सास ससुर पर शायरी यानि जीवन के दूसरे प्यारे से मम्मी पापा के साथ ताउम्र बिताने की आई बारी| दिल से जब दोनों तरफ से एक दूजे को मान दिया जाता है तो सच मानिए जन्नत का नज़ारा जमीं पर नज़र आता है|
पढ़ना न भूलें
|सास ससुर के लिए मस्ती भरी anniversary शायरी|
सास ससुर पर शायरी की बात,मायके जैसा ही मिला जहाँ प्यार भरा साथ
Best in laws पर कविताएँ | 51मनभावन रचनाएँ
1)माँ सा लाड और पिता सा स्नेह, हमने पाया
सासू माँ ससुर जी ने, प्यार-दुलार खूब दिखाया|
2)दुल्हन वही जो सास ससुर के,मन को भाएँ
रोज उनसे ही तो बिगड़ी बात,फिर बनती जाएँ |
3)सास ससुर जी लगते, बहुत ही अच्छे
दोनों ही हैं दिल के,सच में बहुत ही सच्चे|
4)माँ सरीखी सासू माँ,पिता तुल्य हमारे ससुर जी
धन्यवाद देते प्रभु को हर बार,नसीब हमारे प्रबल जी|
5)कहते तो सभी हैं पर बेटी सा, ना कोई रख है पाता
मुझे गर्व है ससुराल दिया ऐसा मुझे,थैंक यू विधाता|
6)सास ससुर जी हर वक्त बांधे, तारीफ के पुल
मैं भी सच में प्यार पाकर, मायका गई कुछ भूल|
7)सासू माँ कभी-कभी, माँ जैसे लगाती हैं डांट
ससुर जी पापा जैसे,बढ़ कर सम्भालतें हालात|
8)हर रोज सुबह उठ करती हूँ, ईश्वर का धन्यवाद
समझदार सास ससुर मिलें,रौनक रहती आस-पास|
9)सासू माँ ने सिखाई घर-गृहस्थी,बनाया खिलाड़ी|
रखते है वो दोनों भी मेरा, हर वक्त बेटी सा ध्यान|
11)मायके की भी जो याद भूलवा दें
असली सास ससुर वहीँ है कहलाते|
सास-ससुर स्टेटस्
12)सास ससुर जी दिल से जब हैअपनाया
बहू ने भी बेटी बन प्यार है खूब जताया|
13)सासू माँ की सुरीली आवाज़ में, हर गीत जंचता है
हारमोनियम पर ससुर जी का साथ,देखते ही बनता है|
14)जब-जब जीवन में डराने, हैं उलझनें पास आती
सास ससुर हैं न पास,सलाह से दूर भाग है जाती|
15)कहीं कोई गलती न हो जाए,रहती मन में उधेड़बुन
सासू माँ ने कहा रहा करो मस्त, हर पल हर क्षण|
16)सास ससुर का साथ जैसे कृष्ण राधा की जोड़ी
मैं भी बन पाउँ उस जैसी,प्यार से जाऊं वारी-वारी|
17)दूर दूर से लोग आते है रहते,लेने सलाह मशवरा
सास ससुर दोनों खुशमिजाज,माहौल रहता हरा-भरा|
18)फिल्मों वाली जालिम सासू माँ को,देख लगता था डर
कोमल हृदया मिली मम्मी जी,लुटाएं प्यार अपना जी भर|
19)पतिदेव भी कुछ कहने से पहले, सोचे बहुत बार
पक्ष सास ससुर जी लेंगे हमारा ही,जाने बरखुरदार|
20)सास ससुर जी की जोड़ी उफ़्फ़,
लगते खूबसूरत जैसे हों कोई राजा रानी
एक किसी रियासत की राजकुमारी,
दूजे का भी नहीं कोई सानी|
21)ननद रानी नकली गुस्सा दिखा,
नखरें हैं खूब दिखाएँ
जाते हुए पर सौ-सौ आशीषों से
झोली मेरी भर जाएँ|
22)अदब-कायदा असल मायने में,
ससुराल में ही सीखा
सास ससुर जी से दुनियादारी का,
अंदाज़ भी सीखा|
सास-ससुर पर सुंदर शायरी
23)यह बात सही नहीं है कि
मायके की याद नहीं है आती
सास ससुर की निगाहें प्यारी
पर बढ़ते कदम हैं रोक जाती|
24)जींस टॉप वाली थी मैं,
अब साड़ी में नज़र आने लगी
सासू माँ के पहनावे की झलक,
मुझ में भी आने लगी|
25)शाम की चाय पीने का मजा,
आता है बगीचें में सबके साथ
सास-ससुर जी के जीवन से,
सीख मिलती कितनी अपने आप|
26)ननद और देवर करते है शिकायतें,
प्यार ज्यादा है मुझे अब मिलता
पर सास-ससुर जी को देख खुश हमेशा
उनका स्नेह भी मुझ पर ही है खिलता|
27)गले से सासू माँ ने जब मुझे लगाया
ससुर जी ने आशीर्वाद दे प्यार जताया
यकीं नहीं होता हूँ कितनी खुसनसीब
रब जी ने कितना ख्याल है दिखाया|
28)मायके में भी तारीफ सुन, सास ससुर की
माँ ने नकली गुस्सा दिखाते हुए टोका
लगता भूल गयी हमारी बिटिया अब
ससुराल में ही जी है, तुम्हारा अब रमता|
29)नए घर यानि ससुराल में,
मन में थी अनेक तरह की शंकाएं
सास-ससुर ने ममता भरे व्यवहार से,
दूर की सभी बाधाएं|
30)कुंवर सा जैसा है रहता,
शाही रुतबा हमारा
सास ससुर दोनों से है
मीठा रिश्ता हमारा|
31)पहले ही दिन सास-ससुर जी ने,
ममता ऐसी दिखाई
ताउम्र उनकी सेवा करने की,
कसम भी मैंने तभी खाई|
32)सास-ससुर जी के मन में झाँका तो,
खुद पर अभिमान हुआ
किन्हीं अच्छे कर्मों का ही जरुर,
रब ने ऐसे मुझे इनाम दिया|
33)मेरे सपनों को दी एक नयी ऊँची उड़ान
सासू माँ ने हिम्मत से कराई मेरी पहचान
अपने जज्बे को नहीं देना कभी भी विराम
ऐसी किस्मत पर कैसे ना हो कोई कुर्बान|
34)अपेक्षाओं की जगह,
कर्तव्य-भावना ही है सम्मान सदा दिलाती
सास-ससुर है माँ पापा जैसे,
घर में खुशियाँ नज़र है तब आती|
सास ससुर पर funny शायरी
35)मुँह दिखाई भी दी, फिर चेहरा ढकने का,
हुक्म जारी हुआ
समझ नहीं आई बात,
यह कातिलाना हमला आखिर क्यूँ हुआ|
36)सासू माँ से होती रहती है,
खट्टी-मीठी नोंक-झोंक
हलुआ फीका कभी स्स्ब्जी में नमक नहीं,
सुनते है रोज|
37)नृत्य की सुंदर भाव-भंगिमाओं पर,
सब मोहित हुए थे यूँ
शादी के बाद हमें नहीं पसंद यह सब,
समझे नहीं भला क्यूँ|
38)अच्छी से अच्छी साड़ी भी क्या कहूँ
सासू माँ को पसंद ही नहीं है आती
अपनी सस्ती सी ड्रेस के चर्चे आखिर
सब को खूब प्यार से बताई है जाती|
39)सोचती हूँ सासू माँ भी तो, बहू थी न कभी
बात-बात पर कटाक्ष क्यूँ देती है जब कभी
बहू चाहे कर लें कितनी भी मन से सेवा
खुशनसीब नहीं हर लड़की,नहीं मिलता मेवा|
40)देवर हमारे लक्ष्मण जैसे, करते बहुत आदर
चुटकी बजा पल में कर देते, काम फटाफट
सास ससुर का गर्व है सच में ही बेमिसाल
बच्चे सभी करते दोनों का,प्यार भरा सत्कार|
41)नयी नयी डिश का न जाने, कितना है शौक
रसोई में ही क्या लगे रहें हम दिन और रात
उसकी बहू कभी,इसकी बहू के चर्चे हर रोज
हमारे गुण भी दोष से लगते,समझ नहीं पाते आज|
42)ननद पढ़ी-लिखी है यूँ तो बहुत हमारी
हमसे खतरा इतना,बेमतलब बातें करती सारी
सासू माँ भी थोड़ा हो जाती है बस जज्बाती
अच्छा नहीं लगता ननद की आग लगाई हुई सब बातें|
43)मौसी सास से जमती है खूब, सास की हमारी
आखिर उनकी छोटी लाडली बहन, जो ठहरी
उनकी गोल-गोल आँखें, चुगली करती कुछ ऐसे
ध्यान नहीं रखते हों,हम तो विदेशी लड़की हैं बेचारी|
44)कभी पुदीने की चटनी,कभी फलों के जूस
कभी आलू के परांठे तो कभी पाव भाजी
सास-ससुर जी खाने के है इतने ज्यादा शौक़ीन
थक गए पूरी करते फरमाइश,मीठा भी लगे नमकीन|
45)फेसबुक हो या इन्स्ताग्राम,सासू माँ है छाई हुई
हर पोस्ट पर ससुर जी से, मिलती पहली लाईक
किट्टी पार्टी की तो वो है जान,पूछो ही मत अब
ससुर जी के साथ के डांस,वायरल होते दिन-रात|
सास ससुर पर अनमोल रचनाएँ
46)व्रत -उपवास का कोई अंत नहीं ससुराल में हमारी
भूखे रहने की जो आदत नहीं थी न कभी हमारी
कर्मों पर अटल विश्वास की ही, सीख थी हमने पाई
सासू माँ को बात जब मन की, हिम्मत कर बताई
ससुर जी के समर्थन से उनकी,आँखें लाल हो आई|
47)सुबह सवेरे रोज छू पांव, सास ससुर जी के
ले आशीर्वाद भर लेती हूँ, दिन भर की उर्जा
दिन भर बच्चों के पीछे, दौड़-दौड़ के सच में
हो जाता ढीला शरीर का, हर एक पुर्जा-पुर्जा|
48)पिया की प्यारी माँ का ध्यान,रखती हूँ खूब
ससुर जी दिखते सदा, लिए पापा का स्वरुप
मांगी थी खुदा से मैंने यही एक मन्नत
घर मिला ऐसा सुंदर,होगी ऐसी ही जन्नत|
49)आपसी प्यार को देख,जल जाते हैं कुछ रिश्तेदार
नमक मिर्ची मिला खूब, भड़काते रहते हैं बार -बार
अपन भी भाई कुछ कम तो नहीं है,सुनते लगा ध्यान
सास ससुर जी हँसते जोर से,सुन किस्सा हम से हर बार|
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50)माँ पापा को देता, दिल बहुत सारा धन्यवाद
घर ढूंढा ऐसा जैसे मंदिर, बन खुशियों से आबाद
आराध्य मेरे सजना और पूज्य मेरे सास ससुर
दिल से निकलें उनके लिए, बस प्यार बेशुमार|
51)मेरे खामोश लबों की पीड़ा आप स्वयं ही जान जाती हैं
किसी न किसी बहाने बात करने की जुगत लगाती हैं
क्या खाएगी बिटिया हमारी,कह मन टटोलती जाती हैं
सासू माँ ऐसे मैं डांट बिलकुल भी, नहीं कभी लगाती हैं|
LOVE YOU SASU MA ❤️
सास ससुर के लिए शायरी पर भावनात्मक कविताएँ बेहद संजीदगी से लिखी हैं| जिस घर में जीवन भर रहना है तो वहां अपने in laws को दिल से सम्मान देकर उनका हृदय जीत कर जिन्दगी भर की खुशियाँ प्राप्त कर सकते हैं| पिया जी तो फिर बस आपके मुरीद हो ही जाएंगे| सच हैं न !
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रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।