दूसरों को सबक़ सिखाने वाली शायरी यानि बंद आँखों पर पड़े चश्मे को उतारने की आई बारी

दूसरों को सबक़ सिखाने वाली शायरी,हाँ जी,बिलकुल ठीक पढ़ा है आपने,इस ब्लॉग में यह बताने की कोशिश की है कि पर उपदेश कुशल बहुतेरे वाली बातें कहने वाले लोगों को कभी कभी यह समझाना ज़रूरी हो जाता है कि पहले इंसान ख़ुद को देखे और फिर कहे। जीवन में बहुत बार दूसरों को भी सबक़...