन को मिलेगी राहत|

 

8)जीवन बसंत है,हर हाल मानना चाहिए

समर्पण और अपनत्व बना रहना चाहिए।

 

9)मन समर्पित तन समर्पित,देश के लिए

ख़ुशी दे पाए,सर्वस्व अर्पित देश के लिए।

 

10)सोचा जब भी रहना,तनावमुक्त ख़ुद फिर

समर्पण ने हंस कर कहा,अपना लो मुझे फिर।

 

11)मन में रहे हर पल हर घड़ी,आशा का संचार

समर्पण रूप से बाँटते रहे,निस्वार्थ भरा प्यार।

 

12)दिल ख़ुशी से झूम-झूम, तराने गाता जाता है

माँ का प्यारा सा,समर्पित चेहरा नज़र आता है।

 

समर्पण पर सुंदर शायरी 

 

13)जीवन शैली है आजकल,बहुत ज़्यादा ही व्यस्त

थोड़ा समर्पण औरों के लिए,बनाएगा जीवन मस्त।

 

14)जब सोचे किसी के लिए,कुछ करने का हो मन

बस प्यार से,एक छोटा सा समर्पण लिए हो मन।

 

15)राधा कान्हा सा समर्पण,जब जिसे मिल जाए

जीवन से वो भला फिर क्या,कुछ और भी चाहे।

 

16)समर्पण सिखाता रखना अपने पर आत्म-विश्वास

हीनभावना और असफलता से दूर,बनाता संकल्पित।

 

17)बात छिड़ी कि निस्वार्थ समर्पित, आख़िर कौन है

माँ पिता से आगे बात,बस किसी की भी बढ़ न सकी।

 

18)चलन कुछ जमाने का,बदल गया है आजकल

हृदय की चाहत नहीं दिखती,न समर्पित भाव प्रबल|

 

19)जीवन के आरोह-अवरोह में,न हो कभी भी निराशा

मन में रहे बस समर्पण भावना,संचारित रहे सदा आशा।

 

20)समर्पित भाव से छोटा सा,प्रयास भी उत्तम

बेमन से बड़े करते हुए काम में,नहीं वो दम।

 

21)प्रेम भाव से स्वयं को व औरों को संवारना होगा

यूँही भला यह जीवन बीत जायें,गवाँरा न होगा।

 

22)ख़ुशियों को अपना बनाए रहना,हो अपना उद्देश्य

पर संग समर्पण भाव, भी रहे बना हो सदउद्देश्य।

 

23)शांत समुद्र की लहरें आती है, इठलाती  हर बार

फिर भी समर्पण कम नहीं दिखाता,समुद्र एक भी बार|

 

24)मेरी हैसियत मेरे मन की,समर्पण भाव से नज़र आए

गाड़ी बंगला गहनों से,बिलकुल भी परखा न जाए।

 

समर्पण पर काव्याभिव्यक्ति

 

25)लफ़्ज़ों को नहीं बिन कहे,जो अहसास समझ जाए

महँगे तोहफ़े नहीं,समर्पित जज़्बात सिर्फ़ उन्हें दे दीजिए।

 

26)तमाम व्यवस्ताओं के बावजूद,जो आपको समय दे

उस बेशक़ीमती नगीने को,समर्पित रूप से मान दीजिए।

 

27)भोर की महकती बादे-सबा और प्रभु का सुंदर स्मरण

समर्पित भाव से करते जाना,उनका उनको ही अर्पण।

 

(बादे-सबा=सुबह की हवा)

 

28)न अब वो पहले जैसे मेलजोल,न ही वो रहन-सहन

आपसी संवाद हुए कम,समर्पण भाव भी दिखते कम।

 

29)तेज रफ़्तार ज़िंदगी में,बीते तेज़ी से ही पल प्रतिपल

ख़ुदा बस बनाये रखना मेरा,आपको ही समर्पित हर पल।

 

30)मैं कुछ कर पाऊँ,

यह समर्पित भावना ही बस चाहिए

मैंने किया यह अहंकार,

मुझ में पनपना नहीं चाहिए।

 

31)चेतना को कर जागृत,

प्रकाश को ख़ुद में जगाना है

समर्पित भाव से ही,

अपने काम से नाम भी कमाना है।

 

32)शहरों की तड़क-भड़क,

ले आयी खींच इंसा को यहाँ

गाँव की पंगडण्डी पर,

साथ वाला समर्पण भाव अब कहाँ।

 

33)जब भी किसी के लबों पर,

उदासी भरी खामोशी पाई

समर्पित भाव से राहत दिलाने पर,

कोशिश रंग लाई।

 

34)दुखों ने हृदय को जब-जब,

मौक़े-बेमौक़े आ कर डराया

समर्पण ने कहा कि आगे बढ़ो,

यूँ फिर हौंसला बढ़ाया।

 

35)प्रेम निहित भाव जताने में,

समर्पण का होना ज़रूरी है

अपने अस्तित्व को सर्वस्व में,

बिन अपेक्षा दे देना ज़रूरी है।

 

36)असल जीवन में कहते सभी हैं,

पर करते हैं कम ही फ़िक्र

जिसने कभी न किया हो कुछ,

वो क्यों करेगा किसी की ज़िक्र।

 

समर्पण पर प्रेरणादायी शायरी

 

37)सोच हुई स्वार्थी और स्वकेंद्रित,

हुआ आधुनिकीकरण

संकीर्ण मन में समर्पण भाव भी,

बदल  बना व्यवसायीकरण।

 

38)जीवन में अनगिनत अवसर,

मन को विचलित कर जाते हैं

समर्पित भाव रखने से,

समस्या के हल भी नज़र आते हैं।

 

39)राधा अपनी समर्पण अभिव्यक्ति,

कृष्ण को जब दिखाए

कृष्ण भी बढ़े आगे और मन के प्यारे भाव

राधा को बतलाए।

 

40)प्रकृति सदा से ही,

समर्पित और उदार मन से देती आयी है

न जाने मानव को यह बात,

अब तक क्यों नहीं समझ में आई है।

 

41)जीवन का अंतिम लक्ष्य है,

ख़ुशी की अनुभूति को पाना

अंतर्मन हो जब लबरेज़ समर्पण से,

आसान होता इसे खोज पाना।

 

42)सच तो यह है,

कि दिखावे की भावना है अब हर तरफ़ प्रबल

महँगे तोहफ़ों के नीचे दब गई,

समर्पित भावना आजकल।

 

43)कृष्ण राधा सा समर्पित प्यार का भाव,

जिस दिन समझ आएगा

सचमुच वह दिन तो जीवन में,

कुछ कमाल ही करके जाएगा।

 

44)ख़ुद ख़ुश रहना और औरों की ख़ुशी का,

कारण बन पाऊँ

हे-ईश्वर बस समर्पण की भावना को,

हमेशा रख पाऊँ।

 

45)जब मन में समर्पण का सुंदर भाव,

बने जीवन हर्षमय

छोटा रहे या लंबा जीवन,

बस बने सदा उल्लासमय।

 

46)यज्ञ की वेदी पर सती के विछोह को,

सह न सकें शिव जटाधारी

था अद्धभुत समर्पित प्यार,

बने विश्व के नटवर तांडवधारी।

 

47)हे-ईश्वर बस आप अपना आशीर्वाद,

हम पर बनाये रखना

समर्पित होके जीवन में कुछ कर पाए,

ये भावना बनाये रखना।

 

48)चलो आज से मिल कर,

कुछ नया करने की सोचते हैं

जीवन में सबसे समर्पण भाव से,

देने की कोशिश करते हैं।

 

समर्पण शायरी in hindi

 

49)पार्वती के समर्पित रूप जैसी नहीं,

दुनिया में कोई मिसाल

शिव ही मिले हर जन्म में,

तपस्या की अद्धभुत और बेमिसाल।

 

50)समर्पण विचार के लिये,

आत्म-मंथन का चिंतन निरंतर चाहिए

बच्चे मिट्टी की मानिंद,

उन्हें इस का मूल्य भी बताना चाहिए।

 

51)समर्पण भाव रख रे-मन मेरे,

बहुत कुछ कर दिखाना है

मिला जो मानव शरीर धरा पर,

उसे सफल भी बनाना है।

 

52)यह परवरिश ही है,

जो त्याग समर्पण करना सिखाती है

लालच और मोह की दुनिया से,

हमें दूर रहना सिखाती है।

 

53)दादी नानी के हाथ के बने व्यंजनों में,

एक अलग स्वाद होता था

प्यार के साथ साथ उसमें अपनों के लिए,

समर्पण का भाव होता था।

 

54)सजी धजी थी महफ़िल,

भाषण समर्पण पर देने की बारी सबकी आई

जो मामूली वस्त्रों में था,समर्पण की भावना,

जीवन में मगर उसने ही दिखलाई।

 

55))माँ के हाथ की गुझिया और रंगों में खिलता होली का त्यौहार

दिवाली की रोशनी तो राखी पर कभी बहन का प्यार भरा प्यार

हर दिन जीवन लगता जैसे हंसते रिश्तों में ही खिलता संसार

समर्पित भाव लिए हो जब मन-तन,जन्नत ही धरा पर दिखे हर बार।

समर्पण पर शायरी लिखते हुए बहुत अच्छा महसूस हो रहा है और यही जज़्बात आप तक पहुँचे,यही इस ब्लॉग की उपलब्धि रहेगी।समर्पण पर अनमोल शायरी आज ही पढ़िए और COMMENT BOX में अपनी राय भी शेयर ज़रूर करिए।