माँ के साथ कैसे यादें बनाएं,यह ख्याल ही अपनेआप में बहुत ही सुंदर विचार है।अपनी प्यारी जननी के संग बीता हर पल ही तो यादों में बदल जाता है।

एक माँ और एक बेटी होने के नाते इस बात को खूब समझती हूँ।आइए जरा हट कर कुछ सोचते हैं।

(ब्लॉग के अंत में लिखी कविता को जरुर पढ़िए)

माँ के साथ कैसे यादें बनाएं

माँ के साथ कैसे यादें बनाएं,हर पल की तस्वीर दिल में बसाएं

 

माँ के साथ कैसे यादें बनाएं पर बेहद शानदार 59 उपाय 

 

1.

आप उनके साथ कनेक्टेड है,अहसास कराते हुए

माँ आपकी हैं और स्नेह सबसे ज्यादा भी आप से करती हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा और सुंदर अहसास भी है।आप माँ को खुद से कितना कनेक्टेड रखते हो,इस बात पर जरुर विचार करें।उनसे जुड़ीं हुई सब बातों को अपनी सुनहरी यादों में कितना समेटे हो,यह बहुत जरुरी है।

 

2.

सबसे प्यारा मेरा बच्चा – अधिकार पूर्ण दावे के हावभाव को निहारते हुए 

दुनिया भर में किसी भी माँ से कोई अगर पूछे कि सारे जहाँ में सबसे सुंदर और सबसे अच्छा बच्चा कौन है तो तपाक से हर ओर से एक ही ध्वनि सुनाई देगी कि मेरा बच्चा।उस अधिकार पूर्ण बातचीत को बस अपने दिल में सहज कर रखें और जब भी कोई निराशा का पल जीवन में आएं तो इस बात को सिद्ध करने के लिए पुनः प्रयास करने में जुट जाएँ।

 

3.

मेरी मार्गदर्शिका- मेरी माँ उनके प्रति शुक्रिया अदा करते हुए 

जीवन में माँ सबसे सच्ची और सही दिशा निर्देशक होती हैं।ऐसा कभी सपनें में भी नहीं हो सकता है कि गुस्से में भी अपने बच्चे का अहित सोचें।ऐसे अनमोल ईश्वर द्वारा प्रदत तोहफे के लिए किसी भी तरीके से शुक्रिया अदा किया जाना चाहिए।यदि अभी तक नहीं किया तो करने के लिए सोचें और माँ के इस प्यार को यादों में संभाल कर रखें।

“मैं आज जो कुछ भी हूँ,जो कुछ भी होऊंगा,इसके लिए मैं अपनी प्यारी माँ का अहसानमंद हूँ”-अब्राहम लिंकन 

 

4.

मेरी सुपरहीरो माँ- गर्व से सबको बताते हुए

जैसे माँ के लिए उनका बच्चा दुनिया का सबसे सुंदर और सबसे बढ़िया बच्चा होता है ठीक वैसे ही हर बच्चे की सुपर हीरो उसकी माँ होती है। अपनी माँ के खिलाफ कोई भी कुछ नहीं सुन सकता है।माँ के साथ बीते पलों को गर्व से सबको बताएं और अपनी सुनहरी यादों में हमेशा के लिए सजा कर गर्वित होने का अहसास कीजिये।

 

5.

माँ सबसे अच्छी दोस्त- यह भाव को जान उनका खुश होते देखने के लिए 

माँ से जब भी कहते हैं कि आप दुनिया में सबसे अच्छी माँ होने के साथ-साथ सबसे बढ़िया दोस्त भी हो तो उनकी ख़ुशी देखने लायक होती है। तितली की तरह खिल सी जाती हैं।माँ सच में सबसे बड़ी गमगुसार और बेहतरीन मित्र हैं और यह बात मेरे लिए मेरी यादों के लिए सर्वोत्तम याद है और रहेगी।

 

6.

मैं उनका अंश हूँ, इस पर उनका गर्वित होना  

माँ का गर्व जरा देखिये वो इस बात को लेकर ही सर्वाधिक प्रसन्नता महसूस करती हैं कि मैं उनका ही अंश हूँ। यह बात सोलह आने सच भी है।मेरी यादों में भी यह बात स्वयं में गर्वित करने वाली है कि मैं इतनी विद्द्वान और गुणी माँ की संतान हूँ जिन्होंने हर पल कुछ न कुछ उत्तम व सही राह को ही दिखाया और सिखाया।यादों में अंतिम श्वास तक आपकी यादें रहेंगी।

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7.

जीवन की सबसे अमूल्य सौगात- माँ 

इस धरा पर जन्म लेना और एक माँ के रूप में आपकी कोख से लेना- यानि ईश्वर ने आपको एक सबसे कीमती सौगात के रूप में भेजा है।कोई भी उपहार या कोई भी नगीना आपसे बढ़ कर बेशकीमती हो ही नहीं सकता। आप अमूल्य हैं आपकी हर सीख बेमिसाल है।मेरा और मेरी यादों में बसी यह बात हमेशा ही सबसे ऊँचे स्थान पर रहेगी।

 

8.

कविता या शायरी को सुनकर उनका खुश होना 

माँ पर यूँ तो महाकाव्य लिखना भी कम पड़ जाएगा इतना कुछ होता है हर बच्चे के पास कहने को,बताने को,प्यार जताने को,आभार व्यक्त करने को।अगर आप अपनी भावनाएं लिख कर नहीं दिखा सकते तो एक लाइन या दो पंक्तियों की अभिव्यक्ति भी बहुत है क्योंकि आखिरकार आप अपने जज्बात उन तक पहुँचाना ही तो चाहते हो।बस कलम उठाइए और शुरू हो जाइए और बया करिए अपने अहसास।

 

9.

उनकी परवाह करना- उनका मुस्कुराना

माँ को सबकी परवाह करना अच्छा लगता है और शायद ईश्वर ने दुनिया भर में सब माँओं को इसमें पारंगत करके ही भेजा हुआ है।उनकी मुस्कुराती हुई निगाहें बरबस उनके प्रति श्रद्धा का भाव जगाती हैं।मेरे द्वारा थोड़ी सी परवाह को भी वो बहुत बड़ा काम मानती है और सब को ख़ुशी से चहक-चहक कर बतायेंगी कि उनके बच्चे उनकी कितनी ज्यादा परवाह करते है।ओ माँ- परवाह करना भी तो आपने ही सिखाया है।

 

10.

 गलती करने पर खुले दिल से माफ़ करना

दुनिया में शायद माँ की अदालत ही ऐसी होती है जो दिल से माफ़ी मागने पर खुले हृदय से किसी को भी माफ़ कर सकती हैं और ऐसे में बच्चों को तो थोड़ा विशेष छूट मिल ही जाती है।सवाल यह है कि बच्चों को भी पूरे दिल से पूरे वचन से अपनी गलतियों को मानना चाहिए और फिर गलती से भी वो गलती दुबारा न हो,इसका ध्यान सदा ही रहे। माँ यादों में भी कोई गलती नहीं होगी-पक्का वायदा।

 

11.

समस्याओं पर उनके बेबाक निर्णय

 घर में,परिवार में जब भी कोई बात या समस्या आ जाए तो माँ के पास सब सलाह लेने आते हैं। वो बिना किसी लाग- लपेट के जिस की भी गलती हो,कहती है व आगे ऐसा ना हो इस बात की गारंटी भी संग में लेती है।जब यादों का भंवर चलता है तो एक निर्भीक माँ की संतान होने पर जो गर्व महसूस होता है न,उसे शब्दों में बया करना संभव ही नहीं है। यादों में खुद को भी ऐसे ही बनने की चाह जगती रहती है।

 

12.

पहली सैलरी देने पर उनकी आँखों का नम देखते हुए 

बचपन से माँ का एक ही सपना होता है कि कब उनके बच्चे नौकरी करें या किसी भी व्यवसाय को करें या कोई अन्य क्षेत्र भी चुने पर बस अपने पैरों पर खडें हो सकें।ऐसा होने पर जब बच्चा अपनी पहली कमाई माँ के हाथों में रखता है तो वो क्षण बेहद भावुक और आँखों को ख़ुशी के आंसुओं से नम भी करता है।यह अश्रु युक्त माहौल माँ के साथ बिताएं पलों का बहुत याद आने वाला पल बन जाते है जो हर बार सेलरी मिलने पर रह-रह कर याद आते हैं।

 

13.

उनकी जिन्दगी के बारें में रूचि दिखाते हुए 

आपने उन्हें अपनी माँ के रूप में पाया है और अनेक अपेक्षाओं को भी जाहिर करते रहते हो,जिसे वो बहुत प्रेम और मृदुल भाव से पूरा करती है।आपने मगर उनकी जिन्दगी के दूसरे पहलुओं को कितना जाना। बस इस पर ध्यान देंजानने की कोशिश करें की उन्हें क्या अच्छा लगता है और अपनी उनके साथ यादें बनाइए।

 

14.

उनको उनके बचपन में ले जाते हुए 

माँ को भी और सब लोगों की तरह अपना बचपन बेहद प्रिय लगता होगा। क्या कभी उनके जीवन के अनछूए पक्ष को जाना,कभी पूछा। क्या कभी ऐसे सोचा ही नहीं।अब भी कोई बात नहीं आगे बढ़कर जान लीजिये।कैसा था उनका बचपन ,किस तरह के खेल खेलती थी वो। क्या पढ़ना ज्यादा अच्छा लगता था। कैसी दिखती थी वो। उनका निक नाम आखिर क्या था। इन सब को सूचीबद्ध करिए और याद करते रहिए।

 

15.

उनकी सहेलियों के बारें में बातें करते हुए 

एक इन्सान होने के नाते माँ की भी अनेक सहेलियां होंगी ही। जिनसे बातें करते हुए उनकी आँखों में चमक रहती है।आप भी तो उनकी सखियों के बारें में जानिए और कैसे उनको उनसे मिलवा सकते हैं,प्लान करें और हो सके तो एक सरप्राइज पार्टी घर पर या बाहर आयोजित करें।सब के साथ बीते साथ को अपने यादों के पिटारे में कैद कर लें। 

 

माँ के साथ अच्छी यादों को सहजने के सुंदर तरीके 

 

16.

उनको कौन सी यादें अच्छी लगती हैं,उनकी बातें सुनते हुए

माँ को अपनी जिंदगी की कौन सी यादें सुहानी लगती हैं और क्यों।कभी घर में कोई इस प्रकार का जिक्र करता है क्या। शायद नहीं।माँ से बहुत प्यार से बात छेड़े और उनको बताते समय उनके चेहरे के हावभाव देखें।आप इन पलों को कभी भूल ही नहीं पायेंगे क्योंकि वो उस समय उस एक नन्ही सी चुलबुली लड़की बन बतायेंगी और यही साथ तो यादें बनाएगा। 

 

17.

किस याद से वो सबसे ज्यादा परेशां होती हैं,जाने और तसल्ली दें 

माँ के जीवन में भी हो सकता है कि कुछ यादें ऐसी हों जिन्हें दोहराते हुए वो उदास या परेशां हो जाती हों।आप उस समय उन्हें आगे बढ़ कर गले लगाये और तसल्ली दें कि वो समय गया अपने आज को एन्जॉय करें।सच में माँ के चेहरे पर सुकून दिखेगा क्योंकि आप ने यानि उनके अपने बच्चे ने यह बताया।आप के साथ माँ को भी यह समय अच्छा लगेगा।

 

18.

कौन सी डिश सबसे अच्छी लगती है,उन्हें बताते हुए 

यूँ तो माँ को अपने बच्चों की पसंद और नापसंद मालूम होती ही है पर बच्चे जब थोड़ा लाड-मनुहार करते हुए बनाने को कहें तो वो उनके लिए ख़ुशी के पल बन जाते हैं।इस बातचीत को और कैसे और किस तरह से कहा गया,येही अंदाज़ तो उनकी और आपकी यादों में बसेगा और इसे साथ में शामिल जरुर करें। एक समय के बाद यही लम्हें आपको आनंद की अनुभूति कराएँगे।

 

सुबह उनके गुनगुनाते भजन को चुपके से रिकॉर्ड करते हुए 

माँ को ब्रहममुहूर्त में उठने की और ईश्वर के प्रति धन्यवाद देने की आदत है जो उन्हें अपनी संस्कृति से रूबरू करने का अहसास देता है।उसी गुनगुनाते हुए भजनों को माँ बड़ी ही भक्तिमय तरीके से लयबद्ध होकर गाती है।आप किसी दिन चुपके से रिकॉर्ड करके बाद में सुनाये और जब तब याद कर खशी महसूस करें।

 

20.

बचपन के छाते और रेनकोट को दिखाते हुए 

घर की अलमारी को साफ करते हुए कभी-कभी भूली बिसरी चीजें भी मिल जाती है।ऐसे में जब कभी छाता या कोई रेनकोट या कोई बचपन की चीज़ मिलें तो उस वस्तु के साथ बहुत सी घटनाएँ भी घटी हुई होती हैं।माँ को दिखाएँ और फिर माँ को सारा विवरण सुनाइए। माँ भी अपने अनुभव बतायेंगी और यादों की किताब में एक पन्ना ओर जुड़ जाएगा।बचपन का और वो भी माँ के नटखट बचपन का।

 

21.

बचपन में मिली लाल साइकिल की यादें साँझा करते हुए

याद है वो जन्मदिन जब कुछ दिन पहले से आप लाल साइकिल लेने की जिद कर रहे थे बिना यह जाने कि वो बहुत महँगी थी और शायद उस ले पाना मुश्किल था।जन्मदिन आपका एकदम बढ़िया लगा जब वो लाल साइकिल लेकर माँ और पापा लाए थे। माँ ने पापा से कह कर मंगवाई थी। माँ के साथ वो यादें कैसे भूलेंगे और क्यों भूलना चाहेंगे।माँ ने कैसे उस साइकिल के लिए अपनी छिपी हुई पोटली से पैसे निकल कर दिये होंगे।

 

22.

उनका स्वास्थ्य के प्रति ध्यान का आभार जताते हुए 

माँ और बच्चे के स्वास्थ्य की चिंता करना हर माँ के लिए हमेशा ही बहुत ज्यादा रहता है।आप जब-जब बीमार हुए माँ की आँखें सारी रात जागती रहती हैं।माँ को कभी इतने ध्यान रखने के लिए और एक स्वस्थ शरीर बनाने के लिए धन्यवाद दिया। नहीं न,तो आज ही दिल से आभार जताइए और माँ के साथ की यादों में एक विशेष स्थान भी दें।

 

23.

सुबह उठाना और पढने की प्रेरणा के लिए यादें लिखते हुए 

पढाई में बच्चों की प्रोग्रेस रिपोर्ट माँ की धड़कनों को बढाती-घटाती रहती है। आप कैसे अपने स्कूल और कॉलेज में रहें यह आपके साथ साथ माँ के लिए हमेशा अहम् रहा।जब आपने कोई प्राइज जीता तो माँ की ख़ुशी तो रोके ही नहीं रुकी थी।याद हैं वो अविसमरणीय क्षण। यादों में खुशबू की तरह महकते हुए उन यादों को माँ वाले पन्नों में रखिए।

 

24.

पिकनिक की होती मस्ती को सहेंजते हुए 

साल में एक या दो पिकनिक पर बच्चों को ले जाना माँ को हमेशा अच्छा लगता था और वहां भी उनकी पढाई करने की आदत बदस्तूर जारी रहती थी।पिकनिक की उन फोटोज को माँ संग निहारिये और पुरानी यादों में ढेर सारी मस्ती फिर करिए।सारा का सारा दृश्य फिर से सामने आ जाएगा।यादों में फिर से पिकनिक को मनाइए।

 

25.

पहाड़ों पर ट्रैकिंग के अनुभवों को याद करते हुए

माँ हमेशा से ही एक साहसी महिला के रूप में जानी जाती थी।घूमने के लिए वो सदा ही तत्पर रहती हैं।बस जिक्र किया नहीं और माँ का समान तैयार।तो नयी यादों की एक नयी एल्बम के लिए पहाड़ों पर ट्रैकिंग करने निकल जाइए और बीच बीच में कैसे रुके और कैसे आगे बढ़ें की बहुत सारी ढेर सारी यादे भी साथ में संजो लीजिये।

 

26.

हर जिद को पूरा किया -एक सुखद अहसास बया करते हुए 

माँ से जिद करना हर बच्चे का मानों जन्मसिद्ध अधिकार सा होता है और माँ का उस जिद को पूरा करने में ख़ुशी को महसूस करना।याद नहीं पड़ता है कि कभी कोई ऐसी जिद हुई हो जो आपने माँ से की हो और वो पूरी न हुई हो।पापा की शिकायत भी सुनती हैं कि तुमने अपने बच्चों की जिदें पुरी करके बिगाड़ा हुआ है। न माँ-तुम से जिद नहीं करेंगे तो क्या पड़ोसियों से करेंगे?

 

27.

एक कामकाजी महिला के रूप में उनकी कार्यकुशलता को सराहते हुए 

माँ स्वयं एक कामकाजी महिला रहीं हैं।सुबह से शाम तलक तक कितनी भागादौड़ी उनकी रहती हैं कि कई बार हैरानी होती है कि सब कुछ मैनेज कैसे कर लेती हैं।उनकी तारीफ कीजिये और उनके अनुभवों से लाभ उठाइए। उनके काम करने के तरीकों को अपने जेहन में रखें क्योंकि यही बातें आपको आगामी जीवन में न सिर्फ काम आएँगी वरन आपकी कार्यकुशलता भी बढ़ाएंगी।

 

पहली बार चाय बनाने पर माँ की टिप्स को याद रखते हुए

सारे दिन सबका ध्यान माँ ही रखती हैं और उन्हें सब याद रहता है कि किसे कब क्या चाहिए होता है।हैं न हैरानी की बात।किस को किस तरह का स्वाद पसंद हैं यह तो बखूबी जानती हैं वो।जरा आप भी माँ के लिए कम से कम चाय तो बना ही सकते हैं न।उनसे गुर सीखिए कि कैसे स्वादिष्ट और जायकेदार चाय बनाई जाई जा सकती है।अपनी यादों में वो सारी सामग्री और बनाने का तरीका जरुर याद रखें।

  

29.

तरह तरह के व्यंजनों में माँ के साथ बिताएं खुशबूदार पल को महसूस करते हुए

रसोई से आती तरह-तरह के व्यंजनों की खुशबू से आप खींचे चले जाते हैं और सका स्वाद चख कर बताते रहते हैं। यह नुक्स निकलने से काम नहीं चलेगा।माँ से पूछिए कि उन्होंने कहाँ से और किस से सीखा यह सब। उन डिशेस से जुडी ढेरों बातें माँ खुश होकर सुनाएंगी और आगे आप अपने बच्चों को। एक विरासत की तरह सब बन जाएगा।

 

30.

एक ममता भरी और  उनकी प्यार भरी देखभाल की तारीफ करते हुए  

माँ स्वभाव से ही सवेंदनशील होती हैं। हर बात हर काम में एक ममता और उनके प्यार की झलक दिखाई देती है।अब आप को करना क्या है आखिर यही सोच रहें हैं आप।अपने भाव भंगिमा से उनके प्रति अपने दिल के जज्बात जाहिर करें और आप उन जैसी माँ को पाकर खुद को सौभायशाली मानते हैं- यह भी दिखाएँ। माँ के चेहरे की ख़ुशी को अपनी यादों में सदा के लिए बसा लीजिये।

 

माँ के साथ सुनहरी यादों को कैसे बनाएं पर बेहतरीन लेख 

 

31.

मेरा जन्मदिन यानि घर में उत्सव का माहौल बनाने के  यादगार क्षण को याद दिलाते हुए 

क्या आपको कोई ऐसा जन्मदिन याद पड़ता है जब घर में एक उत्सव का माहौल न बना हो। शायद कभी भी नहीं। माँ का उत्साह हर बार पहले से ज्यादा दिखेगा।उन सभी पलों को हमेशा के  लिए यादगार दिन के रूप में संजोयें रखें ताकि आप माँ के साथ के समय को सुखद यादों वाले बक्से में तहजीब से रख सकें।

 

32.

माँ के साथ झूठ बोलने पर हर बार पकड़ा जाने पर रुआंसा मुँह बनाते हुए 

माँ के लाख समझाने के बाद भी आप कई बार डांट या किसी भी वजह से झूठ बोल ही देते है और खुद को होशियार समझते हुए कि माँ को पता नहीं चलेगा।माँ तो जीवन की प्रथम गुरु होती है और बच्चे को झूठ को पकड़ने में माहिर भी। अब वही डांट या सलाह आगे हमेशा एक सीख की तरह काम भी आएगी गर बशर्ते आप की यादों में रहेंगी।

 

33.

पौधों को पानी देने के साथ बातें करने को सीखना की आदत डलवाने के लिए

घर की बगिया है तो छोटी सी पर उसकी देखभाल आपकी माँ यानि एक विशाल हृदय इन्सान द्वारा हो रही है। गौर किया क्या आपने कभी। माँ के साथ उस हरियाली वाले क्षणों को यादों में एक सुंदर फूल की महक की तरह बसा लीजिये और खुद भी पौधों से जी भर कर माँ की तरह बातें कीजिये।

 

 34.

घर को व्यवस्थित करने में उनकी हिदायतें मानने के लिए 

घर और वो भी एकदम चकाचक दिखे-बस माँ के प्रयास ढेर सारे।चाहे कितनी भी थकी हो पर सफाई के मामले में नो सुस्ती।सबके सहयोग के बिना भी वो अकेली ही लगी रहती हैं।आपने कभी माँ की हिदायतों पर ध्यान दिया।अब तक नहीं दिया तो देर किस बात की। माँ के साथ अपने प्यार से आशियाने को माँ के अनुरूप सजाने में साथ दें और उनकी सारे निर्देशों को यादों का हिस्सा बनाइए।

 

35.

अपने पुराने कैमरे से मेरी ढेरों फोटो लेते रहने की आदत के लिए

माँ भी न जाने किस दुनिया की प्राणी हैं क्योंकि जब देखो मेरी फोटो लेती रहती हैं। पूछों तो कहेंगी कि जब तुम घर से दूर होते हो न,मैं इन सब चित्रों को देख खुश होती हूँ।कितना गहरा रिश्ता है आप का अपनी माँ से। आप भी तो यह काम कर सकते है। सारे दिन में अलग-अलग तरह के कामों में व्यस्त माँ के बहुत सारे पोज़ की फोटो खींचिए और अकेले में उन यादों को दोहराइए।

 

 

36.

हर अच्छी बात पर उनका धन्यवाद देने के गुण को सिखाने के लिए 

ईश्वर के प्रति धन्यवाद करना न भूलें क्योंकि उन्होंने आपको दुनिया का सर्वश्रेष्ठ उपहार जो दिया है।एक ऐसी माँ जिन्होनें हर कार्य के प्रति एक आभार वाला स्वभाव रखने का पाठ पढ़ाया।आप उनकी इस आदत को दिल से बहुत प्यार से प्यार भरे अंदाज़ से थैंक यू बोलें और यादों का सबसे अच्छा पन्ना बनाइए,आगे स्वयं भी इस खूबसूरत विरासत को बढ़ाते रहिए।

 

37.

सब काम छोड़ कर मेरे साथ समय बिताने के लिए 

माँ को कैसे कोई भूल सकता है जो जब देखो आपके एक बार कहने पर ही सब कुछ छोड़ कर आपकी बात को मानती हैं और ख़ुशी-ख़ुशी मानती हैं।यादों के किसी भी कोने में से यह बात तो कभी निकल ही नहीं सकती और निकलने भी मत दीजिये। यादें भी मुस्कुरा कर आपके संग ही रहेंगी।माँ के लिए उनका बच्चा उनकी पहली प्राथमिकता है और आपकी?

 

छोटे-छोटे काम करने पर मेरी पीठ को थपथपाना के लिए 

यह माँ ही तो होती हैं जो जरा से छोटे से काम पर भी खुश होकर आपकी पीठ थपथपाती हैं और अच्छा करने की प्रेरणा भी देती हैं।माँ का यह तारीफ करने का अंदाज़ उफ्फ कैसे भूल पायेंगे क्योंकि फिर अनेक कार्य अच्छे करने की प्रेरणा जो मिलती रहती है और यादें भी चाह कर ऐसा नहीं होने देंगी।यादें तो होती ही है 

 

39.

पर्सनल गिफ्ट्स देख कर भावुक हो गले लगाने के लिए 

माँ के लिए कुछ भी पर्सनल गिफ्ट्स जब भी लातें हैं तो वो एकदम से इतनी भावुक हो जाती हैं,जैसे उन्हें कोई खज़ाना मिल गया हो।मेरी यादों के सफ़र में माँ के साथ यह इमोशनल पल बहुत ज्यादा मायने रखते हैं क्योंकि माँ के चेहरे पर मोती मानिंद अश्रु जो आ ठहरते हैं।यह मोती अपनी यादों की माला में पिरोकर रखेंगे।

 

40.

ज्वेलरी को भावी पीढ़ी के लिए संजो कर रखने के चाव जताने के लिए

न जाने क्या बात है कि माँ अपने गहनों को गाहे-बगाहे अपनी अलमारी से निकल कर देखती रहती हैं। उन की आँखों में मानों बहुत सारी यादें उस समय घूम रही होती होंगी।अपने बच्चों के लिए और आगे आने वाले बच्चों के लिए किसे कब क्या देंगी,यही हिसाब किताब लगाती रहती हैं। मेरी यादों में माँ के यह पल बहुत संभाल कर रखे हुए हैं।  

 

41.

सुख दुःख में उनका समभाव का होना 

जीवन है तो सुख दुःख का मेला तो लगा ही रहेगा,ऐसा माँ का कहना है और यह बिलकुल सच भी है।माँ ने सुख को आनंद लेने और दुःख में धीरज से शांत रहने की जो आदत डलवाई है वो अतिउत्तम है।समभाव की नेचर बच्चों में भी आती ही है और माँ की यह बात मेरी यादों में हमेशा एक नायाब सीख की तरह समायी हुई है।

 

42.

सहनशीलता से परिवार की सबसे प्रिय व्यक्ति होना 

घर संसार में अनेक बार कई अप्रिय घटनाएँ हमें विचलित करती है और दूसरों के व्यवहार हमें उकसाते भी है कि पलट कर जवाब दें।माँ ने अपनी सहनशीलता से सब का हृदय जीता हुआ है।कड़वे वचनों का उत्तर ख़राब बोल नही होते है वरन समय लेकर अपनी बात को रखना आना चाहिए। माँ की इस बात ने मेरी लोकप्रियता तो बढाई ही और बुद्धिमान होने का ख़िताब भी दिलवाया। माँ की यह अमूल्य सीख,यह यादें अविस्मरनीय रहेंगी।

 

43.

एक छोटे से प्रेम सन्देश से ख़ुशी महसूस कराना 

बहुत दिन होने पर माँ की याद सताने लगती है और मिलने को भी मन बैचैन हो उठता है। अब ऐसे में क्या कुछ नया ऐसा करें जो माँ के दिल को खुश कर दे।इस बार जब एक छोटा सा मिस्सिंग यू सन्देश लिख कर भेजा तो माँ फिर से भावुक हो उठी और प्यार से अपनी भावनाएं उन्होंने भी लिख भेजी और यह सन्देश मेरे साथ ताउम्र रहेगा मेरी सुनहरी यादों में एक ख्वाब की तरह।

 

44.

उनकी  करुणामयी आँखों में सदा ही स्नेह झलकना 

माँ का जिक्र और साथ में दिखतीं उनके आँखों में एक असीम स्नेह और करुणा। यही मूर्ति तो हर बच्चे के मन में बसी होती है। आखिर माँ हैं वो- ईश्वर के बाद स्वयं साक्षात् देवी का स्वरुप।उनकी प्रेम की अनुभूति सा ही दिल करता है और माँ की यादें जेहन में सबसे खुश करने वाली,घर को जन्नत सा बनाने वाली माँ की यादें।

 

45.

मेरे विकास और मेरे भविष्य की निरंतर प्रगति पर सोचना 

माँ के साथ यादों के सुंदर सफर में उनका मेरे विकास और भविष्य के निरंतर सोचना उनके अंनत असीम प्रेम को परिलक्षित करता है।न जाने क्यों वो चिंतित भी रहती हैं।जब भी उन्हें कहते हैं कि आप परेशां न हों तो हंस कर हमेशा ही कहेगी कि जब अपने बच्चे होंगे तो तब तुम भी ऐसे ही सोचोगे।माँ की कही बातें मेरी यादों में आ-आ कर बताती जो रहती हैं।

 

माँ के साथ मीठी यादों को कैसे बनाएं पर खूबसूरत उपाय 

 

46.

हंसी के चुटकलों को सुनाना और उनका दोहराना 

माँ के साथ पूरे दिन और रात में जब उन्हें काम में बहुत व्यस्त और थका हुआ देखते हैं तो उन्हें फिर से रिफ्रेश करने के लिए बहुत सारे चुटकुलों का भंडार बच्चों के पास अक्सर रहता है और माँ भी दिल रखने के लिए हंसी ना आने पर भी हंस पड़ती हैं।माँ तुम्हारे साथ बीते समय में उन्हीं जोक्स को दोहराते है और आप दिल रखते हुए बस इतना कहती है कि कुछ नया भी सुना दो भाई।अब जब तुम्हारी याद आएगी तो वो मस्ती भरा समय भी लौटता हुआ लगेगा। 

 

47.

माँ की पसंद की फ़िल्में साथ देखना 

माँ के साथ समय बिताने में उनकी पसंदीदा फ़िल्में देखना,टीका-टिप्पणी करना एक आदत हैं।माँ को फ़िल्में देखना बहुत ही भाता है और अपने बच्चों के साथ वो बेहद खुश होकर सिनेमाघर जाना पसंद करती है।घर आकर उस फिल्म के डायलौग दोहराना,किस सीन में क्या अच्छा लगा और क्या नहीं- फिर किसी-किसी दृश्य की एक्टिंग करके आपको दिखाना- वाह कितना मजा आता है यह सब बताने में या करके दिखने में।यादें कितनी धुंधली क्यों न हो जाएँ पर यह मौज- मस्ती भूलने वाली है ही  नहीं।

 

48.

पूजास्थल पर साथ में जाने पर उनकी ख़ुशी को महसूस करते हुए 

माँ को सुबह उठ कर नहा कर सबसे पहले ईश्वर की स्तुति करना बहुत ही ज्यादा पसंद है।उनकी दिली इच्छा रहती है कि उनके बच्चे भी इस आरती में शामिल हों।अब बच्चे तो बच्चे ही हैं।जॉब बढ़िया मिल गयी पर अपने आराध्यदेव के लिए टाइम नहीं है और ना ही वो श्रद्धा भी। पिकनिक के रूप में एक टूरिस्ट के रूप में नहीं इस बार माँ के साथ मन में प्रेम का भाव लेकर जब किसी तीर्थ स्थल गए तो माँ के चेहरे पर जो असीम शांति देखि वो याद का एक अहम हिस्सा बन गई।

 

49.

अपने दोस्तों को माँ से मिलवाते हुए 

माँ तो सबसे अच्छी दोस्त है ही पर जब जीवन में जो ओर दोस्त बनते है उन्हें माँ से मिलवाना जरुरी है।माँ की पारखी निगाहें यह भांप लेती हैं कि कौन किस तरह का व्यक्ति है।माँ के साथ यादों में यह बात बहुत जम कर याद आती है कि उन्होंने जो उनके दोस्तों के बारें में बताया था वो हमेशा ही सही निकला।यह बस माँ ही कर सकती है।

 

50.

घर के कामों में हाथ बंटाते हुए  

माँ को कभी आराम करते देखा किसी ने। शायद नहीं क्योंकि वो सब के मन का पूरा करने में लगी रहती हैं।थकने के बावजूद कोई शिकन भी माथे पर नहीं आती है।यह बच्चों की जिम्मेदारी बनती हैं कि बिना उनके कहे उनके साथ कार्य में हाथ बंटाएं।माँ का फिर प्यार से दुलारना कभी भी नहीं भूलेगा और जब तब यादों में मीठी सी मुस्कान भी लबों पर ले आएगा।

 

51.

गरीबों के लिए उनके उदारमन से प्रेरणा लेते हुए 

महिलाएं और खासतौर पर माँ हृदय से ही उदारमना होती ही है और किसी न किसी बहाने गरीबों की सहायता करने को तत्पर भी रहती हैं।माँ की यह आदत दिल में बसने योग्य तो है ही पर साथ में ग्रहण करने योग्य भी।जीवन में सिर्फ अपने लिए तो हर कोई जीता है पर दूसरों के लिए करुणा रखना माँ ने सिखाया। धन्य हो तुम माँ।

 

52.

गोद में रख कर मालिश करवाने के सुख महसूस हो जब 

मन उदास हुआ नहीं और माँ की गोद से बढ़ कर ठंडी छांव सा आराम कहाँ मिलेगा।माँ के हृदय की धडकनें बच्चों को एक अलग तरह का सुकून दिलाता है।माँ को याद करते ही उनके साथ होने का एक सुख भी साथ में खुद ही चला आता है।माँ की मोहक यादों में जी भर कर उनकी ममतामयी तस्वीर को सजाइए और बस उनकी गोद में सर रख कर उनकी अँगुलियों से चैन की नींद ले कर सोइए।

 

53.

उदासी में चुपचाप उनका मेरे काँधें पर हाथ रखा जाना 

माँ का हृदय अपने बच्चों की दुःख तकलीफ को बखूबी जनता और समझता है और हर समस्या का क्या निदान होगा यह भी करना जानता है।लाख छुपाने पर भी माँ की अनुभवी आँखें सब पता लगा लेती हैं।माँ के साथ ख़ुशी के टाइम का पता ही नहीं चलता है पर परेशानी या विपत्ति में उनका चुपचाप काँधें पर रखा हुआ स्नेहिल स्पर्श दिल को अंदर तक छू जाता है और यादों में एक हमेशा के जगह बना लेता है।

 

54.

तबियत ख़राब में होले से माँ का सिर दबाना 

माँ की रात-रात भर जागने की बातें बच्चे अक्सर सुनते रहते हैं और महसूस भी करते है जब बीमार हो जाते हैं। माँ से बड़ा डाक्टर अभी तक तो कोई हुआ ही नहीं।आज स्थिति जरा उलटी है क्योंकि अब माँ बीमार हैं और उनकी नासाज तबियत के लिए माँ के तपते माथे पर बच्चे का होले से प्यार भरा स्पर्श एक जादू का काम करता है।जादूगर की भूमिका निभाएं और यादों में माँ वाली कुशलता की तारीफ भी कीजिये।

 

55.

कम सब्जी पड़ने पर -भूख नहीं है कहना 

ऐसा कई बार हो जाता है कि कभी कभी ज्यादा स्वादिष्ट होने के कारण या अचानक किसी मेहमान के आ जाने पर सब्जी या खाना कम पड़ जाता है माँ का एकदम से कोई व्रत या कोई ओर कारण निकल आएगा जो उन्हें भूख न लगने पर सही बताएगा।माँ यह अचानक भूख नहीं नहीं की बात बचपन में तो कभी समझ ही नहीं आई पर अब बड़ें  होने पर खूब समझ में आ रहा है कि सब अच्छे से खाए इस बात का ध्यान आपको रहता था। ओह माँ!यह आपसी एडजस्टमेंट की बात कैसे यादों में से निकल पायेगी और क्यूँ निकालेंगे भी।

 

56.

पसीने से तरबतर होने के बावजूद रसोई में लगे रहना 

माँ की तस्वीर में एक ऐसी माँ का चेहरा उभरता हुआ आता है जो गर्मी में पसीने से तरबतर है पर बच्चों को ठीक से खिलाने के लिए उन्हें हर मौसम मंजूर है।माँ आखिर किस मिटटी की बनी हुई हो जो किसी भी त्याग तक जा सकती हो।माँ के साथ कैसे समय पंख लगा उड़ जाता है यह बात बाद में कितना ज्यादा तड़पाती है।

 

57.

उनसे कुछ मदद पूछने पर मेरे गाल पर प्यार से पुचकारने पर 

मन तो बहुत करता है बच्चों का,कि अपनी प्यारी माँ को आराम दें पाएं पर अक्सर यह नहीं मालूम होता है कि कैसे मदद करें।कई बार मदद के नाम पर काम ज्यादा बढ़ा देते हैं।बेहतर यह होगा कि माँ से ही पूछ लिया जाएँ कि किस काम में मदद करने से उन्हें सच में आराम मिलेगा।माँ थोड़ा नानुकर करेंगी पर जिद के आगे झुक भी जाएँगी।फिर ये ही मदद करते हुए पल यादों के इतिहास का हिस्सा बन जायेंगे।

 

58.

रिश्तेदारों के अनावश्यक बोलने पर उनके साथ अडिगता से साथ देना

ज्यादातर यह देखा गया है कि हर परिवार में कोई न कोई ऐसे रिश्तेदार भी होते हैं जो घर की शांति  भंग करने में लगे होते हैं। माँ अनावश्यक बातों को तूल नहीं देना चाहती है तो चुप्पी लगा जाती हैं पर मन में परेशां होती रहती हैं।बच्चों का साथ उन्हें एक सहायता और यह तसल्ली देता है कि चाहे सारी दुनिया एक तरफ हो जाए पर उनके बच्चे उनके भावनाओं को ज्यादा समझते हैं।माँ के चेहरे का सुकून यादों में भी आपको भी अच्छा लगेगा।

 

गोलगप्पे और चाट खाते हुए छोटी बच्ची की तरह खाना 

माँ तो हर वक्त बच्चों की फरमाइश पूरी करती ही रहती हैं चाहे मन हो या ना हो।बच्चे ने कुछ खाने को कहा और झट से रसोई में।यह हर घर में हर माँ के साथ ही होता है।माँ को अब जब मौका मिलें तो उन्हें चाट और गोलगप्पें खिलाने ले जाइए और एक छोटी सी बच्ची की तरह चहकते-महकते हुए देखिये। यकीं मानें आपकी यादों में यह चुलबुलापान हमेशा आपको भी गुदगुदायेगा। 

तुम्हारे संग गुज़ारे वो लम्हे माँ

 

तुम्हारे संग गुज़ारे वो लम्हे माँ थे मेरे यादगार लम्हे

चुराए मैंने और यादों की पोटली में संग बाँध लिये।

 

मन को घेरती जब भी रिक्तता,एक सूनापन एक उदासी

ठंडी हवा के झोंके से,मानों जादुई रंग आसपास बिखेर दिए।

 

अचार की सौंधी ख़ुश्बू वो मीठी चटनी की मीठी महक

बचपन के बस्ते से निकल आफिस के पर्स में जगह लिए।

 

मातृत्व की डगर पर इमली की खट्टी चटकार के क्या कहने

नख़रे उठाने की तुम्हारी आदत अब भूली-बिसरी सी बातें लिए।

 

माँ हर पल हर लम्हा यूँ तुझे देखने को अब नयन तरसते हुए

अब उन यादों के सहारे जीने की कला को हम भी सीख गए|

 

माँ के साथ कैसे यादें बनाएं पर अपने अनुभवों और सोच से बहुत से तरीके बताने की कोशिश की है। 

अपनी प्रिय जननी के साथ यादों को यादगार बनाने के उपाय जरुर पढ़िए और आजमाइए भी। COMMENT BOX अपनी राय से अवगत भी करना न भूलें।